Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 01:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
उनकी हथेलिया मेरे पूरे शरीर पर रेंग रही थी बेड पर एक तूफान आ गया था उनकी मचलती जवानी और मेरे जलते अरमान हर एक धक्के के साथ मैं उनमे पूरी तरह से समाने की कोशिश करे जा रहा था एक दीवानगी सी छा गयी थी हम दोनो पर . जितना कस कर मैं उनकी चूत पे धक्का लगाता उतना ही उनकी चूत मेरे लड पे कसी जा रही थी भाभी मेरे प्रति ऐसे समर्पित थी जैसे कि वो मेरी ही पत्नी हो आज की ये चुदाई हवस की ना होकर भावनात्मक लगाव की थी हम दोनो हर एक पल का पूरा आनंद ले रहे थे भाभी की गरमागरम साँसे मेरे मूह मे ही घुलसी रही थी मैं तो बावरा हो गया था उनके हुस्न की पनाह पाकर भाभी अब बेकाबू घोड़ी हो गयी थी मेरा लड उनकी चूत मे और भी गहरा धंसा जा रहा था मस्ती का आलम इस कदर चढ़ चुका था कि रज़ाई ना जाने कब हमारे उपर से उतर कर नीचे जा गिरी थी मैने इस कदर उनके होंठ को चबाया कि वो साइड से कट गया और खून निकल आया जिसे मैं चाटने लगा था तभी भाभी की पकड़ मुझपे मजबूत होने लगी उनके नाख़ून मेरी पीठ को खरोचने लगे और फिर एक तेज झटके के साथ वो ढीली पड़ गयी और उनकी चूत से रस की नदी बह निकली जिस से मेरी टांगे भी चिपचिपी हो गयी

पर मैं वैसे ही लगा रहा थोड़ी देर तो उहोने सहा फिर मुझे हटने को कहा मेरा मूड तो नही था पर मैं उनके उपर से उतर गया तो भाभी उठी और मेरी हालत को समझते हुए मेरे लड को अपने मूह मे भर लिया और अपनी चूत के रस से सने हुए लड को अपनी लंबी जीभ से चाटने लगी मेरे सुपाडे पे चलती उनकी जीभ को मेरा लड ज़्यादा देर तक नही सह पाया और उसने उनके मूह मे ही अपनी धार मारनी शुरू कर दी भाभी गाटा गट मेरे पानी को पीने लगी मैं निढाल होकर बिस्तर पर पड़ गया

ना जाने कब मेरी आँख लग गयी जब मेरी आँख खुली तो 3 बज रहे थे मैं उठा कपड़ो को संभाला और जिस रास्ते से गया था उसी रास्ते से वापिस आ गया बाहर गहरी धुन्ध छाई पड़ी थी ठंड से मेरी रीढ़ की हड्डी कांप गयी मैने किवाड़ खोला और बिस्तर मे घुस गया तब जाके थोड़ा सा चैन मिला नींद तो उड़ ही गयी थी मैं लेटे लेटे ही अपने जीवन के बारे मे सोचने लगा मुझे अपनी ज़िंदगी की एक नयी शुरुआत करनी थी कुछ ही दिनो मे मुझसे ये सब कुछ छूट जाएगा पता नही नया माहौल कैसा होगा ये सब सोचते सोचते सुबह के5 बज गये मैने मिता को फोन लगा दिया पहली ही घंटी मे उसने फोन उठा लिया तो वो कहने लगी कि वो पूरी रात सोई ही नही उसके समस्टेर के प्रॅक्टिकल्स चल रहे है तो वो पूरी रात बचे हुए काम को ही फिनिश कर रही थी मैने मिता से कहा कि तुम्हारी बहुत याद आती है तो उसने बात को टाल दिया पर मेरे दिल मे बहुत कुछ था उसको बताने के लिए पर वो बिजी होने का बहाना बना रही थी मुझे गुस्सा सा आने लगा था मैने कहा यार दो दिन बाद मुझे जाना है फिर पता नही लाइफ कैसी हो क्या पता फ्री टाइम मिले ना मिले मिता बोली प्लीज़ तुम समझो मेरा काफ़ी काम पेंडिंग है


मुझे प्रॅक्टिकल सब्मिट करनी है मैं तुमसे बाद मे बात करूगी और फोन काट दिया मैं हेलो हेलो करता ही रह गया मेरे दिमाग़ का फ्यूज़ ही उड़ गया वैसे मुझे कभी गुस्सा आता नही था पर उस दिन मैं आउट ऑफ कंट्रोल हो गया मैने फोन को सामने दीवार पर दे मारा एक मिनट मे ही उसके टुकड़े बिखर गये मैं कमरे के बाहर निकला और मंदिर की सीढ़ियो पे जाके बैठ गया आज ठंड भी कुछ ज़्यादा ही थी मेरी स्वेटर भी उसको नही रोक पा रही थी पर मैं वही बैठा रहा शांत पानी को देखता ही रहा उस शांत पानी को देखकर मुझे कुछ हॉंसला सा मिला पर मूड बहुत ही खराब था काफ़ी देर उधर ही बैठने के बाद मैं घर आया तो देखा कि घर वाले मेरी पॅकिंग करने मे लगे है मम्मी ने काफ़ी सारा सामान इकट्ठा का लिया था काजू, बादाम, गोंद के लड्डू , घी और मेरा फेव. गाजर का आचार जब मैने ये सब देखा तो मैने उनको सॉफ सॉफ कह दिया कि मैं कुछ नही ले जाउन्गा बस दो-चार जोड़ी कपड़े और अपना बेग बस और कुछ नही तो मम्मी बोली बेटा थोड़ा सा ही तो सामान है पर मैने मना कर दिया फिर मैने थोड़ा बहुत कुछ खाया पिया और अपने कमरे मे आया तो मेरी नज़र टूटे पड़े फोन पर गयी तो मेरा दिमाग़ और भी खराब हो गया .


पर अब कुछ नही हो सकता था मैं वही कुर्सी पे बैठ गया और सोचने लगा मिता के व्यवहार से मेरा मन बुझ गया था आज से पहले उसका बिहेवियर ऐसा कभी नही था मुझे चैन नही मिल रहा था तो मैने मम्मी से पैसे लिए और मैं सहर चला गया थोड़ा सामान भी खरीदना था वहाँ जाके मुझे निशा का ध्यान आया तो मैं कॉलेज गया और उसको अपने साथ ले लिया मैं उसको एक लॅडीस गारमेंट की दुकान पे ले गया और उसके लिए दो सूट खरीदे वो मना कर रही थी तो मैने उसका हाथ पकड़ा और उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए कहा कि देख मैं अब चला जाउन्गा ना जाने कितने दिन बाद आना होगा प्लीज़ यार तू मना मत कर आख़िर एक तू ही तो मेरी दोस्त है तेरे सिवा और कौन है मेरा मैं थोड़ा भावुक हो गया तो निशा ने हाँ कर दी फिर मैने उसकी पसंद के सूट खरीदे अपने लिए भी सामान खरीदा और शाम होते होते गाँव आ गये निशा का साथ मुझे बेहद सकुन देता था पर वो बस आख़िर दोस्त ही थी मेरी या दोस्त से कुछ ज़्यादा ही हो गयी थी जितना वो मुझे समझती थी उतना तो मिता कभी नही जानती थी पर मिता मेरी प्रेरणा थी
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है - by sexstories - 10-05-2019, 01:32 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,454,741 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,141 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,224 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,158 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,625,985 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,058,803 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,913,459 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,933,045 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,983,859 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,452 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 28 Guest(s)