RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
रमा-करता क्या है ?परिवार कैसा है ?
रवि-अभी तो पढ़ रहा है और बड़ा प्यारा परिवार है और इतने अमीर हैं कि गरिमा राज करेगी राज ।
रमा-लेकिन अगर वो मुझसे बात करने आई तो ?
रवि-इस रूप में तो वो अपनी माँ को पहचान नहीं पाएगी ,बस तुम इतना याद रखो तुम्हारा नाम दिया है और कुछ ही दिन पहले तुम अमेरिका के न्यूयार्क से आई हो ।
रमा-मुझे डर लग रहा है ,क्या बात करूँगी मैं उससे तुम प्लीज़ उनके पास मत जाना ।
रवि-मैं तो नहीं जाऊँगा पर कर्ण या गरिमा ने देख लिया तो ज़रूर बात करने आ जाएंगे , तुम डरो मत बस वैसी ही बातें करना जैसी तुम उसकी उम्र में अपनी सहेलियों से करती थी ।
रमा-ठीक है । वो रवि का हाथ थाम लेती है और वो दोनों डिस्को की एन्ट्रेंस की तरफ चल देते हैं ।
इधर घर पर तनु और राकेश अकेले थे आज रमा सत्संग में गयी हुई थी , गरिमा सहेली के घर और राहुल अभी तक टयूशन से नहीं लौटा था ।
राकेश(अपने बेड रूम से)-तनु तनु....
तनु(भागकर राकेश के पास आती है)-जी पापा
राकेश- तनु बेटा जा राहुल को उसकी टयूशन से ले आ ,काफी रात हो गयी है उल्लू कहीं रास्ता न भूल जाए ।
तनु-मैं नहीं जाती मैं टीवी पे अपना फेवरेट सीरियल देख रही हूँ ।
राकेश-मेरा अच्छा बच्चा , नाटक देखकर चली जाना । वो पागल कहीं खो गया तो लोग कहेंगे गोद लिया हुआ था इसीलिए उसका ख्याल नहीं रखा ।
तनु-मैं नहीं जाऊँगी पापा ।
राकेश(तनु को लालच देने की कोशिस करता है, वो अपना एटीएम दिखाते हुए कहता है)-मैं तो सोच रहा था तू उसे लेने जाएगी तो बबिता के घर के पास वाले एटीएम से पैसे भी निकलवा लाएगी और मैं तुझे कुछ पॉकेट मनी दे दूँगा ।
तनु(खुश होते हुए)-पापा आप न बड़े खराब हो लालच दे कर मना लिया मुझे ।
राकेश(तनु को एटीएम देते हुए)-ज़रूर चले जाना 2000 ले लेना ज्यादा नहीं वरना मार पड़ेगी ।
तनु-पक्का चली जाऊँगी ,अब मैं जाऊं वरना शो निकल जाएगा ।
राकेश-ठीक है ।
तनु एटीएम लेकर टीवी देखने चली जाती है ।
इधर डिस्को में पार्टी फूल मूड में थी गरिमा और कर्ण बाहों में बाहें डाले झूम रहे थे । कर्ण कुछ उदास लग रहा था ।
गरिमा-कर्ण तुम अभी भी उदास हो ,मुझे लगा था यँहा आकर तुम्हारा मूड ठीक हो जाएगा ।
कर्ण-हम्म मन उदास है यह सोचकर कि किन्हीं तुम मुझे छोड़ न दो ।
गरिमा-तुम मेरे प्यार पर शक करना कब बन्द करोगे ?
कर्ण(गरिमा के होंठ चूमते हुए)-शक कैसे न करूँ ? तुम मेरे परिवार से मिल चुकी हो वो तुम्हें अपनी बहू मान चुके हैं पर तुमने अभी मुझे अपने घरवालों से मिलवाया तक नहीं है ,मिलवाना तो दूर तुमने तो उन्हें अभी तक हमारे बारे में बताया तक नहीं है ।
गरिमा (वो देखती है कि एक मॉडल सी देखने वाली लड़की उसे घूर रही है )-कर्ण तुम तो जानते हो मेरे परिवार में एक उम्र से पहले ....वो उस लड़की की घूरती नज़रों से परेशान हो जाती है...
