RE: Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी
मैं जब नीचे पहुचि तो वहाँ मेला सा लगा हुआ था. चारो तरफ लड़के-लड़कियाँ ही थी. बहुत सी लड़कियों ने मेरे जैसी ही गाउन पहेन रखी थी. जिसमे से उनका पूरा जिस्म बाहर दिखाई दे रहा था..वो लड़कियाँ लड़को के साथ मस्ती कर रही थी.
मैं जब सीढ़ी उतरी तो वहाँ दो लड़कियाँ बैठकर सिगार पी रही थी. मैं दोनो को लाँघकर सीढ़ी उतरी. नीचे चाची कुछ घोषणा कर रही थी- अच्छा तो महनुभाव क्या आप लोग किसी कुवारि कन्या के इंतज़ार मे है ?
मैं चाची के पास जाने लगी. एक लड़की वेट्रेस के ड्रेस मे थी जिसके स्तन पूरे बाहर के तरफ लूड़क रहे थे, उसने मुझे स्माइल दी और आगे बढ़ गयी. वही बाजू मे बैठा एक बूढ़ा सा आदमी एक लड़की के जाँघो को सहला रहा था और लड़की अपने दोनो स्तन बुड्ढे के मूह पे मसल रही थी. उसने मसल्ते हुए बुड्ढे से कहा- क्या तुम रोमा-दोमा से प्यार करते हो ?..शायद उसने अपने स्तनो को ऐसा नाम दे रखा था.
तभी मैने कशिश को सीढ़ियों से उतरते हुए देखा…शायद वो अभी अपने कस्टमर के साथ ही आई थी नीचे. उसने अपने कस्टमर से कहा-बाइ जानू, दोबारा आना. और वो भी चाची के पास आ गयी. चाची ने उसको कुछ पेपर पे सील लगाकर कहा ‘1स्टक्लॅस’. वो बूढ़ी औरत जो यहाँ की देख-रेख करती थी, वो दरवाज़े पर ही उस लड़के को पकड़ ली जो अभी कशिश के पास से होकर गया था और उसे कह रही थी- अरे मेरी टिप दिए बिना ही चले जाओगे. तब उस लड़के ने उसे टिप दी और कहा अब तो जाने दो मुझे. तो उस बूढ़ी औरत ने दरवाज़ा खोलकर उसे जाने दिया.
चाची ने मुझसे कहा- क्या तुम शुरू करने के लिए तैयार हो ?
मैने इधर-उधर नज़र डाली और जैसे ही सामने रखे दर्पण पर नज़र गयी तो उसमे मुझे अपनी छवि दिखी, अपनी गदराई हुई काया देख कर मेरा मनोभाव बढ़ गया. मैने मन ही मन अपने आपको सलामी दे दी.
चाची ने मुझे देख कर बोला- अभी या बाद मे करोगी ?
मैं बोली- बाद मे शुरू करने से तो अच्छा है कि अभी शुरू की जाए. वैसे भी अभ्यास करने से ही तो मैं परिपूर्ण होंगी.
चाची ने हस्ते हुए मुझे शाबाशी दी और मुझे आगे लेकर चल पड़ी. हॉल के बीच मे खड़े होकर उन्होने कहा- तो पेश है आप सब के सामने बिल्कुल एक ताज़ी कली. कामिनी, अपनी मादक अदाओ से सबको मदहोश करने वाली, अपनी लहराती हुई गान्ड से सबको ललचा देने वाली!
चाची ऐसा कहते हुए मुझे लेकर एक चक्कर ही लगा रही थी के वहाँ मौजूद एक लड़के ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला- चलो कामिनी, आज मेरा दिल बहलाओ! और चाची ने मुझे उसके साथ जाने का इशारा कर दिया.
मैं उसे लेकर अपने रूम मे ले जा रही थी. मेरे बाजू वाली रूम मे से कांता किसी को फिर से आना कहकर उसे नीचे ले जा रही थी.
मैने अपने रूम का दरवाज़ा खोला और उस लड़के वो लेकर अंदर पलंग पर ले आई. और अपना गाउन उतारने लगी, वो लड़का भी अपने कपड़े उतारने लगा. मेरे कपड़े उतारते ही उसकी सीधी नज़र मेरी योनि पर गयी. मेरी योनि पर हल्के-हल्के बॉल थे.
वो मेरे पास आकर सीधे मेरे स्तनो को चूमने-मसालने लगा. मैं उसे बोली- रूको, पहले बेसिन के पास चलो. और उसे खीचकर बेसिन के पास ले गयी. उसके लंड को अच्छे से धोकर मैं उसके लंड का निरीक्षण करने लगी जैसा की चाची ने मुझे बताया था. और वो एक हाथ से मेरी गान्ड सहला रहा था.
मैं बोली-तुम्हे कोई बीमारी तो नही है ?
वो बोला- नही!
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