RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
‘आई माँ… क्या मस्त लौड़ा है चूत एक ही झटके में भर गई है’ रमा चिल्लाई।
पर इससे पहले वो खुद को तैयार करती, दूसरा झटका पड़ गया… फिर तीसरा… चौथा… पाँचवा…’ कमीने मादरचोद धीरे डाल…’ रमा ने दर्द से तड़पते हुए गाली दी। लंड उसकी बच्चेदानी से बुरी तरह टकरा रहा था जिससे उसे और ज्यादा दर्द हो रहा था पर मजा भी पूरा आ रहा था।
बिना कुछ कहे-सुने राहुल ने धक्कों की ट्रेन शुरू कर दी… वो लंड पर चूत का कसाव साफ महसूस कर सकता था, उसे लंड अंदर बाहर करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी पर वो पूरी रफ्तार से माँ की चुदाई किए जा रहा था।
इतने भयंकर वारों के आगे माँ की चूत ने जल्दी ही पानी छोड़ दिया… चूत के पानी ने तेल का काम किया और चूत का कसाव भी कम हो गया… राहुल ने धक्कों की रफ्तार और बढ़ा दी, वो आंखें बंद किये बस धक्के दिए जा रहा था.
और रमा उसका जोश बढ़ा रही थी- हाँ ऐसे ही आ… आ… आह… उम्म… चोद… और तेज़ चोद… फाड़ के प्यास बुझा दे अपनी माँ की चूत की आह… कितने.. दिनों बाद आज सकून मिला है … आह आह… तेरा बाप तो नपुंसक है, उससे तेरी माँ की चुदाई होती ही नहीं… आह आह…’
राहुल चोदते हुए रमा के गांड के छोटे से हल्के भूरे रंग के छेद को घूर रहा था, वो कुछ नया करना चाहता था पर डर रहा था कि रमा चिल्ला देगी और घर वाले सुन लेगें।
पर तभी उसके दिमाग में एक स्कीम आई, उसने झट से लंड बाहर निकाला और अपने लंड का आकार छोटा करके उसे रमा की चूत पर रगड़ने लग पड़ा।
‘क्या हुआ राहुल क्यों निकाल लिया?’
‘खुद बाहर आ गया माँ!’
रमा ने अपना हाथ पीछे करके राहुल के लंड को टटोला वो सच में सिकुड़ चुका था… 12 इंच का अजगर अब 5 इंच की छिपकली बन चुका था… रमा को लगा लड़के की पहली बार है तो ऐसा हो जाता होगा कि मर्द बिना झड़े ही ठंडे हो जाते हैं।
‘आह… आह… राहुल नहीं रुका जाएगा मुझसे ऐसे ही दोबारा डाल दे!’ रमा तड़पती हुई बोली।
राहुल मौका ताड़ गया उसने रमा की गांड का निशाना लगाके एक कस के झटका मारा… उसका लंड क्योंकि इस समय काफी छोटा था, पूरा का पूरा रमा की गांड में समा गया।
‘मा चोद यह कहाँ डाल दिया… आह… मर गई!’
पर इससे पहले की रमा को कुछ समझ आता राहुल ने उसकी गांड में अपने लौड़े को फिर नार्मल साइज का कर लिया और दे दनादन झटकों की रेल चलानी शुरू कर दी।
रमा की गांड बेहद सिकुड़ी हुई थी एक बार तो उसे लगा कि लंड दवाब से फट जाएगा पर कुछ झटकों में ही लंड ने अपनी जगह बना ली।
रमा को अजीब तो लगा कि लंड गांड में फिर कैसे बड़ा हो गया पर क्योंकि अब उसे दोहरा मजा मिल रहा था तो वो फालतू की बातें भूल गई.. राहुल का मूसल लंड उसका गुदा चोदन कर रहा था तो राहुल के बड़े-2 अंडे उसकी चूत के दाने से टकरा टकरा के उसे बार-2 झड़ने को मजबूर कर रहे थे।
उस रात वो राहुल के झड़ने से पहले न जाने कितनी बार झड़ी। राहुल भी रमा की कसी हुई गांड में ज्यादा देर न टिक पाया और जल्दी ही उसका भी समय आ गया और वो एक ज़ोरदार झटके के साथ रमा की गांड में ही झड़ गया।
चुदाई खत्म होने के बाद दोनों नहाए, रमा ने राहुल को नए कपड़े पहने को दिए और बाथरूम से बाहर भेज दिया।
