Free Sex Kahani काला इश्क़!
12-04-2019, 06:24 PM,
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
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अगली सुबह मैं जल्दी उठ गया क्योंकि मुझे ऑफिस जाना था| मैं उठ कर तैयार होने लगा तो ऋतू आँख मलते-मलते उठी: "आप कहाँ जा रहे हो?"

"ऑफिस और कहाँ?"

"आह! पर आज तो 31st है? आज तो छुट्टी होती है?" ऋतू ने सम्भल कर बैठते हुए कहा|

"जान आज कोई सरकारी छुट्टी नहीं है? ये सब छोडो और ये बताओ की तुम्हारा कमर का दर्द कैसा है?"

"पहले से ठीक है.... मैं चाय बना देती हूँ|" ऋतू उठी पर चाय तो पहले से ही तैयार थी, बस उसे कप में छानना था| ऋतू ने चाय छनि और मुझे कप दे कर फ्रेश होने चली गई| मैं कपडे पहनने लगा तो उसने नाश्ता बनाना शुरू कर दिया| "अरे छोडो ये नाश्ता!" मैंने कहा|

"रोज आप बिना खाये ऑफिस जाते हो?" ऋतू ने हैरानी से पुछा|

"हाँ! कभी-कभी कुछ बना लेता हूँ|"

"तभी इतने कमजोर हो रहे हो! आप बैठो मैं नाश्ता बनाती हूँ|" ये कह कर ऋतू बेसन घोलना शुरू किया| पर मैं कहाँ चैन लेने वाला था, मैंने ऋतू को पीछे से जा कर पकड़ लिया और अपनी ठुड्डी को में ऋतू की गर्दन पर रखे हुए उसके गाल को चूम रहा था| ऋतू ने फटाफट ब्रेड पकोड़े बनाये और मैंने ऐसे ही खड़े-खड़े उसे भी खिलाये और खुद भी खाये| नाश्ता क्र के चलने को हुआ तो ऋतू बोली; "आप कुछ भूल नहीं रहे?" मैंने फटाफट अपना रुमाल, पर्स और मोबाइल चेक किया पर वो मुझे प्यार भरे गुस्से से घूरने लगी| "ओह! सॉरी!" मैंने ऋतू को अपने आगोश में लिए और उसके होंठों को चूम लिया| ऋतू ने तुरंत अपने हाथों को मेरी गर्दन पर लॉक कर दिया और मेरे होठों को चूसने लगी| मेरा उस वक़्त बहुत मन था की मैं उसे गोद में उठा लूँ और बिस्तर पर लिटा कर खूब प्यार करूँ, पर जानता था की उसकी कमर का दर्द उसे और परेशान करेगा| दो मिनट तक इस प्यार भरे चुंबन के बाद तो जैसे मन ही नहीं था की कहीं जाऊँ की तभी फ़ोन बज उठा| मेरा colleague मेरा बस स्टैंड पर इंतजार कर रहा था, जैसे मैंने जाने के लिए मुदा की ऋतू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली; "जानू! वो....मुझे कुछ पैसे चाहिए थे!" मैंने फ़ौरन बटुए में हाथ डाला और ऋतू की तरफ देखते हुए पुछा; "कितने?" ऋतू झट से बोली; "1,000/-" और मैंने उसे 2,000/- दे दिए और फटाफट निकल गया|


