RE: Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी
एक वेश्या की कहानी--9
गतान्क से आगे.......................
अब मुझ से बर्दाश्त नही हुआ ओर उसने फिर फिंगर मेरी चूत मे डाल कर ज़ोर ज़ोर से ओह ओह अहहााआहह आह याअ उउउ ओह कम कम कम कम कम कम कम कम कम कम कम ऑन कम, ओह ओह ऑश ह ओर चूत मे फिंगर को हिला रही धीरे अह्ह्ह्ह चूत मे 2 फिंगर्स थी ओर मेरी चूत तीसरी भी माँग रही थे आअहह ओह्ह उूउउ मेरीयी मेरीयी चूऊऊथततटटटतत्त अहह चूत आह, और जैसे ही मेरा पानी निकला मैं चाची से ज़ोर से चिपक गयी और उन्हे कसकर पकड़ लिया और बोला-
मैं- आइ लव यू !
चाची ने मुझे ज़ोर से धक्का देकर टब मे गिरा दिया और मुझ पर चिल्लाते हुए बोली-
चाची- तेरी जुर्रत कैसे हुई साली रांड़ ?
और मैं एकदम से सकपका गयी.
चाची- बाहर निकल…….निकल. चल जा काम पे लग जा !
शाम को मैं बन-सवर के हॉल मे पहुचि, यहाँ भी मस्तानी चाची के घर की तरह ही सारी व्यवस्था थी. सब कुछ वैसा ही, कस्टमर्स को वो भी वैसे ही हॅंडल करना उनसे पैसे लेकर नीचे जमा करना, सब कुछ वैसा ही था.
मैं भी अपने काम मे लग गयी और कस्टमर्स उठा-उठा के ले जाने लगी और अपने पैसे बनाने लगी. किसिके साथ ½ घंटा तो किसी के साथ 1 घंटा. खूब कमाई हो रही थी यहाँ.
उषा चाची भी मुझसे बहुत खुश थी.
चाची- तुम बहुत अक्च्छा कर रही हो.
कस्टमर्स को मुझमे सबसे प्यारी चीज़ मेरी गान्ड पसंद आती है. उसी को दिखा-दिखाकर मैं अपने कस्टमर्स बनाती हू.
मैं- हाई मेरी जान, आज तो मैं शोले भड़का रही हू.
मैं अपनी गान्ड दिखा कर उसके सामने नाचने लगी. उसके मूह पर अपनी गान्ड रगड़ने लगी. वो मेरी जाँघो को मसल्ने लगा.
मैं- क्या आज तुम कामिनी को पसंद करोगे अपने लंड पर ?
और उसका मूह अपने स्तनो मे डालकर हिला दिया. वो बहुत खुश हुआ पर हा नही बोला, तो मैं आगे बढ़ गयी.
उसके बाजू एक युवक मुझे चूमने लगा.
मैं- क्या तुम्हारे पास पैसे है ?
और उसने भी मुझे चूमकर छोड़ दिया. मैं आगे बढ़कर अपने लिए कस्टमर ढूंड रही थी.
तभी मुझे आगे दीवार से टिक-कर खड़ा एक शक़स दिखा जिसे देखकर मेरा मूड खराब हो गया और मैं वहाँ से पलट गयी. वो शक़स मुझे ही घूरे जा रहा था.
जब मैं पलट कर जा रही थी, तो वो मेरी गान्ड को ललचाई हुई नज़रो से घूरे जा रहा था. मैं तेज कदमो से चलकर वहाँ खड़ी लड़कियों के पास चली गयी और उनसे कहा-
मैं- मुझे पता था ये कभी ना कभी तो होना ही था.
वो दोनो लड़कियाँ जो एक दूसरे से लिपट-चिपक रही थी. मुझे देखने लगी.
मैं- वो आदमी जो दरवारे के पास खड़ा है, मेरा दूर का चाचा है.
उनमे से एक लड़की ने मेरे खंधे पर हाथ रखा और मुझसे बोली- तुम फिकर मत करो, मैं उसे देखती हू.
उस लड़की ने सिर्फ़ एक चुन्नी अपने गले मे लप्पेट रखी थी बाकी वो पूर्ण नग्न थी, और वो चाचा के पास जाने लगी. उसने चाचा का हाथ उनकी जेब मे देखकर उनसे कहा-
लड़की- जेब मे हाथ डालकर क्या पकड़े हुए हो ?
बोलो तो मैं तुम्हारे लिए उसे कड़क कर देती हू !
चाचा- वो पहले से ही बहुत कड़क हो चुका है !
चाचा ने ओवरकोट पहना हुआ था, और उस पर एक इंग्लीश हट भी थी. शहर मे रहकर उनकी जीवनशैली ही बदहाल गयी थी.
लड़की ने चाचा के ओवरकोट मे हाथ डालकर उनका लंड पकड़ लिया और उनसे बोली- चलो भी, मैं चाहती हू तुम मेरी चूत की आज धज्जियाँ उड़ा दो.
चाचा उसकी बात को उनसुना कर आगे बढ़ गये.
लड़की धीरे से गाली देते हुए- हिजड़ा !
वो सीधे चलकर मेरे पास आए और मेरे पीछे आकर खड़े हो गये. और मुझे आवाज़ देते हुए कहा,
चाचा- चलो !
मैने भी उन्हे कस्टमर मानकर उनके साथ चल दी अपने रूम मे.
पीछे से उषा चाची के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी.
चाची- उठो स्पोर्टस्मन, खूबसूरत कन्याओं को लेकर मस्ती करो, खेल खेलो.
वहाँ खड़ी लड़कियों को वो बोल रही थी.
चाची- टेन्निस प्लेयर्स अपनी बॉल बाहर निकालो, इन मर्द प्लेयर्स को अपने बाल दिखा कर आकर्षित करो. साइक्लिस्ट पेडल मारना शुरू करो !
और वो उन्हे पेडल मार कर दिखाने लगी. वहाँ मौजूद अधिकतर लड़कियाँ अलग-अलग स्पोर्ट्स प्लेयर के कपड़ो मे थी. ये सब इसलिए था क्यूकी इस घर का नाम ही ओलिमपिड रखा गया था.
जैसा चाची ने पहले ही बताया था, वो गोल्ड मेडल विन्नर है. इसलिए यहाँ सब कुछ ओलिमपिक्स के रंग मे रंगा हुआ था. यहाँ कस्टमर्स को भी स्पोर्टस्मन या पर्सन कहा जाता है. उधर कमरे मे मैं चाचा के साथ थी.
चाचा अपना कोट उतार रहे थे और मैने अपना गाउन उतारा और उनसे पूछा – आप आधा घंटा लेंगे क्या ?
वो अपना कोट उतारकर बिस्तर पर बैठ गये, मैने उनसे कहा – आपको मेरे साथ बहुत मज़ा आएगा.
चाचा – क्या बढ़िया काम कर रही हो, राधा .
मैं उनकी तरफ पीठ करके खड़ी थी, बिल्कुल नग्न वो मेरी गान्ड को देख कर बोले थे.
|