RE: Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी
रॉकी अपने बिस्तर से उठकर फोन के पास आया और वहाँ से उसने किसी का नंबर लगाया.
रॉकी – चिंटू ? मैं रॉकी बोल रहा हू. बिज़ी हो क्या ? मुझे कुछ ज़रूरी चीज़ो की व्यवस्था करनी थी.
इधर जहाँ मैं गयी थी वहाँ से भी निराशा ही हाथ लगी.
मैं- मुझे इस प्रकार से अस्वीकार करेंगे, इसकी उम्मीद नही थी मुझे. कोई काम नही. फिर भी मैं कोशिश करती रहूंगी. यहाँ सिर्फ़ रीता के बताए हुए क्लब्स नही है.
रॉकी – तुम ये सब भूल क्यू नही जाती ? क्लब्स मे काम करके तुम्हारी हालत खराब हो जाएगी. उसे तो अच्छा होगा तुम वहाँ काम करो जहाँ काई प्रकार के लोग आते है. नेता, अभिनेता, बड़े-बड़े रहीस और विदेशी लोग भी आते है.
मैं - मैं दुबारा एक वेश्या नही बनना चाहती हू !
रॉकी- और क्लब मे काम करना तुमको उचित लग रहा है. वहाँ पर पीना-पिलाना तुम्हारे लिवर को खराब कर देगा.
रॉकी मेरे पास आकर मेरे जाँघो को सहलाते हुए बोला- मैने तुम्हारे लिए एक बहुत बढ़िया काम जमाया है.
मैं- मुझे सीमा की तरह किसी भी दलाल की ज़रूरत नही है ! और मैने उसका हाथ अपने जाँघो पर से हटवा लिया.
रॉकी- मैं अपने आप मे अपमान महसूस कर रहा हू. तुमको क्या लग रहा है मैं तुमसे पैसे लूँगा ? भूल जाओ, तुम मुझ पर बिल्कुल भी भरोसा नही करती.
और वो बिस्तर के एक कोने मे जाकर बैठ गया.
मैं- क्या सचमुच मे मैं नेता,अभिनेताओं से मिल सकूँगी ?
रॉकी- तुम शर्त लगा सकती हो ! मैं अभी मिलन को बता देता हू.
मैं – वो कौन है ?
रॉकी – यहाँ का सबसे बढ़ा दलाल है. बहुत बढ़िया आदमी है. मैं अभी उसे अपनी मीटिंग जामाता हू. मिलन वो एक बुड्ढ़ा सा आदमी था जो मूह मे सिगार दबाए, हाथ मे छड़ी लिए बैठा हुआ था. हमारे वहाँ पहुचते ही उसने मुझे देखा और रॉकी से कहा
मिलन – ये तो बहुत खूबसूरत , ताज़ा और सुंदर स्तनो वाली लग रही है.
उसने मुझे देखा और मुझसे पूछा,
मिलन – क्या उम्र है तुम्हारी ?
मैं – 18.
मिलन – दरवाज़े तक चल के तो दिखाओ.
मैं अपनी मादक अदओ के साथ दरवाज़े की ओर बढ़ गयी. अपने कुल्हो को मतकाते हुए मैं दरवाज़े की ओर चली जा रही थी. वहाँ मौजूद हार्स शक़्स और औरत मेरे कुल्हो को ही घुरे जा रहा था. हर कोई मुझे ललचाई नज़रो से देख रहा था जैसे मैं कोई टपकता हुआ शहद हू और हर कोई मुझे खाना चाहता हो. मैं वापस मिलन के पास आ कर खड़ी हो गयी.
मिलन- तुम्हारे पास तो बहुत ही सुंदर मादक और नशीले कूल्हे है. अपने कूल्हे मेरी ओर तो करो मैं इन्हे छूकर महसूस करना चाहता हू.
मैने अपने कूल्हे उसके मूह के ओर कर दिए और वो थर्कि बुड्ढ़ा मेरे कुल्हो को दबा-दबा कर देखने लगा.
मिलन – बहुत ही नरम और मुलायम है.
मैने उसे थॅंक्स कहा और सीधे खड़े होकर पलट गयी.
मिलन – तुम्हे तो अव्वल दर्जे का घर मिलना चाहिए.
फिर उसने अपने चस्मे चढ़ाए और अपनी जेब से एक छोटी सी डाइयरी निकालकर उसे पढ़ने लगा और बोला-
मिलन – पी टी उषा .
मैं – कॉन वो ओलंयपिक्स वाली.
मिलन – नही, उनका नाम उषा है, पर उन्हे ओलंयपिक्स के खेलो से बहुत लगाव है. इसलिए उन्हे हम पीटी उषा कहते है. यहाँ का वो बहुत फेमस घर है.
तभी रॉकी बोला- हां , तुम्हे वो बहुत पसंद आएगा !
मैं रॉकी की तरफ घूर कर देखने लगी.
मिलन- शांति !
उसने वहाँ खड़े अपने आदमी को आवाज़ लगाई- सॅम ज़रा उषा चाची को कॉल तो लगाओ. उसने सॅम को नंबर दिया और सॅम नंबर लेकर एक तरफ चल दिया.
मिलन- तो तुम सब कुछ कर सकती हो, सही ?
रॉकी – मैं इसकी गॅरेंटी लेता हू.
मिलन- मैने कहा ना शांत बिल्कुल शांत !
और वो वहाँ से उठकर जाने लगा. उसके उठते ही रॉकी उसे जा-जा का इशारा करने लगा, और मेरे पास एक कुर्सी खीचकर बैठ गया.
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