राहुल बाथरूम से जैसे ही बाहर आया तो बाहर खड़ी तनु से टकरा गया।
तनु अभी-2 नहाई थी पर जब उसने बालों पर लगाने के लिए कन्डिशनर की शीशी उठाई तो वो खत्म थी और कन्डिशनर तो भीगे हुए बालों पर ही लगाया जाता है इसलिए उसने जल्दी से टॉप और कैपरी पहनी और माँ के बाथरूम की तरफ भागी, उसे इतनी जल्दी थी कि वो ब्रा पहनना भी भूल गई।
वो भागते हुए माँ के बाथरूम की तरफ आई और रास्ते में ज़ोर से राहुल से टकरा गई, उसके स्तन जो राहुल की चौड़ी छाती से बेहद ज़ोर से टकराए थे, दुखने लगे।
‘उई माँ… तुम देखकर नहीं चल सकते क्या?’ वो किसी जंगली बिल्ली के जैसे राहुल पर झपट पड़ी और उसकी छाती पर अपने नर्म नर्म हाथों से घूंसे बरसाने लग पड़ी।
राहुल उसे रोज़ देखता था पर किसी बच्चे की तरह… लेकिन आज वो उसे एक मर्द की आंखों से देख रहा था… बेदाग, अनछुई चाँद सा गोरा रंग गोल चेहरा.. काली-काली रात सी आंखें… अगर उसके होंठ प्रियंका चोपड़ा की तरह न होते तो उसमें और आयशा टाकिया में फर्क करना नामुमकिन हो जाता।
भीगी हुई टॉप में उसके स्तन साफ नजर आ रहे थे.
‘कितने बड़े हैं… और देखो तो गोल तो ऐसे हैं जैसे भगवान ने इन्हें परकार से नाप लेकर बनाया हो!’ वो खुद से बड़बड़ाया.
‘घूर क्या रहे हो? हटो रास्ते से… मुझे माँ से कन्डिशनर लेना है!’ तनु ने उसे हिलाते हुए कहा।
‘सॉरी, मेरा ध्यान कहीं और था!’ राहुल ने रास्ते से हटते हुए कहा।
उसके अंदर का वासना से भरा हुआ मर्द अपने सामने एक रूपवती कन्या को देखकर जाग गया था… उसका लंड फिर से कड़क हो गया था.
पर न जाने क्यों एक डर उसके मन में आया ‘नहीं… तनु के साथ नहीं… मैं उसके साथ… नहीं… वो तो मेरी…’ पर वो अपने मन में भी वाक्य को पूरा न कर सका उसका सिर भन्ना उठा, उसने अपने हाथ झटके और अपने ठिकाने यानी सीढियों के नीच बिछे उसके बिस्तर की ओर चल पड़ा।
आते ही वो बिस्तर में धप से गिर गया उसके दिमाग में बार-2 तनु की सेक्सी तस्वीर घूम रही थी, उसका जी चाह रहा था कि अभी जाऊं और तनु को बाहों में भर लूँ लेकिन कोई डर उसे रोक रहा था ‘यह कभी नहीं हो सकता… उस जैसी लड़की कभी मुझ जैसे से प्यार नहीं करेगी… कुछ भी तो नहीं है मेरे पास!’ वो सोच रहा था। वो खुद को बेहद अकेला महसूस कर रहा था, उसे इस समय किसी के प्यार की ज़रूरत किसी औरत के प्यार की!
‘शेफ़ाली… भी घर में अकेली है उसके पास जाता हूँ… नहीं, वो तो एक नंबर की रंडी है, अब फिर चूत मारने को बोलेगी!’
उसकी सोच एक जगह ठहर ही नहीं पा रही थी, वो ऐसे ही काफी देर अपने विचारों में उलझा रहा फिर अचानक ही उसके विचार दोबारा तनु पर चले गए और तनु को देखने की चाहत उसमें प्रबल हो उठी।
उसने अपने दिमाग पर ज़ोर डाला और अगले ही पल वो तनु को देख पा रहा था: वो अपने कमरे थी… गरिमा उसके पास ही बैठी थी, दोनों बहनों में से कौन ज्यादा सुंदर है कहना मुश्किल था। पर अजीब बात थी, राहुल ने जब गरिमा को देखा वो तनु के गले में हाथ डाले बैठी थी और उसका वक्ष ज़ोर-2 से ऊपर नीचे हो रहा था पर फिर भी राहुल के मन में उसे लेकर कोई वासना उत्पन्न नहीं हुई, सिर्फ प्यार उमड़ा… वो भी भाई वाला…
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