RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
खेल फिर शुरू हुआ, खाली जाम फिर से भर दिए गए। शराब और शवाब दोनों की खुमारी बढ़ती जा रही थी।
खेल खत्म हुआ और राजन जीत गया। सबसे ज्यादा पत्ते समीर के निकले, उसके बाद सोनिया और नेहा के।
नेहा- ये लो, आ गया तुम्हारा नंबर। टास्क, देने का तो पता नहीं, ले ही लो। ही ही ही…
राजन- ठीक है मस्ती कुछ ज्यादा हो गई। अब सिंपल टास्क। समीर तुम अपनी शर्ट निकालो और सोना- नेहा तुम दोनों इसका एक-एक निप्पल चूसो।
समीर- इतना सिंपल भी नहीं है, लेकिन फिर भी ठीक है।
समीर ने शर्ट निकाल दी, नेहा और सोनिया उसके दोनों तरफ आ कर बैठ गईं। दोनों ने समीर के चूचुकों पर अपनी जीभ फड़फड़ाना शुरू किया। अभी कुछ ही सेकंड हुए थे कि नेहा ने सोनिया को आँख मार कर नीचे की तरफ इशारा किया। सोनिया ने देखा, कि नेहा ने अपना हाथ, समीर के शॉर्ट्स के ऊपर से ही, उसके लंड पर रख दिया है, और उसे सहला रही है। ये देख कर सोनिया मुस्कुरा दी, और नेहा भी।
एक मिनट होते होते समीर के लंड ने उसके शॉर्ट्स में तम्बू खड़ा कर दिया था। जब ये दोनों अलग हुईं तो नेहा ने सबको वो तम्बू दिखाया और सब ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे।
अगली पारी के लिए पत्ते बांटे जाने लगे।
समीर- नेहा! अब देख तू! अभी नहीं तो कभी तो मेरी बारी आएगी। जब भी आएगी मैं भी ऐसे ही हँसूँगा।
किस्मत को भी शायद समीर की झुंझलाहट पर दया आ गई। इस बार उसे अच्छे पत्ते मिले और अब तक खेल खेल कर, वो इस खेल की बारीकियां भी समझ गया था। वो अच्छे से खेला और जीत गया। और तो और, इस बार सबसे ज्यादा पत्ते नेहा के ही बचे थे, उसके बाद राजन और सोनिया का नंबर था।
समीर- अब आई ऊँटनी पहाड़ के नीचे… निकाल अपनी शर्ट।
नेहा- मैं लड़की हूँ यार! ऐसे कैसे?
समीर- वैसे भी, सब तो दिख रहा है। इतनी शर्मीली होतीं तो ऐसा शर्ट पहनतीं क्या?
नेहा- अब यार ऊपर वाले ने इतने मस्त बूब्स दिए हैं तो क्यों छिपाना।
समीर- फिर अच्छे से ही दिखाओ ना, और दीदी-जीजा जी तुम्हारे निप्पल चूसेंगे।
नेहा- नहींऽऽऽ…! नेहा फ़िल्मी स्टाइल में दोनों कान पर हाथ रख कर चीखी।
नेहा ने शर्ट निकाल दिया और राजन-सोनिया उसके निप्पल चूसने लगे। जैसे ही एक मिनट होने वाला था समीर ने सोनिया का हाथ दबा कर इशारा किया और सोनिया ने एक उंगली जल्दी से नेहा की स्कर्ट में डाल दी। नेहा ने अंदर कुछ पहना तो था नहीं, तो उंगली सीधी चूत में चली गई।
इस से पहले नेहा कुछ समझ पाती, समीर ने बोल दिया कि एक मिनट हो गया।
सोनिया ने नेहा की चूत के रस से भीगी उंगली समीर को दिखाई। समीर ने सोनिया का हाथ पकड़ा और नेहा को दिखाते हुए सोनिया की उंगली चूस ली। नेहा ने मुस्कराहट बिखेर के समीर की जीत में भी अपनी ख़ुशी जाहिर की। समीर अपनी जीत और नेहा को गीला कर देने से इतना खुश था, कि अगले गेम में उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और हार गया। इस बार फिर राजन जीता था।
राजन- लगता है मेरी किस्मत में साला ही लिखा है। पिछली बार सिम्पल टास्क दे दिया था लेकिन अब नहीं दूँगा। एक काम करो तुम अपने शॉर्ट्स निकालो।
सोनिया- नहीं!… सोनिया बनावटी शर्म दिखाते हुए अपना चेहरा अपने हाथों से ढक कर बोली।
राजन- तुमको बहुत शर्म आ रही है ना, तुम उसे किस करो फिर तुमको नीचे देखने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी; और नेहा तुम! तुमको बड़ा मजा आ रहा था ना पिछली बार, उसका लंड सहलाने में? अब आराम से नंगा लंड सहलाओ।
समीर ने अपने शॉर्ट्स निकाले और सोनिया ऐसे ही अपना चेहरा ढके हुए उसके पास गई। पास जा के उसने हाथ हटाए और समीर को आँख मार दी। इधर नेहा ने समीर का लंड मुठियाना शुरू कर दिया, उधर सोनिया का चुम्बन पिछली बार से और ज्यादा प्रगाढ़ था। दोनों आँखें बंद किये अपने चुम्बन में खोये हुए थे लेकिन सोनिया इस चुम्बन में समीर की प्रतिक्रियाओं से ही महसूस कर पा रही थी कि नीचे नेहा क्या कर रही है।
समीर ने भी पीछे से सोनिया की ड्रेस में हाथ डाल कर उसके नितम्बों को सहलाना शुरू कर दिया था। ये हरकत राजन तो नहीं देख पा रहा था लेकिन नेहा की तिरछी नज़रें साफ देख पा रहीं थीं। नेहा ने मुठ मारना इतना तेज़ कर दिया कि एक पल तो समीर को लगा कि वो झड़ जाएगा क्योंकि तीन लोगों के सामने नंगे हो कर अपनी बहन के साथ ऐसे चुम्बन का उसका ये पहला अनुभव था और उस पर ये नेहा का हस्तमैथुन।
लेकिन इस से पहले कि कुछ होता, एक मिनट पूरा हो गया।
राजन- मेरा एक सुझाव है गेम को छोटा कर दिया जाए। ऐसा लग रहा है कि सबको खेल में कम और टास्क में ज्यादा दिलचस्पी है तो हम केवल तीन पत्ते देते हैं और उनके नंबर के हिसाब से टास्क देते हैं।
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