ऑफिस पहुँच कर मैंने ऋतू को कॉल किया और उसे volini spray लगा कर गर्म पानी का सेक करने को कहा वर्ण हम रात को पार्टी में नहीं जा पाते| वो दिन कैसे बीता कुछ पता ही नहीं चला, शाम को जब निकलने का समय हुआ तो सारे लड़के बाहर इकठ्ठा हो गए| सर ने सब का जमावड़ा देखा तो वो भी वहीँ आ गए और पूछने लगे की हम सब यहाँ खड़े क्या कर रहे हैं| हम सब में जो सबसे ज्यादा 'चटक चूतिया' था वो बोला; "सर वो रात को हम सारे पार्टी कर रहे थे तो उसी की बात हो रही थी की कहाँ जाना है?" अब हमारे सर ठहरे चटोरे तो वो कहने लगे की ब्रेक पॉइंट ढाबा चलते हैं| अब सब उस चूतिये को मन ही मन गाली देने लगे, कहाँ तो सब सोच रहे थे की पब जायेंगे मस्ती करेंगे और कहाँ सर ने ढाबे जाने का सुझाव दे दिया| "सर BBQ Nation चलते हैं, पैर हेड 1,500/- आएगा और अनलिमिटेड खाना मिलेगा|” मैंने कहा| अब सब का मन फीका हो गया क्योंकि वो सब दारु पीना चाहते थे और सब मेरी ही तरफ देख रहे थे| मैंने आँख मारते हुए हाँ में गर्दन हिलाई तो वो समझ गए अब उसी चटक चूतिये की ड्यूटी लगाईं गई की वो हम सब के लिए टेबल बुक करेगा| सब के दबाव में आ कर उसने हाँ कर दी और ऑफिस से सीधा वहीँ चला गया और बाकी सब अपने-अपने घर चल दिए| मैं अभी आधे रस्ते पहुँचा था की ऋतू का फ़ोन आ गया, वो पूछने लगी की मैं कबतक आ रहा हूँ? मैंने उसे कहा की मैं अभी रास्ते में हूँ तो उसने कॉल काट दिया| मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और बाइक स्टार्ट कर फिर से चल पड़ा| जैसे ही मैं घर पहुँचा और दरवाजा खटखटाने लगा की दरवाजा अपने आप खुल गया, मैं धीरे से अंदर आया और सोचा शायद की कहीं ऋतू दरवाजा बंद करना तो नहीं भूल गई?! पर जब नजर सामने खिड़की पर पड़ी तो मैं अपनी आँख झपकना ही भूल गया|


[Image: 263837688_232451.jpg]


अब मुझे समझ आ गया की ऋतू ने वो पैसे क्यों मांगे थे? ऋतू इठला कर चलते हुए मेरे पास आई और बोली; "क्या देख रहे हो जानू?!" मेरे मुंह से बस; "WOW!!!" निकला और ऋतू मुस्कुराने लगी| "ये मैंने उसी दिन आर्डर किया था जब आपने मुझे बताया था की 31st को पार्टी में जाना है| आज अगर मुझे देख कर आपके सारे colleagues आपसे जलने ना लगें तो कहना?" मैं हैरानी से ऋतू की बात सुनता रहा, कहाँ तो ये लड़की इतनी शर्मीली थी और कहाँ ये आज इस कदर मॉडर्न हो गई है? मुझे ऋतू वाक़ई में सूंदर लग रही थी पर मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी की वो इस कदर के कपड़े भी पहन सकती है| मैं अपने ख्यालों में गुम था की ऋतू ने मुझे वो शादी वाला ब्लैज़र और शर्ट उठा के दी; "और ये आप पहनोगे? मेरे hubby को देख आज उन सारी लड़कियों की जलनी चाहिए|" अब मरते न क्या करते मुझे वो पहनना ही पड़ा क्योंकि अगर मैं प्लैन कपडे पहनता तो सब कहते हूर के संग लंगूर! मैं जानता था की कल ऑफिस में मेरी बहुत खिचाई होगी! पर ऋतू ये भूल गई थी की ये दिसंबर का महीना है और बाहर ठंड है, उसने इस ड्रेस के चलते कोई गाउन तो आर्डर किया नहीं था! "मैडम जी! बहार की ठंडी हवा में ये पहन के जाओगी तो 'कुक्कड़' बन जाओगी!" ये सुन कर ऋतू सोच में पड़ गई| मैंने फ़ोन निकाला और कैब बुक करी और अपना ब्लैज़र उसे उतार के दिया| "पर ये इसके साथ कैसे चलेगा?" ऋतू ने मायूस होते हुए कहा| "अरे बुद्धू! ये बस कैब आने तक अपने कन्धों पर रख ले और वहाँ पहुँच कर मुझे दे दिओ, वापसी में फिर ऐसे ही करेंगे|" ये सुन कर उसका चेहरा फिर से खिल गया|


