Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 01:05 PM,
#73
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
जैसे ही मेरा काम हुआ प्रीतम उठी और अपनी सलवार को उपर चढ़ाते हुए नाडा बाँधने लगी मैने भी लंड को पेंट मे डाल लिया फिर हम वहाँ आए जहाँ उसकी कटी हुवी लकड़ियो का गत्थर पड़ा था वो मैने उसके सर पे रखा और वो अपनी गान्ड को कुछ ज़्यादा ही मटकाते हुए चल पड़ी मैने दूसरा रास्ता पकड़ लिया .

फिर मैं थोड़ी देर बस स्टॅंड पे घुमा और फिर घर आ गया कुछ देर किताबो मे सर खपाया फिर भोजन का आनंद प्राप्त किया चाचा आए नही थे तो एक बार फिर मुझे कुँए पे जाना था मैं पैदल ही चल पड़ा ,घूमते घूमते जब मैं वहाँ पहुचा तो देखा कि एक कमरे की छत तो आज डाल दी गयी थी बस दूसरे की बची थी खाट को बिछाया और पसर गया एक मन तो किया कि बिम्ला काकी की चूत फिर से मारी जाए पर फिर ना जाने क्यों कॅन्सल कर दिया कुछ ही देर मे नींद आ गयी सूभ मैं उठा फ्रेश वग़ैरा हुआ ऑर घर की ओर चल दिया पापा बाहर ही बैठ कर अख़बार पढ़ रहे थे मुझे देखके बोले आज तू छुट्टी कर लियो कुँए का काम तो लगभग हो ही चुका हैं जो बचा हैं तू संभाल लियो तभी मुझे एक आइडीया आया

आक्च्युयली हमारे घर के पिछली तरफ हमारी थोड़ी जगह खाली पड़ी हुई थी तो मैने कहा पापा क्यों ना हम एक कमरा पिछे भी बनवा ले काम तो चल ही रहा हैं,और उधर की जगह भी कंट्रोल मे हो जाएगी तो वो बोले ठीक हैं करवा लियो फिर मैं अंदर चला गया दिन ऐसे ही बीत रहे थे मिता से मेरी नज़दीकिया और गहरी होती जा रही थी पूरा टाइम पता नही कब ख़तम हो जाता था स्कूल की पढ़ाई का प्रेशर फिर घर के पचासो काम हालत बहुत ही बुरी हो गयी थी मैं चाची को बुरी तरह से चोदना चाहता था पर वो मान ही ना रही थी और आज कल तो किस विस भी ना के बराबर ही थी प्रीतम तो दिखाई ही नही देती थी दिन बस कट ही रहे थे किसी तरह से खेतो मे बाज़रे की फसल लहलहाने लगी थी बस कटाई कुछ ही दूर थी पूरा डेढ़ महीना हो गया था चूत की शकल ना देखी , मैने अपना डेरा नये बनाए कमरे मे बसा लिया था इसके दो फ़ायदे अगर रात को प्रीतम के घर चला भी जाउ तो मेरे घर वालो को कुछ पता नही चलना था और मुझे पूरी आज़ादी थी एक दिन प्रीतम को मैने रास्ते मे रोक लिया और बोला कब देगी मैं तो मरा जा रहा हूँ वो बोली क्या करूँ माँ पीछा ही नही छोड़ती मैं खुद फसि पड़ी हू तू थोड़ा रुक मैं करूँगी कुछ ना कुछ मुझे थोड़ी तस्सली मिली जिस साइड मे हमारा नया वाला कमरा बना हुआ था उधर वाली साइड मे बस एक ही घर था क्योंकि उसके आगे पहाड़ अड़ा हुवा था वो घर पप्पू भाई का था उसकी सब्ज़ी की दुकान थी बस स्टॅंड पे वैसे तो आदमी अच्छा था परंतु कभी कभी शराब पी के उसकी पत्नी को पीट देता था कई बार मैं उसकी दुकान से फ्रूट खरीदता था ऐसे ही एक दिन रात को कोई 11 बजे होंगे मैं पढ़ ही रहा था तभी मैने कुछ रोने की आवाज़ सुनी मैने गेट खोला तो देखा कि पप्पू अपनी पत्नी को पीट रहा था तो मैने जाके बीच- बचाव किया और उसे समझाया तो वो मान गया और सो गया भाभी बुरी तरह रोए जा रही थी मैने उन्हे थोड़ा पानी पिलाया और शांत किया और उनके आँसुओ को पोंछ दिया थोड़ी देर बाद मैं वापिस आ गया उसके बाद जब भी भाभी मुझे मिलती मेरी ओर देख के हंस देती थी मैं भी मुस्कुरा के जवाब दे देता था थोड़ा समय और बीत गया एक दिन दादी बोली बेटा मुझे मंदिर तक छोड़ के आजा आज वहाँ कीर्तन हैं तो मैने कहा मम्मी को कह दो तभी मुझे याद आया कि मिता ने बताया था कि वो हर सनडे मंदिर जाती हैं इतनी इम्पोर्टेंट बात कैसे भूल गया संयोग से अगले दिन सनडे ही था तो उस दिन कोई 8 बजे मैं मिता के गाँव की तरफ चल पड़ा साइकल साइड पे लगाई और मंदिर की तरफ चल पड़ा बहुत ही बड़ा और सुंदर मंदिर था माता रानी के दर्शन किए और मंदिर मे घूमने लगा जैसे ही मैं पिछली वाली साइड मे गया तो देखा कि मिता वहाँ कबूतरो को दाना खिला रही हैं, उसे देखते ही धड़कने बेकाबू हो गयी थी मेरी सादगी मे लिपटी हुवी साँवली सी मूरत हल्के नीले रंग के सूट मे बहुत ही प्यारी लग रही थी जैसे ही उसकी नज़र मुझपे पड़ी उसके चेहरे पे लाली बढ़ गयी वो बड़े ही सलीके से मेरे पास आई और बोली तो आज फ़ुर्सत आई हैं तुम्हे यहाँ आने की मैं कुछ बोलने ही वाला था कि उसने मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया थोड़ी दूर एक सुनसान सी जगह थी वहाँ पे पत्थरो पे हम दोनो बैठे हुए बातें कर रहे थे ऐसे ही एक अजीब सा खुमार चढ़ने लगा था फिर वो बोली अब मैं चलती हू मैं उसे रोकना चाहता था पर रोका नही बस उसे जाते हुए देखते रहा घर पहुचते पहुचते दोपहर हो गयी थी मैं बहुत ही ज़्यादा खुश था खुशी छुपाए नही छुप रही थी मैने मम्मी को आवाज़ लगाई पर वो घर मे नही थी तो मैं चाची के पास गया और मम्मी को पूछा तो उन्होने कहा कि बेटा तेरे लिए एक बुरी खबर हैं मैं थोड़ा डर सा गया कि कही मेरे कांडो का पता तो नही चल गया घरवालोको मैने पूछा क्या हुआ तो उन्होने कहा कि आज तेरी प्रीतम की सगाई करने लोग आए हुए हैं और मम्मी उन्ही के घर गीतो मे गयी हैं अब साला ये क्या स्यापा हो गया मैने कहा इसमे बुरी खबर क्या हैं चाची ये तो होना ही था हर लड़की का रिश्ता एक ना एक दिन होता ही है, तो वो बोली तुझे सच मे बुरा नही लग रहा क्या तो मैने कहा नही पर अंदर ही अंदर मैं हिल गया था
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