Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 01:19 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आँखो मे हज़ार सपने और दिल मे अरमान लिए वो शहर से कुछ किलो मीटर का सफ़र बड़ा ही लंबा लग रहा था जिसके लिए मैं सरहद तोड़ आया था वो मेरी मिथ्लेश मेरी आँखो से बस थोड़ा सा ही दूर थी ची चीईइ करती हुई एक के बाद एक कई गाडिया गाँव मे एंटर कर गयी मैने उन्हे अपनी मंज़िल की डाइरेक्षन्स बताई तो गाड़ी तेज़ी से मिथ्लेश के घर की ओर बढ़ चली



पर जैसे ही मैं गाड़ी से उतरा मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया घर के बाहर दरि बिछी हुई थी और कुछ लोग बैठे हुए थे किसी अनिष्ट की आशंका से मेरा दिल काँप उठा मैं दौड़ते हुए घर के अंदर गया उसकी माँ मुझे देखते ही दहाड़े मार के रो पड़ी अगले पल जो ख़याल मेरे दिल मे आया मेरा कलेजा कांप उठा मैने डरी सी आवाज़ मे कहा आंटी मिता कहाँ है



तो वो रोते हुए बोले चली गयी ओूऊऊऊऊऊऊऊओ चली गाइिईई हमे छोड़कर चली गयी है राम मेरिइइ बेटिईईईईईईईई गयी वो ओ मेरे तो जैसे घुटने ही टूट गये मैं उधर ही गिर पड़ा आँसू अपने आप मेरी आँखो से बहने लगे गला जैसे जाम ही हो गया उसकी माँ बोली खा गया तू मेरी बेटी को क्या पट्टी पढ़ा दी तूने उसको देख ले तेरे लिए जान दे गयी वो अपनी



अब तो हो जाएगी तस्सली तुझे भी और उसके बाप को खानदान की झूठी इज़्ज़त के ईए बेटी का नाश कर दिया मैं बोला आंटी कह दो कि आप झूठ बोल रही हो मिता की बहन मेरे पास आई और बोली मनीष सच है जीजी अब नही रही परसो सल्फास निगल ली उन्होने उसके ये शब्द सुनकर मेरी रही सही हिम्मत भी टूट गयी और मैं वही पर रोने लगा मेरी मुहब्बत हार गयी थी


मेरा इंतज़ार ना कर सकी वो पगली चली गयी मुझे छोड़ कर जीते जी मार गयी मुझे वो ये कैसी सज़ा दे गयी वो मुझे अपने से इस तरह जुदा कर गयी वो मुझे मेरे सारे ख्वाब टूट कर बिखर गये थे मेरी दुनिया बसने से पहले ही उजड़ गयी थी पर अब करूँ भी तो क्या मुझे तो बस मेरी मिता चाहिए किसी भी कीमत पर पर कहाँ से लाउ उसे



मैने सोचा जब वो ही नही रही तो अब मैं भी जीकर क्या करूँगा मैने अपना सर दीवार पर पटकना शर कर दिया तो पुलिसे वालो ने मुझे पकड़ लिया और कहने लगे कि सर प्लीज़ कंट्रोल कीजिए आप अपने आप पर, कंट्रोल कैसे करूँ मैं मेरा सब कुछ लुट गया बर्बाद हो गया मेरा दिल किया कि कही से कोई बिजली गिर जाए मुझ पर और मैं भी खाक हो जाउ मेरी रूह मिल जाए उसकी रूह से



मैने रोते हुए मिता के पिता से कहा सरपंच आज तो आपका बहुत मान बढ़ गया होगा ना समाज मे सर्टिफिकेट मिल गया होगा आपको इज़्ज़त का काश एक बाप के दिल से सोचा होता आपने लो मुझे भी मार दो कर दो जुदा इस दर्द से मुझे अब नही जी पाउन्गा मैं मिथ्लेश के बिना मैं अरे प्यार ही तो किया था कोई गुनाह नही किया था क्या कसूर था हमारा जो जुदा कर दिया हमको



चाहती तो भाग जाती मेरे साथ पर कहती थी कि बाप के आशीरवाद से ही जाउन्गी तुम्हारी दुल्हन बनकर पर देखो तुम्हारी ज़िद ने क्या कर दिया मुझे नही पता लाकर दो मेरी मिथ्लेश मुझे कही से भी मेरी अमानत तुमको सोन्प कर गया था मुझे बस वापिस कर दो दहाड़े मार कर मैं रो रहा था उस टाइम जो भी लोग वहाँ पर थे सब की आँखे बह चली थी



झूठी इज़्ज़त के लिए मेरी पवित्र सच्ची मोहब्बत की बलि चढ़ गयी थी वो मर्जानी मेरा इंतज़ार क्यो ना कर सकी मैने वादा किया था कि आउन्गा ज़रूर उसे लेने भगवान ये कैसा जुलम कर दिया तूने मुझ पर बसने से पहले ही उजाड़ दिया मेरा घर बता अब कहाँ जाउ मैं कितनी मन्नतें माँगी थी बस एक मिथ्लेश के साथ ज़िंदगी बिताने को ऐसी कोई मज़ार मंदिर मस्जिद नही जहाँ पर ये दुआ ना माँगी मैने



पर क्या एक ने भी नही सुनी जिसे सारी दुनिया ना हरा सकी उसे उसकी तकदीर ने हरा दिया था , सदियो से इस दुनिया मे प्यार करने वालो का यही अंजाम होता रहा था और हमारी कहानी भी अधूरी रह गयी थी हार गया था मनीष और मिथ्लेश का प्यार वो मुझे छोड़ कर चली गयी थी रुसवा कर गयी थी मुझे ये कैसा बोझ दे गयी थी वो मुझे



मैने पूछा कहाँ किया उसका अंतिम संस्कार ले चलो मुझे उधर तो मिता का भाई मुझे उधर ले गया उसकी आँखे भी भारी हुवी थी दो चार लोग और साथ हो लिए उसकी राख को देख कर मेरा कलेजा फट गया मैने कहा उपरवाले तू इतना निष्ठुर नही हो सकता काश वो गोली उस दिन मेरा कलेजा चीर जाती तो आज ये दिन ना देखना पड़ता ये कैसी सज़ा दी है तूने मुझे



आख़िर क्या कसूर था हमारा बस एक साथ जीना ही तो चाहा था हम ने , उसकी राख से ही लिपट गया मेरा अपने ज़ज़्बातो पर कोई काबू ना रहा मेरा कुछ तो तपिश बची थी उस राख मे मेरी जान थी वो मेरा सब कुछ थी मेरी दिल मेरी धड़कन क्यो ये सितम कर गयी मुझ पर पता नही कैसे मेरे घर वाले भी उधर आ पहुचे थे मेरे साथ राधा थी उसने रोते हुवे कहा प्लीज़ चुप हो जाओ काबू रखो अपने आप पर



पर कैसे कैसे संभालू मैं खुद को पापा से लिपट कर खूब रोया मैं उस गम के महॉल मे सबकी आँखे गीली हो गयी थी पापा बोले बस बेटा चुप होज़ा तेरा उसका साथ यही तक था बेटा ये दुनिया तुम लोगो की निस्चल भावना को नही समझ पाई मेरे बेटे सम्भालो खुद को वो तुम्हे छोड़ कर गयी है पर उसकी रूह हमेशा तुमसे जुड़ी रहेगी
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