RE: Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी
raj sharma stories
एक वेश्या की कहानी--7
गतान्क से आगे.......................
और वो मेरे होठों को अपने हाथों की उंगलियों से रौन्द्ता हुआ चला गया वहाँ से. और मैं वहाँ बेबस खड़ी सब देखती-सुनती रही.
उसके वहाँ से जाते ही चाची मेरे पास आई.
मैं – बहुत गंदा आदमी है चाची वो. मुझे ये जगह अभी के अभी छोड़ के जानी पड़ेगी चाची. मुझे मदद की ज़रूरत है. उसने मुझे डरा दिया है चाची.
और मैं चाची के गले लग के ज़ोर-ज़ोर से ढाहाड़े मार कर रोने लगी.
चाची ने मुझे शांत करते हुए कहा- मैं तुम्हारी मदद करूँगी, आख़िर मैं यहाँ किस लिए हू ? मुझे मालूम है हमे किस को पूछना चाहिए. हम बचाएँगे तुम्हे राज के चुंगल से. अगले दिन सुबह............
सारी वेश्याए हॉल मे जमा हो कर बातें कर रही थी.
रीता- याद है वो हमारी कॉल आई थी एक बहुत बड़े आदमी के यहाँ फंक्षन के लिए और हम सब ने वहाँ एंजाय किया था. वो कौन सा गाना था जो तुमने वहाँ गाया था.
चाची- मैं बताती हू, सुनो....
चाची सामने एक कुर्सी पर आकर बीच मे बैठ गयी और सारी लड़कियों ने तालियों से उनका अभिवादन किया.
चाची ने अपनी मादक आदाओ के साथ वो गाना शुरू किया....
"ये रात ये रात जली कि छिपकली रात ये रात
कड़ी और कोम्बदी की रात
ना उगली ही जाए ना निगली ही जाए
ये काली ज़हरीली रात
पल पल बलखाती पल पल ..."
और वो क्या मादक डॅन्स कर रही थी उस कुर्सी के साथ मैं तो बस उन्हे देखती ही रह गयी थी.
लेकिन वहाँ कोई और भी था जो डॅन्स नही बल्कि मुझे देख रहा था वो था फंक्षन ऑर्गनाइज़र जो लड़कियों को इधर-उधर के प्रोग्राम्स मे भेजता था.
जैसे ही चाची का डॅन्स ख़तम हुआ...वो मेरी ओर देखकर बोला--
तुम्ही कामिनी हो ना, बोलो हो ना. मैं यहाँ का ऑर्गनाइज़र हू, मैने तुम्हारे बारे मे बहुत कुछ सुन रखा है.
मुझे लगा शायद यही वो आदमी है जिसके बारे मे चाची ने कहा था और जो मुझे इस मुस्किल से निकाल सकता है.
मैने भी उसकी तरफ देखकर उसे बोला- आपसे मिलकर खुशी हुई.
वो- आओ यहाँ बैठो मेरे पास.
और चाची ने सबको वहाँ से जाने को बोल दिया ये कहकर के उनको अकेले मे मज़े करने दो. और सारी की सारी लड़कियाँ चाची के पीछे-पीछे हम दोनो को वहाँ अकेला छोड़कर चली गयी.
वो एक बूढ़ा आदमी था, पर इस वक़्त वो मेरे लिए किसी दूत से कम नही था, वोही एक ऐसा आदमी था जो मुझे इस मुसीबत से निकाल सकता था.
वो मेरे हाथों को चूमते हुए बोला- चाची सही बोल रही थी. तुममे कुछ अलग ही नशा है. तुम यहाँ की सबसे कोमल कली हो.
मैं- आपके हाथ कितने मजबूत है मिस्टर...........
वो- मिस्टर. केपर मेरा नाम है रोहित केपर, और मुझे खूबसूरती बेहद पसंद है.
ऐसा बोलकर वो मेरे हाथों को बेतहाशा चूमने लगा.
केपर – मैं उन्ही खूबसूरती को यहाँ-वहाँ भेजता हू जो मेरे काम की सराहना कर सके. मैं तो सिर्फ़ खूबसूरती की पूजा करता हू. जिसकी एक शुद्ध आत्मा है और वो संगीत से भी प्यार करता है.
वो मुझे अपनी बाहों मे समेटते हुए कहता है- तुम मुझे बेहद पसंद हो. ज़्यादातर लड़कियों के दलाल होते है. पर मैं तुम्हे उन सबसे दूर रखूँगा. क्या तुम मेरी बनना चाहोगी ?
और वो मुझे हर जगह चूमने-चाटने लगा.
