RE: Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी
मैने अंडरवेर मे हाथ डालके उसके लंड को पकड़ लिया. और उसकी अंडरवेर निकाल के फेक दी. उसने भी मेरा गाउन निकाल दिया. मैं पूरी नंगी थी और उसका लंड हाथ मे लेके हिला रही थी और वो मेरे स्तनो को मूह से चाट रहा था. मेरे मूह से आह….. आह……. आह ऐसी आवाज़ निकल रही थी. मेरी योनि एकदम सॉफ-सुथरी थी, जैसे ही उसने देखा योनि बिना बालों के है, मूह डालके उसे चाटने लगा. मेरे मूह से अजीब अजीब आवाज़े निकल रही थी. 10 मिनट चाटने के बाद मेरा पानी छूटा और उसने पूरा पानी पी लिया .
मैं बोल रही थी चूसो और चूसो मेरी योनि की प्यास बुझाओ प्ल्स. फिर उसने मुझे बेड पे सुलाया और मेरी टाँगो मे बैठ गया और मेरे पैरो को फैलाया. मैं बोल रही थी अंडर डालो, जल्दी डालो. फिर उसने योनि के अंदर लंड को डाला उसका पूरा लंड मेरे अंदर गया जैसे ही उसका लंड अंदर गया मैने उसे कस्के पकड़ लिया और बोलती जा रही थी और ज़ोर्से करो , और ज़ोर्से करो. वो धक्के पे धक्के देता जा रहा था और मैं चिल्ला रही थी. 20 मिनट बाद, हम दोनो एक दूसरे की बाहों मे थे, वो अपना काम ख़तम करके मेरी योनि पर हाथ फेर रहा था, मेरा सारे अंग को छू रहा था….
मैं:- मुझे खुशी हुई के तुम फिर से आए. यहाँ तक कि एक तुम ही हो जिसके साथ मैं पहली बार भी झड़ी थी यहाँ और आज भी झड़ी हू.
वो बोला :- ये तो तुम्हारा ही जलवा है, जो मुझे यहाँ खीच लाता है. हमारे बीच एक केमिस्ट्री बन गयी है, जैसे हम एक-दूजे के लिए बने हो.
मैं बोली :- मैं तो तुम्हे जानती तक नही हू. तुम कौन हो ? क्या करते हो ?
वो बोला :- मेरा नाम अमित है. मैं यही के मरीने स्कूल मे हू.
मैं बोली :- तुम वहाँ क्या करते हो ?
वो बोला :- मैं अभी वहाँ ऑफीसर’स ट्रैनिंग के लिए आया हू.
मैं बोली :- एक सेलर जैसे फिल्मों मे होता है.
वो बोला :- तुम उन सब ढोंगियों से कैसे संभोग कर लेती हो ?
मैं बोली :- हर किसी को चमक-धमक पसंद है..और जिनको ये पसंद नही , वो किसी और को उठा लेते है.
वो बोला :- जैसे मैने तुम्हे पसंद कर लिया…..तुम मुझे अपनी वो नखरे नही दिखाती हो जो तुम अपने दूसरे कस्टमर्स को दिखाती हो…इसका मतलब तुम भी मुझे पसंद करती हो.
मैं बोली :- कहा जाए तो हां………थोड़ा बहुत…
वो बोला :- चलो फिर कही बाहर चले.
मैं बोली :- क्यू नही ? वैसे भी कल मेरी छुट्टी है.
वो बोला:- बढ़िया…हम दोनो कल एक शानदार डिन्नर करेंगे एक साथ.
मैं बोली :- नही, कल मैं राज के साथ खाने वाली हू.
वो बोला :- अच्छा, तुम्हारा मंगेतर.
मैं बोली:- हां, मैं उसे सर्प्राइज़ दूँगी.
वो बोला :- इसका मतलब, तुम्हे दो-दो आदमी चाहिए ?
मैं बोली :- मैं एक वेश्या हू, मैं ना कैसे कह सकती हू.
और मैं खिल-खिलाकर हंस पड़ी….जिससे अमित थोड़ा चिड गया और उसने मेरी गान्ड पे एक ज़ोर का तमाचा मारा और मैं हँसे जा रही थी उसकी शकल देख के…..हा..हा…हा…. रॅज़बेरी केफे हाँ यही तो वो नाम था जिसमे वो मुझे लेकर गया था. वो उस केफे की साइड वाली टेबल से मुझे देख रहा था और मैं उसे ये बोल के आई थी के मैं राज को फोन लगाके आती हू टेलिफोन बूथ से.
क्रमशः............................
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