Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:26 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
खाने के बाद फिर से हमारी गुफ़्तुगू स्टार्ट हो गयी मैने ताड़ लिया था कि आंटी थोड़ी सी फ्रॅंक औरत है तो ट्राइ किया जा सकता है और वैसे भी लंड को हर जगह बस चूत ही चूत नज़र आया करती है फिर वो कोई बुक पढ़ने लगी मैने भी इयरफोन कानो मे लगाया और म्यूज़िक सुनते हुए आँखो को बंद कर लिया पता नही कब नींद के आगोश मे चला गया



जब मेरा लटका टूटा तो देखा कि बाहर अंधेरा पूरी तरह से छा गया था मैने कलाई घड़ी मे टाइम देखा तो 9 बज गये थे मैने ईक अंगड़ाई ली आंटी एक कुंबले ओढ़ कर लेटी हुई थी मैने कहा कहीं रुकेगी क्या रास्ते मे वो बोली रुकनी तो चाहिए मैं कॅबिन से नीचे आया और संदूक से अपना स्लीपिंग बॅग लेकर वापिस चढ़ गया पर वो कॅबिन के हिसाब से काफ़ी बड़ा था तो मेरे लिए प्राब्लम खड़ी हो गयी



ठंडी का मोसम और रात का सफ़र अब मैं क्या करू मेरी परेशानी देख कर आंटी बोली कि तुम मेरे साथ कंबल शेर कर्लो आधा रास्ता तो कट ही गया है आओ मेरे साथ अड्जस्ट हो जाओ मैने उनको थॅंक्स कहा और उनके कंबल मे घुस गया गरम कंबल के अंदर जाते ही सच मे काफ़ी अच्छा महसूस हुवा आंटी और मेरा जिस्म एक दूसरे से रगड़ खाने लगा



हम दोनो आराम से लेटे हुए थे कुछ पल शांत रहने के बाद मैने ट्राइ करने का सोचा मैने अपना हाथ उनके पेट पर रख दिया और उसको सहलाने लगा उनकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही हुआ पर ये पक्का था कि वो भी जाग ही रही थी क्योंकि हमे लेटे कुछ ही देर हुई थी कुछ देर उनके पेट को सहलाने के बाद मैने डाइरेक्ट्ली उनके बोबे पर हाथ रख दिया



और उसको धीमे धीमे से दबाने लगा आंटी की हालत टाइट होने लगी उनकी सांस एक दम से ही गरम हो गयी थी पर उनकी तरफ से अभी कोई रिक्षन नही था मैं धीरे धीरे उनकी चूची को दबाता रहा कुछ ही देर मे चूची की निप्पल्स तन गयी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और साड़ी के उपर से ही चूत को दबा दिया अब आंटी फुसफुसाती हुए बोली ये तुम ये तुम क्या कर रहे हो



मैने आंटी का हाथ पॅंट के उपर से ही अपने लंड पर रखते हुए कहा कि कुछ नही आंटी जी ठंड कुछ ज़्यादा है तो बस गर्म होने की कोशिश कर रहा था आंटी ने लंड से हाथ हटा लिया और बोली चुप चाप सो जाओ वरना मैं शोर मचा दूँगी मैने कहा आंटी इतनी देर से बोबे मसलवा रही थी तभी क्यो नही मचाया शोर और दुबारा से उनके हाथ को अपने लंड पर रख दिया



उन्होने इस बार हाथ नही हटाया मैने कहा आंटी ऐसा चान्स कभी कभी ही मिलता है थोड़ा एंजाय कर्लो वो बोली पर पर…………….. मैं कहा पर वर कुछ नही आंटी जी मोसम भी मेहरबान है और आप भी कितनी हसीन हो कहते कहते मैं उनकी चूत पर अपने हाथ का दबाव बनाने लगा थोड़ी देर बाद वो भी गरम होने लगी मैं बोला तो क्या ख़याल है आपका उन्होने कुछ नही कहा पर मेरी पॅंट की ज़िप को खोल दिया ये उनका ग्रीन सिग्नल था



मैं तुरंत ही उनके उपर आ गया और उनके होटो पे किस करने लगा मैं बारी बारी से उनके गले, गालो और होंठो पर किस करने लगा आंटी फुसफुसाते हुए बोली नॉटी बॉय दाँत से मत काटो निशान लग जाएगा तो मैं वक़्त की माँग को समझते हुए थोड़ा कम जोश दिखाने लगा और बस अब उनकी लिप्स ही चूस रहा था कुछ चलती बस के हिचकोलो से भी मज़ा आ रहा था



जब मेरा मन उनके होंठो से भर गया तो मैने उनकी स्वेटर को उतार दिया और ब्लाउस को खोल के ब्रा भी उतार दी अब वो उपर से पूरी नंगी हो चुकी थी मैं टूट पड़ा उनकी चूचियो पर इतनी मोटी चूचिया तो नही थी पर ठीक थी अपना काम बन रहा था तो मैं उस आंटी के बोबो को मसल मसल के पीने लगा आंटी मस्त होने लगी और मचलने लगी



एक तो सर्द मोसम और उपर सी चलती बस मे चुदाई करने का मौका सीन बन गया था बोबो को अच्छे से निचोड़ने के बाद मैने अपना हाथ उनकी साड़ी मे घुसा दिया और होत अपने लबों से लगा दिए उनकी पतली पतली जाँघो को मैं सहलाने लगा आंटी ने अपनी जीभ मेरे मूह मे सरका दी और मज़ा लेने लगी मैं अपने हाथो को जाँघो पर फिराते फिराते उनकी जाँघो के जोड़ की तरफ बढ़ने लगा

अपनी साली किस्मेत भी सच मे भी कमाल थी जिस भी चूत को पाने की ख्वाहिश हुई वो आगे से ही मिल गयी तो मैने अपना हाथ अब पेंटी के उपर से चूत पर रख दिया और उसको मुट्ठी मे भर के मसल्ने लगा जबकि उपर आंटी पूरे मज़े से अपने होठ चुस्वा रही थी मैने उनकी साड़ी और पेटिकोट कमर तक उपर कर दिए और पेंटी की एलास्टिक मे अपनी उंगलिया फसा के उसको सरकाते हुए निकाल दिया


नीचे से अब आंटी नंगी हो चुकी थी चूत पर बेहद ही महीन बाल थे चूत से रिस्ते झरने की वजह से मेरी हथेली पूरी तरह से गीली हो गयी थी तो मैने अपनी पॅंट और कच्चा उतार दिया अब हालत कुछ यू थे कि मैं आंटी की चूत से खेल रहा था और वो मेरे लंड से कुछ देर की खेल खिलाई के बाद मैने उनकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पर रखा और आंटी की चूत मे लंड को डाल दिया



आंटी धीमे से बस इतना ही बोलिकी आअहह थोड़ा आराम से पर अपना भी पक्के वाले हमारे लिए तो आराम तो वैसे भी हराम ही था तो दो पेल मे लंड को आंटी की चूत मे अच्छे से फिट कर दिया और आंटी को कहा कि तैयार हो जाओ जन्नत की सैर करने को दोनो ओर के पर्दे लगे हुए थे तो को चिंता वाली बात थी ही नही मैं धीरे धीरे से लंड को आगे पीछे करने लगा
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