कर्ण-क्या हो गया गरिमा बात तो पूरी करो ।
गरिमा- वो देखो उस टेबल पर बैठी लड़की मुझे घूरे जा रही है ।
कर्ण- तुम हो ही इतनी सुन्दर कोई भी तुमसे जलन कर बैठेगी । वैसे वो रवि चाचा के साथ है शायद मैंने उनदोनों को पार्किंग में देखा था । वो देखो रवि चाचा भी आ गए ....चल के मिलते हैं नहीं तो चाचा बुरा मान जाएंगे ।
गरिमा-ठीक है । मैं ठीक तो लग रही हूँ न ?
कर्ण-एक दम परफेक्टली हॉट एन्ड सेक्सी लग रही हो ।
कर्ण और गरिमा को देखकर रवि आगे आकर उनसे मिलता है ।
रवि-लव बर्ड्स को आखिर फुरसत मिल ही गयी चाचा के लिए । लो इनसे मिलो यह हैं दिया और तुम्हारी होने वाली चाची ।
गरिमा-चाचा इस बार लगता है आप भी पड़ गए प्यार के चक्कर में....हेलो दिया । दिया(रमा)उठकर गरिमा के गले लगती है तो गरिमा को अजीब सी गर्मी का एहसास होता है बिल्कुल वैसी ही गर्मी का जैसे बच्चों को माँ के आग़ोश में होता है । गरिमा के चेहरे पर हैरानी भरी लकीरें उभर आती है ।
दिया(रमा)- गरिमा ,कुछ अपसेट(परेशान) हो ?
गरिमा-नहीं बस ऐसे लगा कि मैं अपनी माँ के गले लग रही हूँ ।
रवि(बात संभालते हुए)- चाची अभी हुई नहीं है और तुमने माँ भी बना लिया ।
कर्ण-यह तो अपने परिवार से इतना डरती है कि हर जगह इसे मम्मी पापा नज़र आते हैं । चारों बैठ जाते हैं ...रमा रवि के साथ और गरिमा कर्ण के साथ ।
गरिमा(थोड़ा गुस्से से)-कर्ण तुम फिर शुरू हो गए ।
रवि- लगता है क्लोड वॉर चल रही है ....हाहाहा...भाई हमें भी बताओ क्या बात है ।
गरिमा-कुछ नहीं चाचू इसकी तो आदत है बस मुझे चिढ़ाने की इसे भी मेरे जैसी नॉर्मल फैमिली मिली होती तो पता चलता ।
दिया(रमा)(उसे अपनी बेटी की बात चुभ जाती है वो सोचती है कि इतने नाज़ों से पाला है इसे और यह हमारी बुराई कर रही है)- यह तो टीन ऐज का असर है । बट मैटर क्या है ?
रवि-भाई बताओ भी हो सकता है हम बूढे ही तुम्हारे कुछ काम आ जाएं ।
कर्ण-चाचू कुछ नहीं बस यह डरपोक है ।
गरिमा-ऐसा कुछ नहीं है ।
कर्ण-ऐसा ही है ।
गरिमा-ई हेट यु ।
दोनों कि नोक-झोंक देखकर रमा और रवि एक दूसरे को देखते हैं और उनकी हँसी निकल जाती है ।
दिया(रमा)- डोंट फाइट प्लीज़ वरना हमें लगेगा हमारी वजह से आप दोनों का झगड़ा हो गया ।
कर्ण- सॉरी दिया जी ।
दिया- सॉरी कहने काम नहीं चलेगा अब तो बताना पड़ेगा कि आप इतनी प्यारी सी गरिमा के साथ क्यों लड़ रहें हैं ।(कहने के बाद उसे ध्यान आता है कि अभी तक गरिमा और कर्ण ने अपने नाम नहीं बताए थे वा रवि की तरफ देखती है)
गरिमा- आपको मेरा नाम कैसे पता है ?
रवि- भई जब तुम नाच रहे थे तो दिया को मैंने तुम्हारे बारे में बता दिया था । गरिमा बात मत बदलो चलो बताओ कि ये शैतान तुमसे क्यों लड़ रहा था ।
गरिमा- चाचू यह कह रहा है मुझे अपनी फैमिली से मिलवाओ , और मैं यह नहीं कर सकती ।
कर्ण(बीच में बोल पड़ता है)- चाचू आप तो जानते हैं कि मेरी फैमिली इसे घर का मेंबर ही मान चुके हैं ।और इसे देखो ।
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