Desi Porn Kahani अनोखा सफर
09-20-2019, 01:52 PM,
#8
RE: Desi Porn Kahani अनोखा सफर
सुबह मेरी नींद खुली तो विशाला जाग चुकी थी और सामान बाँध रही थी । मैं उठा तो वो मुझे चोर नज़रो से देख रही थी मैंने उससे पूछा " आगे के सफर की तरफ बढ़ जाए "
तो उसने जवाब दिया "जी"
हम दोनों निकल पड़े रास्ते में विशाला तेज कदमो से आगे बढ़ रही थी जैसे की वो मुझसे बात नहीं करना चाहती हो फिर भी मैंने उससे कहा " विशाला कल रात को जो कुछ भी हुआ वो ....."
मेरी बात पूरी भी नहीं हो पायी थी की वो बोल पड़ी " क्षमा करे महाराज पर कल जो भी कुछ हुआ वो नहीं होना चाहिए था । कल रात ठण्ड के कारण आपका शरीर अकड़ गया था मैंने आपको गर्मी प्रदान करने के लिये वैसा किया पर अंत में मैं बहक गयी आगे से ऐसा नहीं होगा। "
मैंने भी बात आगे बढ़ाने की नहीं सोची और उसे आगे बढ़ने का इशारा किया । चलते चलते दुपहर हो गयी और फिर खूब उमस बढ़ गयी । हम छांव की तलाश करते हुए एक तालाब के पास पहुच गए। मैं एक पेड़ के नीचे लेट के आराम करने लगा और विशाला भी मुझसे थोड़ी दूर पे बैठ गयी। मैं अपनी आँखे बंद कर आराम कर रहा था कि पानी की छप छप से मेरी तन्द्रा टूटी तो मैंने देखा के विशाल बिना चमड़े के कपडे के तालाब में उतर के स्नान कर रही है । मैंने भी लेटे लेटे उसे निहारना शुरू कर दिया वो भी कनखियों से मुझे देख रही थी । कुछ बात थी उसके भीगे बदन में की मेरे लंड में कामोत्तेजना हिलोरे मारने लगी। मैंने भी अपना चमड़े का वस्त्र उतारा और तालाब में उतर गया । पानी ज्यादा नहीं था कमर तक ही था। मैंने भी अपनी उत्तेजना को विशाला से छुपाने की कोशिश नहीं की और अपने खड़े लंड का उसे खूब दर्शन करवाया।
शायद मेरे खड़े लंड ने उसे रात की बातें याद करवा दी वो पलट के जल्दी से पानी के बाहर जाने लगी की उसका पैर फिसल गया और वो पूरे पानी के अंदर चली गयी । मैं उसे पानी से निकालने के लिये उसका हाथ पकड़के बाहर खीचा। जैसे ही उसका शरीर पानी से ऊपर आया ही था के मेरा भी एक पैर फिसल गया और मेरी कमर उसकी कमर से सट गयी । उसने खुद को सँभालने के लिए मेरी कमर पकड़ ली । मेरा लंड उसकी चूत से सटा हुआ था मैंने उसकी आँखों देखा तो वो वासना से लाल हो गयी थीं। फिर भी मैंने अपने को अलग करने की कोशिश की तो उसने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली। मैंने फिर उसकी आँखों में देखा तो उसने आगे बढ़कर मेरे होठों को अपने होठों में भर लिया और पागलो की तरह मुझे चूमने लगी। मैं भी उसे प्यार से चूमने लगा । कुछ देर की चूमा चाटी के बाद मैंने उसे अपनी गोद में उठा के किनारे पर ले आया। तालाब के किनारे घांस पे उसे लिटा दिया और उसके ऊपर आ के एक बार फिर उसे चूमने लगा। वो काफी उत्तेजित हो गयी थी उसने अपनी टाँगे उठा के मेरी कमर पे रख दी और मेरा लंड को अपनी चूत पे लगा दिया। मैंने भी कमर को झटका दिया और मेरा लंड सरसराकर उसकी चूत में समा गया। मैंने भी खूब जोर जोर से उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। कुछ देर तक ऐसे चुदने केबाद वो पलट के मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पे जोरो से ऊपर नीचे होने लगी । मेरी उत्तेजना ने मुझे जल्द ही अपने चरम पे पंहुचा दिया मैंने भी उसके नींबू जैसे वक्षो के चुचको को मुह में भर के काट लिया। शायद मेरे ऐसा करने से वो भी अपने चरम पे पहुँच गयी और चीख मारते हुए झड़ गयी।

कुछ देर बाद जब हम दोनों की साँसे नियंत्रित हुई तो विशाला ने मुझसे कहा " अब मुझे पता चला की आपके साथ सम्भोग करने वाली औरते इतना चिल्लाती क्यों थी "
मैंने उसकी बात पे ध्यान न देते हुए उससे पूछा " अभी पुजारन देवसेना का मंदिर कितनी दूर है ?"
