RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
अब तक आपने पढ़ा कि राजन, सोनिया और नेहा ने समीर को अपनी पारिवारिक चुदाई के खेल में शामिल करने की पूरी योजना बना ली थी। तैयारी भी पूरी थी और समीर आते ही सबके साथ घुल मिल भी गया था।
अब आगे…
यूँ ही चुहलबाज़ी करते हुए दिन कब बीत गया पता ही नहीं चला। शाम को जब राजन वापस आया तो तीनों सोफे पर बैठे सनी लिओनी की जिस्म-2 देख रहे थे। समीर बीच में बैठा था और उसने अपनी दोनों बाँहें सोनिया और नेहा के गले में डाल रखीं थीं। अपनी उंगलियों से वो उनके कंधे सहला रहा था। राजन को ये देख कर ख़ुशी हुई कि समीर जल्दी ही इतना घुल मिल गया था। उसने सोचा, चलो अच्छा है, अब आगे ज़्यादा दिक्कत नहीं होगी। लेकिन समीर ने जैसे ही देखा कि जीजाजी आ गए हैं उसने अपने दोनों हाथ झट से हटा लिए।
राजन- अरे इतना टेंशन न ले यार, इस घर में हम शर्म लिहाज़ नाम का जीव पालते ही नहीं हैं। हा हा हा…
नेहा- हाँ भैया, यही बात हम इसको दिन भर से सिखा रहे हैं लेकिन ये पता नहीं कहाँ कहाँ की तहजीब और अपेक्षाएं पाल कर बैठा है।
समीर- अच्छा बाबा गलती हो गई। अब यार, हमारे घर में हमारे माँ-बाप ने जैसा माहौल बना कर रखा था वैसा ही सीख गए।
राजन- यार, माहौल तो हमारे घर भी वही था लेकिन अब हम माँ-बाप से दूर यहाँ अकेले रह रहे हैं, तो अब तो खुल कर रह ही सकते हैं न। इसीलिए यहाँ तो सब खुलेआम होता है। तुमको कोई समस्या हो तो बता देना, हम वैसा एडजस्ट कर लेंगे।
समीर- अरे नहीं नहीं, मुझे तो अच्छा लग रहा है। ज़्यादा सोचने की ज़रुरत नहीं पड़ रही। जैसे नदी की धारा में बहते चले जा रहा हूँ।
नेहा- क्या बात है, समीर तो एक ही दिन में कवि बन गया।
ऐसे ही बातों बातों में समय कब निकल गया पता ही नहीं चला। सबने खाना भी खा लिया और नेहा ने घोषणा भी कर दी कि वो सोने जा रही है।
सोनिया- तू हमारे कमरे में ही सो जा, समीर और राजन तेरे कमरे में सो जाएंगे।
समीर- अरे दीदी, रहने दो मैं यहीं सोफे पर सो जाऊंगा।
नेहा- भाभी! भैया को क्यों वनवास दे रही हो। मुझे कोई दिक्कत नहीं है समीर चाहे तो मेरे कमरे में ही सो सकता है।
सोनिया- समीर, तुम नेहा के कमरे में जाओ। राजन को जहाँ सोना होगा वो अपने हिसाब से देख लेगा। दोनों ही बेड काफी बड़े हैं।
सोनिया ने हाथ पकड़ कर नेहा को अपने साथ ले जाते हुए धीरे से कहा- समीर अभी इतना बोल्ड भी नहीं हुआ है। वो तुम्हारे साथ सोने को तैयार नहीं होगा और यहीं सो जाएगा फिर हमको प्लान आगे बढ़ाना और मुश्किल होगा।
नेहा- हम्म… ठीक है अभी आपके साथ ही चलती हूँ, फिर बाद में देखेंगे।
सोनिया और नेहा बैडरूम में चले गए। उधर राजन बाथरूम से हाथ-मुँह धो कर वापस आया तो समीर नेहा के रूम में जा रहा था।
राजन- अच्छा तुम नेहा के रूम में सोने जा रहे हो?
समीर- हाँ, नेहा दीदी के साथ सोने गई है।
राजन- ओह्ह तो मुझे तुम्हारे साथ सोना है।
समीर- अरे नहीं आप चाहो तो नेहा को वापस भेज दो, मैंने तो कहा था मैं सोफे पर सो जाऊंगा।
राजन- अरे नहीं नहीं… ऐसा कैसे? तुम आराम से बेड पर ही सोओ मैं देख लूँगा जो भी होगा।
राजन के ज़ोर देने पर समीर नेहा के बेड पर ही सो गया। ये डबल-बेड ज़रूर था लेकिन उतना बड़ा भी नहीं जितना बैडरूम वाला बेड था। राजन भी दूसरा कोना पकड़ कर लेट गया। कुछ देर तक दोनों ने इधर उधर की बातें कीं और फिर सो गए। समीर को तो अभी नींद नहीं आ रही थी। एक तो वो अपने घर से बाहर कम ही जाता था तो किसी नई जगह पर नींद मुश्किल से ही आती थी, उस पर आज दिन भर में जो कुछ भी हुआ था वो सब उसके दिमाग में घूम रहा था.
अधिकतर वो नेहा के बारे में ही सोच रहा था ‘नेहा कितनी चालू लड़की है न, दीदी भी इतनी बोल्ड होतीं तो पता नहीं शायद हमारे बीच कुछ हो गया होता। जीजाजी बोल रहे थे कि वो कोई लिहाज़ नहीं मानते, कहीं सच में उनका कोई चक्कर तो नहीं हो नेहा के साथ? जैसे मैं अपनी माँ को चोदता हु कही राजन भी अपनी बहन कोतो नहीं चोदता जिस तरह नेहा का शरीर भरा है उससे तो लगता है बहुत खेली खाई होगी अगर ऐसा हो तो मुझे भी नई चुत मिलेगी दिदी का तो पता नही लेकिन नेहा का मेरे साथ तो चक्कर चल ही सकता है। इसमें तो कोई बुराई नहीं है।’
समीर इसी सब सोच में डूबा हुआ था कि उसने देखा की राजन धीरे से उठा और कमरे से बहार चला गया। पहले तो उसे लगा कि शायद पेशाब करने गए होंगे लेकिन जब कुछ देर तक कोई हलचल नहीं हुई तो वो समझ गया कि जीजाजी बैडरूम में चले गए हैं। समीर फिर सोच में पड़ गया कि कहीं उसका शक सही तो नहीं था। कहीं जीजाजी और नेहा… अरे नहीं, वो तो दीदी के लिए गए होंगे। लेकिन नेहा भी तो वहीं है, तो क्या जीजाजी अपनी बहन के सामने ही दीदी के साथ वो सब करने लग जाएंगे?
|