RE: Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी
वो मुझे चोद रहे थे और मैं बस नशे मे चूर होके आवाज़े निकाल रही थी एस!फक मी ओह्ह्ह्ह फक मी फास्ट .उनका लंड चूत को चीरता हुया अंदर जा रहा था फिर बाहर आ रहा था ओर पूरे कमरे मे पच पच की आवाज़ आ रही थी…
मेरी चूत और उनके लंड का मिलन हो रहा था क्या टाइम था वो…. करीब 20 & 22 मिनट बाद मेरी साँसे तेज़ हो गयी ओर ज़ोर ज़ोर से गान्ड हिलाने लगी ओर वो समझ गये के बस अगले कुछ मिंटो मे झड़ने वाली है उन्होने स्पीड बढ़ा दी ओर मैं पागलो की तरह ऊहह ओर तेज़्ज़ ओर ओर तेज़्ज़ ओर करीब 5 मिनट बाद मैने अपने नील्स उनकी पीठ मे गढ़ा दिए....
मेरा पूरा शरीर अकड़ गया ओर तभी दो चार झटको मेउनका वीर्य भी मेरी चूत मे जा गिरा ओर उन्होने मुझे इतनी तेज़ कासके पकड़ा मानो मेरी जान ही निकाल देंगे
मेरे नील्स उनकी पीठ पर पड़ गये ओर मेरी चूत ने उनका सारा वीर्य अपने अंदर ही रख लिया ओर हम दोनो ऐसे ही पड़े रहे ओर करीब 15 मिनट बाद वो अपना कपड़ा पहने और मुझे फिर आउन्गा कहकर चले गये................... उधर मैं रॉकी को पैसे पहुचाने गयी, आख़िर रॉकी मेरा दलाल था.
मैं- मैं जानती हू, ये बहुत कम है.
रॉकी – क्या बात है ? क्या तुम अपने कस्टमर खोने लगी हो ?
मैं – मैने आज तक इतनी मेहनत पहले कभी नही की.
रॉकी- इसमे अभी भी 10000 रुपये. कम है !
मैं – तो ठीक है , तुम्हे सब कुछ जान लेना चाहिए. मेरे चाचा जी मुझे ब्लाकक्मैनल कर रहे है.
रॉकी – तुम किस घुसताख के बारे मे बात कर रही हो ?
मैं- मैं उन्हे अभी भी याद हू, और वो रोज मेरे पास आ जाते है. वो मेरा समय भी बर्बाद करते है और मुझे पैसे भी नही देते है.
मैने अभी तक ये बात चाची को भी नही बताई है. मुझे यहाँ से बाहर निकालो प्लीज़.
रॉकी- बिल्कुल, इसमे तो मेरी भी बेज़्जती है. ठीक है एक काम करते है तुम उसे मिलने के लिए इटॅलियन केफे बुलाओ.
और उसने मुझे कुछ पैसे देते हुए कहा- इसे रखो.
और फिर वो वहाँ से चला गया.
इटॅलियन केफे मे मैं और चाचा जी दोनो बातें कर रहे थे.
चाचा- मैं कल जुवे मे बहुत ज़्यादा पैसे हार गया हू.
हमारी सामने वाली टेबल पे 4 लड़के बैठे कॉफी पी रहे थे और मेरी ओर घूर रहे थे, उनको देखते हुए चाचा जी ने मुझसे कहा- वो लड़के तुम्हारी जांघे घूर रहे है, उन्हे भी कुछ अपने जलवे दिखाओ.
मैने अपनी ड्रेस को अपने घुटनो से उठाके अपनी कमर तक चढ़ा ली और उन्हे अपनी जाँघो का प्रदर्शन करने लगी.
चाचजी- बहुत अच्छे, मैं खुश हू कि मेरी प्यारी भतीजी को देखकर लोग उत्तेजक होते है.
थोड़ा और दिखाओ……….मैं और ज़्यादा खुलकर उन्हे दिखाने लगी.
चाचजी- मैं खुश हू कि मैने तुम्हे फिर से पा लिया है.
मैं आज रात अपने कुछ पैसे वापस जीतना चाहता हू. क्या तुम मुझे कुछ पैसे दे सकती हो ?
मैं – क्या अगर वो पैसे भी आप हार जाए ?
चाचा- कंजूसी छोड़ो ! और अपनी टांगे थोड़ा और खोलो.
चाचा जी ने उन लड़को की ओर देखते हुए कहा – वो लड़के तुम्हे अपनी आखों से खा रहे है.
उधर रॉकी मुझे केफे मे अंदर आते हुए दिखा उसके साथ कोई हॅटा-कॅटा पहलवान समान व्यक्ति था. मैं रॉकी को देखकर बहुत खुश हुई.
क्रमशः............................
|