Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 02:10 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
पद्मिआनी की चूत ने फैलाते हुए मेरे लंड को रास्ता दिया और चूत का छल्ला लंड से चिपक गया पद्मिआनी ने आहे भरनी शुरू करदी और अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी मैं उसपर पूरी तरह से छा चुका था और अपनी कमर को उचकाते हुए पद्मिअनी की चुदाई शुरू कर दी पद्मिरनी और मैं एक बार फिर से एक हो गये थे मैं उसके सेब से लाल लाल गालो को चूमने लगा



हम दोनो की साँसे अब भारी हो चली थी और एक दूसरे के मुँह मे घुल रही थी अब ना कुछ होश था ना कुछ खबर थी बस दो जिस्म एक जान बन गये थे गुज़रते लम्हो के साथ हमारी स्पीड भी बढ़ने लगी थी रज़ाई हमारे जिस्मो से उतार कर बेड के नीचे फर्श पर पड़ी थी पर अब सर्दी का कोई नामो-निशान नही था बस था तो हमारे जिस्मो की प्यास जो बुझने से पहले फड़फड़ा रही थी



मैं उसके चेहरे , गर्देन को बेतहाशा चूम रहा था और पद्मिझनी अपनी गान्ड को उठा –उठा कर के मेरे झटको का जवाब दे रही थी उसके अंदर की आग से मेरा जिस्म जैसे पिघल ही रहा था तो अब मैने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से उसके चुतड़ों को फैलाते हुए लंड को चूत से सटा दिया और उसकी कमर को पकड़ के उसकी चुदाई फिर से स्टार्ट कर दी पद्मिुनी की चूचिया किसी पके हुए फल की तरह हवा मे झूल रही थी



मेरे हाथ उसके कुल्हो , पेट छातियो सब जगह पर बारी बारी से फिसल रहे थे तप थप करती मेरी गोलियाँ उसके चुतड़ों से टकरा रही थी पद्मिोनी भी अपने चुतड़ों को पीछे करके पूरा मज़ा ले रही थी तभी वो बोली कि मेरा बस होने ही वाला है तो मैं फुल स्पीड से उसको चोदने लगा पच पुच पच पुच की आवाज़ अब और भी तेज हो गयी थी चूत से रिस्ता कामरस मेरे लंड से होता हुआ अंडकोषो को भिगोने लगा था



और फिर ऐसा लम्हा आ ही गया जब पद्मितनी डिसचार्ज हो गयी उसकी चूत से गरम पानी की नदी बह चली और उसका बदन शांत पड़ गया पर मैने उसको कमर से कस कर पकड़ लिया और तेज तेज स्ट्रोक लगाने लगा मैं बुरी तरह से हाँफने लगा था सांस जैसे बस निकलने ही वाली थी की तभी मेरे लंड ने एक झटका खाया और पद्मिरनी की चूत मे अपने गरम पानी को गिराने लगा अब जाके मुझे सुकून मिला था

फिर पूरे दो दिन तक जी भर कर मैने और पद्मिहनी ने अपने जिस्म की प्यास रगड़ रगड़ कर बुझाई पद्मि नी के साथ ये कुछ यादे थी मेरी जो जीवन भर का नाता जोड़े हुए है उन दो दिनो मे जैसे जमाने भर का सेक्स कर डाला था हम ने गार्डन, बाथरूम, बेडरूम , किचन उसके घर के हर एक कोने मे मैने उसको अच्छे से रगड़ा पद्मिानी किसी खिलते हुए गुलाब की तरह से महक गयी थी और अपना क्या अपन मूर्ति सर के आने से पहले ही वापिस होस्टल आ गये थे



जैसे जैसे पासिंग-आउट का दिन करीब आए जा रहा था मेरा दिल कुलाँचे मारने लगा था मेरे सामने एक नयी ज़िंदगी बाहें फैलाए मेरा इंतज़ार कर रही थी मैं बेताब था अपनी ग्रहस्ती को मिथ्लेश के साथ बसाने को बस अब मैं उसको अपनी दुल्हन के रूप मे देखना चाहता था मेरी बेताबी का आलम ना पूछो बस लग रहा था की आँख लगाए उड़ चलूं उस के साथ कही दूर किसी कोने मे



डेली सुबह उठ कर मैं कॅलंडर मे से रोज एक दिन और काट देता था लास्ट का महीने से भी कम समय बचा था लगभग टाइम आ ही गया था देहरादून को बाइ कहने का ये सहर तो यही रह जाना था साथ रह जानी थी तो बस कुछ यादे उन पॅलो की जो यहाँ जिए थे मैने इस बात पे कभी गौर ही नही किया था कि कब ये सहर अपना सा लगने लगा था



पर अब जब ज्यो ज्यो जाने का समय नज़दीक आ रहा था ना जाने क्यो मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा था तब जाके समझा कि लगाव क्या होता है अक्सर ठंडी शामों को मग्गी खाते हुए उर्वशी के दर्शन होते रहते थे अच्छी लड़की थी मेरे टेस्ट की भी थी एक दम बिंदास उसकी पर्सनॅलिटी मे जो खनक थी वो आज कल की लड़कियो मे जैसे खो ही गयी है



पद्मिीनी की झलक बस सनडे को ही देख पाता था जब लंच करने जाता था उसके घर पर इस अजनबी सहर मे वो ही मेरा परिवार थे एक शाम मैं और उर्वशी कॉफी पी रहे थे तो मैने कहा कि यार एक काम करेगी तो वो बोली करने का होगा तो कर दूँगी मैने कहा यार अब कुछ दिन बाद ही अपन तो यहाँ से निकल लेंगे यहाँ कोई दोस्त नही बना बस तुमसे ही जान-पहचान है तो क्या तुम एक दिन मेरे साथ लंच करने बाहर चलोगि



अब वो ठहरी जाटनी वैसे भी जाट सोलह दूनी आठ होते है सीधी बात कभी समझते नही तो उर्वशी बोली कि मेरे घर चल बाहर जाने की क्या ज़रूरत है जो कहेगा वो खिला दूँगी मैने कहा यार प्लीज़ अभी सीरियस्ली बता चलेगी क्या तो उसने कहा कि सोचूँगी फेर बताऊँगी मैने कहा यस या नो अभी बता तो वो बोली ठीक है चलूंगी अब शकल सुधार ले देख ऐसा मुँह हो रहा है जैसे बस रो ही पड़ेगा और खिल खिला के हँसने लगी



पता नही क्यो अब उसके टॉंट्स बुरे नही लगते थे दिल को अच्छी लगनी लगी थी वो अपना तो ऐसा ही था सगो से कभी रिश्ते निभाए नही गये और परायों का साथ कभी छूटा नही पाता नही भगवान ने तकदीर मे क्या लिखा अगर एक बार मुस्कुराया तो 100 बार रुलाया उसने पर हमने भी सबर कर लिया कि ले ले जितना इम्तहान लेना है ले ले ये साँसे तेरी ही अमानत है कभी भी ले ले
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है - by sexstories - 10-05-2019, 02:10 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,455,353 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,224 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,519 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,582 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,626,377 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,059,106 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,914,001 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,934,844 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,984,627 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,521 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 19 Guest(s)