तो उसने कहा कि "शाम तक पहुँच जाएंगे "
मैंने उससे कहा " मुझे वहां पहुचाने के बाद तुम वापस काबिले चली जाना "
उसने चौंकते हुए पूछा " क्यों?"
मैंने कहा " कबीले को उसके सेनापति की जरुरत कभी भी पड़ सकती है "
तो उसने कहा " आप की सुरक्षा का क्या होगा और आप वापस कैसे आएंगे ?"
मैंने उससे कहा " मैं अपनी सुरक्षा खुद कर सकता हु और वापस आने का रास्ता मैंने देख लिया है "
उसने फिर कहा " पर ...."
मैंने उसकी बात काटते हुए जवाब दिया " ये मेरा आदेश है ।"
वो चुप हो गयी और अनमने ढंग से चलने की तैयारी करने लगी। शाम को हम देवसेना के मंदिर पे पहुच गए। हमने बाहर पहरेदारों को अपना परिचय दिया तो वो हमें अपनी कुटिया पे विश्राम करने के लिएले गए। कुछ देर बाद पुजारन देवसेना हमारे स्वागत के लिए हमारी कुटिया पे आई । आज भी उन्होंने भस्म का ही श्रृंगार अपने शरीर पे किया था।
मैंने उन्हें प्रणाम किया तो उन्होंने कहा " महाराज आपका मेरे मंदिर पर स्वागत है आपको रास्ते में कोई तकलीफ तो नहीं हुई "
मैंने कहा "नहीं पुजारन जी "
कुछ देर उन्हीने इधर उधर की बाते की फिर उन्होंने कहा कि " महाराज अब आप आराम करे आपकी सेवा के लिए मैं अपनी दासी देवबाला को आपके पास छोड़े जा रही हु ये आपकी सब सुविधाओं का ध्यान रखेंगी। मैं चलती हु।"
मैंने उन्हें फिर प्रणाम किया और वो चली गयी।
कुछ देर बाद हमारे खाने के लिए कन्द मूल फल आये मैंने और विशाला ने भोजन किया और मैं आराम करने के लिए लेट गया। विशाला मेरे पास आई और बोली " महाराज अब मुझे चलने की आज्ञा दीजिये।"
मैंने चौंकते हुए पूछा " अभी इतनी रात गए सुबह चली जाना "
उसने गंभीर होते हुए जवाब दिया " महाराज मेरा कार्य सम्पूर्ण हुआ अब कबीले को उसके सेनापति की जरुरत है मैं वापस जाना चाहती हु "
मैं समझ गया कि अब वो मानने वाली नहीं है तो मैंने उससे कहा " आज्ञा है "
वो कुटिया से बाहर चली गयी और मैं अपने बिस्तर पे वापस लेट अपनी थकान मिटाने लगा।
विशाला के चले जाने के बाद दासी देवमाला कुटिया में आ जाती है और थोड़ी दूर पे खड़ी हो जाती है। उसने भी भस्म का श्रृंगार किया हुआ था पर उसका शरीर काफी भरा हुआ और मादक था । मैं उसे देख रहा था कि उसने भी मुझे देख लिया और पूछा " कुछ चाहिए महाराज ?"
