RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
मित्तल के मन में तो बस एमी और उसका सेक्सी बदन घूम रहा था उसकी सेक्सी फोटोज़ देख देखकर मित्तल ने खूब मुठ मारी थी ।
कंसक-मित्तल लगता है तुझे हमारी नई बच्ची पसन्द है ।
मित्तल(डरते हुए)- भगवन इस सुंदरी को कौन नहीं पसंद करेगा ?
कंसक(एमी के तोता पुरी आमों जैसे स्तंनो को सहलाते हुए)-जा बच्ची जितनी देर मैं यह देसी-विदेशी मिक्स दूध पीता हूँ तू मेरे इस गुलाम के लिंग को शांत कर अभी इसे मेरे कई काम करने हैं ।पर ध्यान रहे दूध के खत्म होने से पहले इसकी कामवासना खत्म हो जानी चाहिये । इतना कहकर कंसक पत्थर के बने एक बड़े से सिंहासन पर बैठ गया और चुस्कियां लेकर दूध पीने लगा ।
एमी ने मित्तल का हाथ पकड़कर उसे एक कुर्सी पर बिठा दिया और मित्तल पास नीचे जमीन पर घुटनों के बल बैठते हुए धीरे-2 बड़ी लगन से उसकी पैंट की ज़िप खोलकर मित्तल का 10इंची लन्ड बाहर निकाल लिया और उसके टट्टे सहलाते हुए उसके लिंग पर जँहा-तहां चूमने लगी ।"आह...आह..."मित्तल सिसक उठा ।एमी ने अपने सेक्सी होंठ हल्के से खोलते हुए मित्तल के लन्ड के टोपे को मुँह में भर लिया और होंठों से उसके लन्ड पर दबाव बनाते हुए उसे चूसने लगी मित्तल अपने लौड़े पर एमी के नरम और सेक्सी होंठो की गर्मी और दबाव को बड़ी मुश्किल से सहन कर पा रहा था ..."उफ्फ...एमी क्या चूसती हो...आह ...आह..." मित्तल मदहोश सा बोलता जा रहा था । अभी एमी को चुसाई शुरू किए पाँच मिनट भी नहीं हुए थे कि मित्तल एक लम्बी आह के साथ झड़ गया । एमी ने उसके वीर्य की एक बूँद भी बेकार जाने नहीं दी और सारा वीर्य गटक गई ।
कंसक-वाह एमी वाह तूने मुझे भी पछाड़ दिया है तुझे इस काम के लिए चुनकर मैंने कोई गलती नहीं कि ।
एमी ने मित्तल का मुरझाया हुआ लन्ड वापिस उसकी पैंट में खोंसते हुए उसकि ज़िप बन्द कर दी और कंसक के पास जाकर बोली "कौनसे काम के लिए भगवन"
कंसक-मित्तल अब यह बबिता की जगह लेगी और बाकी सबको बताएगी की बबिता की दूसरे शहर में नोकरी लग गयी है इसलिए वो वँहा चली गयी है ।
मित्तल- भगवन मैं समझा नहीं ,बबिता क्यों जाएगी दूसरे शहर ।
कंसक-यह काम हो चुका है ,एक बड़ी कंपनी का मालिक तेरी ही तरह मेरा गुलाम । मेरे कहने पर उसने बबिता को ज्यादा तनख्वाह का लालच देकर बुला लिया है और बबिता निकल भी चुकी है दूसरे शहर जाने के लिए । तेरा काम यह है कि तूने मनोज से बबिता को फ़ोन करवाना है ताकि बबिता अपने सभी छात्रों के फोन करे और उनसे कहे कि अब उसकी जगह उसकी बहन तनीषा यानी हमारी एमी उन्हें पढ़ाएगी ।
कंसक-एमी 4 बजने में कुछ ही समय रह गया है तुम जल्दी से बबिता के घर जाओ और उसकी जगह लो ....और काम पूरा करो ।
एमी-भगवन इतने कम समय में मैं बबिता के घर नहीं पहुँच सकती ।
कंसक-तो मैं पहुँचा देता हूँ । कंसक इतना कहकर चुटकी बजता है और एमी गायब हो जाती है ।
मित्तल-भगवन एक शंका है ।
कंसक-पूछो ।
मित्तल-भगवन बबिता का मकान मालिक कोई अड़चन न पेश कर दे ।
कंसक-ऐसा होने से बबिता खुद रोकेगी ।
मित्तल-वो कैसे ।
कंसक-मनोज के कहने पर वो अपने मकान मालिक को भी फोन करके बताएगी की अब उसकी जगह कुछ दिनों के लिए उसकी बहन तनीषा रहेगी ।
मित्तल-भगवन मेरे लिए कोई हुक्म ।
कंसक- मित्तल तुम हमसे एक अप्सरा को छुपा के रखोगे इसकी उम्मीद नहीं कि थी मैंने ।
मित्तल-भगवन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया कोई गलतफहमी है ।
कंसक-हम तुम्हारी बेटी प्रिया की बात कर रहे हैं वो हमें पसंद है उसे त्यार करो हमारे लिए ।
मित्तल-पर वो मेरी बात मानती ही नहीं है ,आप तो जानते ही हैं मनोज जैसे कई केस हो चुके हैं उसके साथ ।
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