RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
अब तक आपने पढ़ा कि समीर को हालातों के चलते नेहा के साथ सोना पड़ा था और रात को नींद में जब नेहा उसके काफी नज़दीक आ गई तो उसने उसे छू लिया था। अगले दिन सुबह नहाते वक़्त नेहा पेशाब करने आई तो समीर ने उसे नंगी देखा और उसे लगा कि शायद नेहा ने उसे आँख भी मारी थी। इस सब से वो बहुत उत्तेजित हो गया था और उसने नहाने से पहले मुठ मार ली।
अब आगे…
मुठ मारने के बाद नहा-धो कर जब समीर टब से बाहर आया तो उसने देखा कि नेहा की पैंटी अभी भी सिंक वाले प्लेटफॉर्म पर ही पड़ी थी। उसने उठा कर उसे सूंघा… वाह! क्या खुशबू थी जवानी की। उसने उसे अपनी चड्डी में डाल लिया ताकि बाद में भी उसकी खुशबू ले सके। बाथरूम से बाहर आया तो सोनिया ने कहा कि जल्दी से तैयार हो जाओ और खाना खा लो।
समीर अपने (नेहा के) कमरे में गया और वो नेहा की पैंटी उसने अपने सूटकेस में छिपा कर रख दी। फिर टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन कर वो बाहर आ गया। नेहा पहले ही डाइनिंग टेबल पर बैठी थी और सोनिया खाना लगा रही थी। तभी सोनिया के हाथों से कुछ चम्मचें नीचे गिर गईं।
सोनिया उठाने के लिए झुक ही रही थी कि समीर ने कहा- रहने दो दीदी आप खाना लगाओ मैं उठा देता हूँ।
जैसे ही वो टेबल के नीचे गया नेहा ने अपने पैर चौड़े कर दिए और उनको एड़ी ऊपर नीचे करके हिलने लगी जिससे अनायास ही समीर का ध्यान उसकी तरफ चला गया। जो उसने देखा उससे एक बार फिर उसकी धड़कनों ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और लंड वापस नींद से जाग गया। वही एकदम चिकनी चूत… उसके आँखों के सामने थी जो उसने थोड़ी देर पहले दूर से देखी थी, वो फूली हुई चूत ठीक उसके सामने थी।
समीर मन भर कर उसे देखना चाहता था लेकिन तभी नेहा ने कहा- क्या हुआ समीर, चम्मच नहीं मिल रहे क्या?
बाहर निकलते हुए समीर- नहीं चम्मच तो मिल गए थे, लेकिन कुछ और भी मिल गया था, वही देख रहा था।
इतना कह कर समीर ने भी धीरे से आँख मार दी।
सोनिया ने कहा कि वो उनके लिए गरमा-गर्म फुल्के बना कर ला रही है इसलिए वो बाद में खाना खा लेगी। समीर और नेहा ने खाना शुरू किया और मौका देख कर समीर ने धीमी आवाज़ में बात आगे बढ़ने की कोशिश की- तुम रात को कमरे में वापस क्यों आ गईं थीं? क्या हुआ था बैडरूम में?
नेहा- बताया तो था कि भैया से रहा नहीं गया तो वो और भाभी लगे हुए थे। मेरी नींद डिस्टर्ब हो रही थी तो मैं अपने रूम में आ गई।
समीर- लगे हुए थे मतलब?
उसने आश्चर्य से पूछा.
नेहा- अब यार हस्बैंड-वाइफ बैडरूम में और किस काम में लगे हो सकते हैं? सेक्स कर रहे थे और क्या?
समीर- क्या बात कर रही हो यार! तुम्हारे भैया तुम्हारे सामने ही?
नेहा- अरे बताया था न, यहाँ हम ज़्यादा लिहाज़ नहीं पालते।
समीर- हाँ लेकिन फिर भी… कुछ पहना था या नहीं?
नेहा- कोई कपड़े पहन कर सेक्स करता है क्या?
समीर- मतलब तुमने दीदी-जीजाजी को नंगे सेक्स करते हुए देखा है?
नेहा- हाँ यार, तभी तो मैं अपने रूम में आ गई थी न।
समीर- लेकिन तुम्हारे आने से तो उनको पता चल गया होगा न कि तुमने उन्हें देख लिया है?
नेहा- हाँ तो… मैं तो उनको बोल कर आई कि आप लोग एन्जॉय करो, मैं अपने रूम में जा रही हूँ।
समीर- सही है यार! तुम्हारी फॅमिली तो कुछ ज़्यादा ही ओपन है।
नेहा- अब यार सब तुम्हारी वजह से हुआ। कल तुम मेरे रूम में सोने से इतना न शर्माते तो ये सब होता ही नहीं न।
तभी सोनिया रोटियां देने आ गई और कुछ देर तक चुप्पी रही फिर जब सोनिया वापस किचन में गई तो नेहा ने थोड़े शैतानी अंदाज़ में धीरे से कहा- वैसे ये पहली बार नहीं था, जब मैंने भैया को नंगा देखा था। पहले भी कई बार मैं उनको नहाते हुए देख चुकी हूँ।
नेहा ने आँख मारते हुए कहा।
समीर- क्या बात कर रही हो! कैसे?
नेहा- एक पर्दा ही है यार। थोड़ा सा सरका कर चुपके चुपके देख लेती थी।
समीर- लेकिन फिर तो उनको भी दिख जाता होगा न की तुम देख रही हो?
नेहा- पता नहीं, मुझे ऐसा कभी लगा तो नहीं की उनको पता चला हो क्योकि मैं नीचे के कोने से देखती थी जहाँ नज़र काम ही जाती है, लेकिन क्या पता देख भी लिया हो इसीलिए शायद अब उनको मेरे सामने शर्म नहीं आती।
तब तक दोनों का खाना हो चुके थे और सोनिया भी किचन के काम से फुर्सत हो गई थी।
सोनिया- बहुत गर्मी है यार। तुम लोग टीवी देखो मैं तो नहा कर आती हूँ, उसके बाद ही खाना खाऊँगी।
नेहा और समीर टीवी पर कोई कॉमेडी प्रोग्राम देखने लगे और सोनिया नहाने चली गई। थोड़ी देर बाद समीर के दिमाग में कुछ ख्याल आया और उसने पेशाब जाने का बहाना बनाया और बाथरूम में आ गया। जैसा कि नेहा ने बताया था, उसने भी नीचे के कोने से परदे को थोड़ा सा हटाकर अंदर देखा तो बहुत दिनों के बाद अपनी बहन का वही हसीन नंगा बदन देख कर सिहर उठा। वो वहीं बैठ कर देखने लगा और उसने अपना लंड भी बाहर निकाल लिया।
उसने अपने लंड को सहलाना शुरू किया ही था कि नेहा की आवाज़ आई- समीर क्या हुआ! ज़िप में फंस गई क्या? हा हा हा…
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