RE: Randi ki Kahani एक वेश्या की कहानी
एक वेश्या की कहानी--11
गतान्क से आगे.......................
दोस्तों पेश है इस कहानी अंतिम पार्ट आपका दोस्त राज शर्मा
मेरे मूह से आअहह की आवाज़ निकली, मैने कहा राजाजी प्ल्ज़ थोड़ा आराम से करो फिर मज़ा आएगा.
वो अपने लंड का टॉप मेरी गान्ड मे डाले हुए थे. मैं बोली एक और धीरे से मारना ओर वो ज़ोर से झटका मारे ऑर अपना आधा लंड मेरी गान्ड मे डाल दिया.
थूक की वजह से मुझे ज़्यादा दर्द ना हुआ पर चिल्लाई ज़रूर.
वो थोड़ी देर ऐसे ही गान्ड मारते रहे ओर फिर एक जोरदार झटका मारा कि पूरा लंड मेरी गान्ड मे चला गया मैं बड़ी ज़ोर से चिल्लाई.
वो मेरे बूब्स मसल्ते रहे इससे मैं बिल्कुल शांत हो चुकी थी अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला ऑर अंदर कर दिया.
मुझे अब भी दर्द हो रहा था लेकिन पहले से कम, वो 2 इंच लंड को बाहर निकालते ऑर फिर अंदर करते.
मैं भी आआअहह की आवाज़ करती. वो 5 मिन्स तक एस ही मेरी गान्ड मारते रहे ओर फिर थोड़ा तेज हुए.
वो बोले - मेरी जान आज तुम्हाइन इतना मज़ा दूँगा कि तुम भूल नही पायोगी अपनी ये चुदाई ओर वो पूरी तेज़ी से गान्ड मारने लगे मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वो पूरी तेज़ी से चोदने लगे 15 मिन्स की चुदाई के बाद हम इकट्ठे ही झड़े उन्होने मेरी गान्ड को अपने वीर्य से भर दिया ओर थोड़ी देर तक मेरे उपेर ही लेटे रहे. मैने राजाजी से पूछा- क्या आपको मज़ा आया ?
राजाजी- मैं गान्ड मरवाने वाली से बात नही करता !
और वो अपने कपड़े ठीक करके चला गया. मैं उसे देखते ही रह गयी और खुद को संभालने लगी.
रानी साहिबा को खुश करके अनिता मेरे पास आई और मुझे देखने लगी और फिर हम दोनो ज़ोर से खिलखिला कर हंस पड़ी.
हम दोनो हँसी के मारे पागल हुए जा रहे थे पर अनिता तो कुछ ज्यदा ही जोरो से हंस रही थी. हम जब महल से बाहर निकले तो हंसते-हंसते अनिता के मूह से खून निकल आया. तब मेरी हँसी एकदम से बंद हो गयी और मैने अनिता से पूछा- तुम ठीक तो हो ना अनिता ?
अनिता अपना मूह पोछते हुए बोली- मुझे नही मालूम…..
शायद बहुत ज़्यादा शराब पीने की वजह से हो रहा है.
उसने अपने आपको ठीक किया और फिर हम दोनो हस्ते हुए वहाँ से निकल पड़े.
दूसरे दिन बहुत ही सुंदर खत मुझे आया. मैं वो खत चाची के सामने ही पढ़ रही थी. मैने उन्हे बताया- ये खत मुझे अमित ने भेजा है.
चाची ने खत को देखा और बोली- बढ़िया…………वो कॉन है ???
मैं- मेरे सपनो का शहज़ादा. मैं उसे देखना चाहती हू. उसे मिलना चाहती हू. उसके साथ रहना चाहती हू. मैं अब ये सब छोड़ना चाहती हू.
चाची- तुम खुद गौर कर लो अपनी कही गयी बातो पर. तुम यहाँ खूब पैसे बना सकती हो.
मैं- मैने बहुत पैसे कमा लिए है. अब इसे छोड़ने की बारी है.
चाची- अब तो हम सबको ये छोड़ना ही है. सरकार अब हमको लीगल नोटीस जारी कर दी है. तुम इस मौके का फ़ायदा उठाओ और यहाँ से चली जाओ. किसी दूसरे शहर चली जाओ. मेरे अच्छे कॉंटॅक्ट्स है मैं तुम्हारी बहुत अच्छी जगह बात चलाती हू.
मैं- मुझे बस इस बात की चिंता है की रॉकी इस बात को लेकर क्या कहेगा!
चाची- तुम उसकी चिंता मत करो, मैं तुम्हारे दल्ले को संभाल लूँगी. मैं अपने दोस्त जो पोलीस मे एस.पी है उसे कह दूँगी, वो उसे अरेस्ट कर लेंगे.
मैं- पर मैं उसे प्यार भी करती हू और हां उन सभी कस्टमर्स को भी जो यहाँ मेरे दीवाने है(मैने वहाँ बैठे सब कस्टमर्स की ओर चिल्लाकर कहा.)और वो सभी खूबसूरत लड़कियों को जो मेरी यहाँ साथी रही है(और एक-एक लड़की को देखकर हाथ हिलाने लगी) फिर मैं एकदम से मूडी और थोड़ा गूंगीं होते हुए बोली और चाची सबसे ज़्यादा आपको.
और चाची भावुक होकर मुझे अपने सीने मे भर ली.
मैं- चाची, मैं आपके लिए क्या कर सकती हू ?
चाची- चलो, आज मैं तुम्हे अपने हाथों से नहलाती हू.
और चाची उठी और घोषणा करते हुए बोली……….नौजवानो….हम बंद कर रहे है.
चलो दौड़ो, भागो यहाँ से…उन्होने एक लड़के को आराम से बैठे देख उसे कहा- क्या तुम बहरे हो या फिर आज चुदाई मे तुम्हारे गोटे दब गये???
तभी उपर से एक लड़की नीचे चिल्लाते हुए आई- अनिता की हालत बहुत खराब है. उसे खून की उल्तियाँ आ रही है.
सारी लड़कियाँ भागकर अनिता के रूम की तरफ चल पड़ी.
चाची- मुझे मालूम का उसका अंत दर्दनाक ही होगा !
चाची उसके बगल मे बैठकर उसको हिलाई पर वो हिली तक नही.
चाची चिल्लाई- डॉक्टर, कोई डॉक्टर को बुलाओ जल्दी….
इतने मे एक कस्टमर जो अंडरवेर मे था दौड़ते हुए कमरे मे घुसा और बोला मैं डॉक्टर हू.
उसने अनिता की बाहें, आँखे , सीना की अच्छी तरह से जाच की और चाची से बोला- अब हमारे हाथों मे कुछ भी नही है, हम कुछ नही कर सकते.
तभी अनिता बोली मेरी आत्मा को आज़ाद करो. भीड़ मे से एक चेहरा सामने आया और बोला- मैं पादरी हू.
चाची उनसे बोली- कुछ कीजिए फादर….और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी. हम सब बाकी लड़कियों की हालत कुछ ऐसी ही थी.
फादर ने अनिता का हाथ अपने हाथों मे लेकर उसे पूछा- क्या तुम्हे किसी बात का पछतावा है चाइल्ड ?
बस एक दबाव है और फिर ये सब ठीक हो जाएगा. और अनिता इस दुनिया से आज़ाद हो गयी……
और मैं डरी-सहमी टब से बाहर निकल कर आ गयी. शायद कुछ दिन बाद ऐसा ही मेरा अंत होना था
दोस्तों ये कहानी आपको कैसी लगी कमेंट जरूर दे आपके कमेंट कि प्रतीक्षा में आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
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