मैंने कहा " शायद "
उसने कहा " क्या चाहिए महाराज ?"
मैंने कहा कि " मुझे जो चाहिये वो शायद तुम नहीं दे सकती ?"
उसने भी शायद मेरी बात का अर्थ समझ कर के मेरे लंड की तरफ देखते हुए कहा " आप मांग के तो देखिये महाराज "
मैं उसके पास जाके उसकी चूत के ऊपर हाथ रख के कहा " मुझे ये चाहिए "
उसके चेहरे पे प्रसन्नता के भाव आ गए जैसे वो भी यही चाहती हो वो मुझसे कहती है " मुझे कुछ वक़्त दीजिये महाराज "
वो कुछ देर के लिए चली जाती है और जब वापस आती है तो उसके शरीर से सारी भस्म धुली जा चुकी थी और उसका सौंदर्य निखर के मेरे सामने आ रहा था । वो बड़े ही मादक अंदाज में चलके मेरे पास आती है और मेरे लंड अपने मुह में लेके चूसने लगती है। मुझे असीम आनन्द की अनुभूति होने लगती है और मैं अपना लंड उसके मुह में अंदर बाहर करने लगता हूँ । कुछ देर बाद वो मुझे लिटा के मेरे ऊपर आ जाती है और मेरे लंड को अपनी चूत में लेके ऊपर नीचे होने लगती है। मैं भी ऊपर होके उसके चुचको को बारी बारी मुह में लेके चूसने लगता हूँ तो वो उत्तेजित हो कर और जोर से अपनी चूत को मेरे लंड पे पटकने लगती है। जल्दी ही हम दोनों अपने चरमोत्कर्ष पे पहुच जाते हैं।
कुछ देर बाद वो मेरी साथ ही बिस्तर पे लेट अपनी सांसे संभालती है फिर मेरे तरफ होके बोटी है " मैं
न जाने कब से ऐसा करना चाहती थी।"
मैंने खींच के उसे अपने सीने से चिपका लिया और वो खिलखिलाकर हँसने लगा। मैंने उससे पूछा " क्या इस मंदिर में काम करने वाली सभी दासियां तुम्हारे जैसी ही खूबसूरत हैं?"
उसने कहा " हाँ क्योंकि हर कबीले की सबसे खूबसूरत लड़की को ही मंदिर भेजा जाता है "
मैंने कहा " अच्छा तभी पुजारन देवसेना भी बहुत सुंदर हैं"
उसने चहकते हुए पूछा " क्या आपको वो बहुत सुंदर लगती हैं "
मैंने कहा " हाँ क्यों??"
उसने कहा " नहीं तब आपको पुजारन देवसेना जी ने जिस उद्देश्य के लिये बुलाया है उसमें सरलता होगी।"
मैंने कहा कि " मैं समझा नहीं उन्होंने तो मुझे किसी पूजा के किये बुलाया है "
उसने कहा " वही कालरात्रि की पूजा "
मैंने उससे पूछा " ये क्या पूजा है "
उसने कहा " क़बीलों की परंपरा के अनुसार पुजारन को हर माह उस काबिले के सरदार के साथ इस पूजा को करना होता है जिसके कबीले में उसे मासिक धर्म आये। इस पूजा के अनुसार पुजारन को उस सरदार के साथ सम्भोग कर संतान उत्पत्ति की कोशिश करनी होती है। पुजारन देवसेना पिछले एक वर्ष से सरदार कपाला के साथ काल रात्रि की पूजा कर रही हैं पर अबतक उन्हें सफलता नहीं मिली।"
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani अनोखा सफर - by sexstories - 09-20-2019, 01:52 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,479,474 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,059 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,223,465 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 925,026 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,641,675 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,070,515 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,933,762 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,999,538 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,010,373 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,843 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)