RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
सोनिया, समीर को उसके लंड से पकड़ कर अपने बैडरूम तक ले गई, फिर उसने समीर को बेड के पास खड़ा किया और जैसे फुटबाल के खिलाड़ी अक्सर करते हैं वैसे अपनी छाती से समीर की छाती को धक्का मार कर उसे बिस्तर पर गिरा दिया। अपनी बहन के स्तनों को अपनी छाती पर टकराते हुए अनुभव कर समीर का लंड और भी कड़क को गया।
सोनिया, समीर की आँखों में आँखें डाल कर देखते हुए घुटनो के बल नीचे झुकी और समीर का लंड अपने हाथों में पकड़ कर जीभ से चाटने लगी। बीच बीच में कभी वो आँखें बंद करके उसे चूसने लगती तो कभी अपनी क़ातिलाना निगाहों से समीर को देखने हुए लंड को जड़ से सर तक चाटने लगती। कुछ ही देर में पूरा लंड उसके थूक से गीला हो चुका था।
अब सोनिया उठी और बिस्तर पर उसके सर के बाजू में बैठ गई।
समीर उसके कूल्हों पर अपने हाथ फेरने लगा। सोनिया ने अब समीर के लंड को अपने मुँह में ले लिया था और वो उसे ऐसे चूस रही थीं जैसे सारा रस अपने चूसने की ताक़त से ही निकाल लेगी। समीर के हाथों को खेलने के लिए बहुत कुछ मिल गया था, वो उसके स्तनों को सहलाता तो कभी पीठ से होता हुआ कमर तक सोनिया की चिकनी त्वचा को महसूस करता। फिर कभी उसके नितम्बों को मसल देता।
तभी उसे अहसास हुआ कि सोनिया ने उसका लंड काफी ज़्यादा अपने मुँह में ले लिया है और उसका लंड अब सोनिया के गले के करीब पहुँच गया है। करीब 2-3 उंगल ही सोनिया के मुँह के बाहर था बाकी सब अंदर! ऐसे में सोनिया ने 2-4 बार अपना सर ऊपर नीचे किया और हर बार समीर के लंड ने सोनिया के गले पर दस्तक दी। फिर उसने पूरा लंड बाहर निकाल कर उस पर थूका और हाथ से फैला कर पूरा लंड फिर गीला कर दिया।
कुछ समय तक सोनिया ऐसे ही तेज़ी से अपना सर हिला हिला के समीर को अपने मुँह से चोदती रही। फिर वो उठी और उसने 2-3 बार गहरी सांस ली और वापस झुक कर समीर का लंड गप्प कर गई।
इस बार जब समीर का लंड सोनिया के गले तक पहुंचा तो उसने सर हिला कर उसे चोदने की बजाए, उसे निगलना शुरू कर दिया। उसके गले में ऐसी हलचल हो रही थी जैसे वो पानी पी रही हो। समीर का लंड धीरे धीरे सोनिया के गले में समाने लगा।
जल्दी ही सोनिया के होंठ समीर के अंडकोषों को चूम रहे थे और अब लंड के और अंदर जाने की कोई गुंजाईश नहीं थी। लेकिन सोनिया अब भी उसे किसी ड्रिंक की तरह गटक रही थी। इससे समीर को ऐसा लग रहा था जैसे लगातार उसके लंड की मालिश हो रही हो।
उसने ऐसा पहली बार अनुभव किया था और वो आँखें बंद किये चुपचाप इसका पूरा आनन्द उठाने की कोशिश कर रहा था। उसे लग रहा था कि अब वो ज़्यादा देर रुक नहीं पाएगा और झड़ जाएगा.
तभी सोनिया के फ़ोन की घंटी बजने लगी।
लंड सोनिया के गले में इतना अंदर था कि उसे अचानक से नहीं निकला जा सकता था। सोनिया ने उसे धीरे से निकालने की कोशिश की लेकिन वो अचानक लंड की मालिश बंद होने के डर से और कुछ निकालने की कोशिश में बढ़ी हुई हलचल से, समीर रोक नहीं पाया और झड़ने लगा। जो वीर्य सोनिया के गले में ही निकल गया वो तो सोनिया पी ही गई लेकिन बाकी का उसके मुँह में निकला और तब तक सोनिया ने फ़ोन उठा लिया था।
राजन ने कॉल किया था।
सोनिया- है…वो!
राजन- क्या हुआ? ऐसे क्यों बोल रही हो?
सोनिया- रबड़ी ख़ा रही थी?
कहते कहते सोनिया ने समीर का सारा वीर्य पी लिया और बाकी बात करते करते उसके लंड से चटख़ारे ले कर चाटने लगी जैसे खाने के बाद अपनी उंगलियाँ चाट रही हो।
राजन- हाँ यार, इसी के लिए कॉल किया था। आज काम जल्दी निपट गया है तो सोचा वापस आते वक़्त बाज़ार से कुछ मिठाई वगैरा ले आऊं। परसों राखी है तो तुमको भी कोई सामान मंगाना हो तो बता दो।
सोनिया- हाँ यार! पूजा का कुछ सामान है, मैं लिस्ट बता देती हूँ, तुम ले आना।
अब तक सोनिया ने समीर का लंड चूस कर और चाट कर पूरी तरह से साफ़ कर दिया था। वो उठ कर नंगी ही फ़ोन पर बात करते हुए बाहर चली गई। समीर कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा फिर उठ कर बाथरूम गया और फ्रेश हो कर कपड़े पहन कर ड्राइंग रूम में जाकर टीवी देखने लगा।
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