मैं- इतने जल्दी कैसे ? …..अभी मैं थोड़ी घबराई हुई हू.
वो अचानक से मुझे दूर हटाते हुए गुस्से मे बोला- क्या तुम्हे ये सब से घृणा होती है ?
मैं – नही , बिल्कुल नही !
मैं उस बुड्ढे को रिझाते हुए उसकी कूबड़ को सहलाने लगी. उस बुड्ढे रोहित की बहुत ज़्यादा कूबड़ निकली हुई थी. मैं उसकी पीठ पर हाथ फिरा कर उसे शांत करने लगी के वो और भड़क उठा और बोला-
मेरी पीठ पर से हाथ हटाओ ये तुम्हारे लिए कोई भाग्यशाली आकर्षण का केंद्र नही बन सकता.
मैं उसे विनम्र होकर- मैं आपको नाराज़ नही करना चाहती थी मिस्टर. केपर. मुझसे बहुत बड़ी बूल हो गयी.
वो मेरे स्तनो को घूरते हुए बोला- जाओ, मैं तुम्हे सोचने के लिए कुछ वक़्त देता हू. पर हम दोबारा ज़रूर मिलेंगे.
और मैं उस हॉल ने निकलकर वापस बाकी की लड़कियों के पास आ गयी.
प्रीति - घबराओ मत ! तू बिल्कुल सुरक्षित रहेंगी मिस्टर. केपर के साथ. अब तो उनको ना भी नही कह सकते हम सब उनके साथ पहले भी जा चुके है.
और साथ ही साथ वो है तो बुड्ढे मगर उनका हथियार बहुत बढ़ा है. पीछे से ऋतु बोली. जैसा सभी बौनो और कुबड़ो का होता है. और सब खिलखिला कर हंस पड़ी.
रीना बोली- वो तुम्हे अपनी रानी बनाके रखेगा !
तभी चाची बोली- जैसे एक प्यारी सी गान्ड तबतक आगे नही बढ़ सकती जब तक उसे पीछे से धक्का नही दिया जाए.
और रीना ने अपनी गान्ड पर दो बार थपकी देकर दिखाया.
तभी एक नौजवान दरवाज़े पर यहाँ का काम संभालने वाली उस बूढ़ी औरत से लड़ते हुए अंदर दाखिल हुआ और हम सब के सामने आया.
उसने चाची की ओर देखते हुए कहा- अगर आपकी इज़ाज़त हो तो मैं, सीमा से कुछ बात करना चाहूँगा ?
चाची ने सीमा की ओर देखते हुए कहा- अगर सीमा चाहे तो ही.
तभी उस लड़के ने अपने हाथों से अपनी रिंग निकाली और सीमा ने उसे कहा- प्लीज़ यहाँ नही. अंदर चलो.
और वो दोनो वहाँ से चल दिए.
मैने रीता से पूछा- वो कौन है ?
रीता – वो सीमा का दलाल है, एक सचमुच का मर्द.
उसने ऐसे बताया जैसे वो कोई सूपरस्टार हो.
मैं- उसने तो मुझे डरा ही दिया था.
चाची- वो थोड़ा पागल है. उसे संभलकर ही रहना.
इतने मे उपर से ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़ें आने लगी, तो हम सब मिलकर उपर की ओर भागने लगे सीमा के कमरे की तरफ.
चाची ने दरवाज़े पर खटखटाकर कहा- रॉकी दरवाज़ा खोलो अभी के अभी !
हम सब लोग सीमा की चिंता कर रहे थे. थोड़ी देर मे दरवाज़ा खुला और रॉकी बाहर आया.
और चाची से बोला- मुझे माफ़ करे. मैं आप सब की इज़्ज़त करता हू, पर इस रांड़ ने मेरे साथ धोका किया.
जब हम ने अंदर देखा तो सीमा लहू-लुहान पड़ी थी, उसके सिर और मूह से खून निकल रहा था.
चाची ने रॉकी को बोला- तुझे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
रॉकी ने इतलाते हुए कहा- जैसे आप कहे, और वहाँ से चला गया !
हम सब दौड़े-दौड़े सीमा के पास गये और चाची ने पूछा- उसने क्या किया तेरे साथ ?
सीमा- उसने मुझे सिर्फ़ इसलिए मारा के मैं उसे ये नही बताती थी के मैं नीचे टेबल पर कितने पैसे देती हू.
चाची- इसको तुरंत नीचे ले जाओ और डॉक्टर को बुलाओ. लड़कियों नीचे ले जाओ, इधर-उधर देखने की कोई ज़रूरत नही है.
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