आखिर कैब आई और हम BBQ Nation पहुँचे और जैसा की होना चाहिए था सब ऋतू को देख कर ताड़ने लगे| सब के सब मुझे आँखों से इशारे कर के पूछने लगे की ये कौन है? "My girlfriend ऋतू!" ये कहते हुए मैंने उसका इंट्रो एक-एक कर सबसे कराया| तभी पीछे से सर और मैडम आये और उन्होंने भी ऋतू से Hi-Hello की!  वहाँ पर कोई बड़ा फॅमिली टेबल नहीं था बल्कि चार लोगों के लिए बैठने वाले छोटे  बूथ थे| मैंने फटाफट ऋतू का हाथ पकड़ा और खाली बूथ में बैठ गया, सब ने फटफट बूथ पकडे और सर के साथ उसी चटक चूतिये को अपनी बंदी के साथ बैठना पड़ा| सारे लौंडे अपनी-अपनी बंदियों को साथ बैठ गए, मेरे सामने वही लड़का बैठा जो मेरे साथ एकाउंट्स में था| उस हरामी की नजर ऋतू पर उसकी बंदी की नजर मुझ पर थी| मेरा बायाँ हाथ और ऋतू का दायाँ हाथ टेबल के नीचे था और हम एक दूसरे के हाथ को सहला रहे थे| खाने के लिए जब वेटर आया तो उसने हम से पुछा की हम Veg या Non-Veg लेंगे? हमने तीन Non-Veg और एक Veg का आर्डर दिया| फिर दूसरा बंदा एक मिनी तंदूर ले कर आया और हमारे सामने टेबल के बीचों बीच बने छेड़ में फिट कर दिया| ये ऋतू के लिए फर्स्ट टाइम था और वो हैरानी से देख रही थी| फिर एक-एक कर 'सीकें' लगनी शुरू हो गईं फिर मैं और वो लड़का बारी-बारी से उन सीकों को रोल करते और उस पर चटनी लगाने लगे| मैंने वहाँ रखे झंडे को ऊँचा कर दिया; "ये क्यों किया?" ऋतू ने पुछा| "अब जबतक हम इस झंडे को नीचे नहीं करते ये लोग तंदूरी आइटम serve करते रहेंगे|" ये सुन कर मेरे सामने बैठी लड़की बोली; "मतलब हम अनलिमिटेड खा सकते हैं?"

"हाँ जी! पर इसी से पेट न भर लीजियेगा, वहाँ main कोर्स का बुफे लगा है और वो भी अनलिमिटेड है|" ये सुन कर वो लड़की और ऋतू एक को देखने लगे और उनके चेहरे से वही लड़कियों ख़ुशी झलकने लगी| ये वही ख़ुशी है जो लड़कियों को फ्री के खाने को देख कर होती है| वेटर फिर से आया और ड्रिंक्स के लिए पूछने लगा पर मैंने मना कर दिया| उन दोनों ने बहुत फाॅर्स किया पर मैं और ऋतू अड़े रहे की हम नहीं पीयेंगे| शायद ऋतू जान गई थी की मेरा खींचाव नशे की तरफ कुछ ज्यादा है! मैं अपनी लिमिट जानता था पर पिछले कुछ महीनों में ये दारु मेरी आदत बनने लगी थी| वैसे भी 31st को ड्रिंक्स बहुत ज्यादा ही महंगी थीं तो ना पीना ही economical था! खेर अच्छे से दबा कर खाना पीना हुआ और समय हुआ विदा लेने का तो सब को Happy New Year कह कर हम दोनों कैब कर के घर लौट आये| रात के ग्यारह बजे थे और हम अपने कपडे बदल रहे थे| ऋतू ने हमेशा की तरह मेरी टी-शर्ट पहनी और नीचे उसने सिर्फ अपनी पैंटी पहन राखी थी, मैं पजामा और टी-शर्ट पहन कर रजाई में घुस गया| फिर मुझे याद आया की ऋतू को दवाई लगा देता हूँ तो मैं वापस उठा और ऋतू की कमर पर Iodex लगा दिया| ऋतू सेधी लेटी थी पीठ के बल, और मैं उसकी तरफ करवट ले कर लेटा था| ऋतू ने मेरा बायाँ हाथ अपने हाथ में पकड़ रखा था और वो छत की तरफ देखते हुए कुछ सोच रही थी|               

"क्या हुआ? क्या सोच रही है?" मैंने ऋतू से पुछा|

"गाँव में रहते हुए ना तो कभी मुझे ये पता था की क्रिसमस क्या होता है और ना ही की 31st दिसंबर की पार्टी क्या होती है! आप की वजह से मैं यहाँ आई और ये सब देखने को मिला, एक नई जिंदगी जीने का मौका मिला| वरना अब तक तो मेरी शादी हो गई होती और मैं वहां तिल-तिल मर रही होती!"

"बस! नए साल का आगाज इस तरह रोते हुए नहीं करना!" ये कहते हुए मैंने ऋतू के गाल को चूम लिया| ऋतू मेरी तरफ पलटने लगी तो उसकी कमर का दर्द उसे परेशान करने लगा, मैं उठ कर पानी गर्म करना चाहता था पर ऋतू ने मुझे रोक दिया और मेरा सर अपने सीने पर रख कर मेरे बालों में उँगलियाँ फेरने लगी| मैं ऋतू के दिल की बेकाबू धड़कनें सुन पा रहा था और उसके मन में उठ रहे प्यार को महसूस कर पा रहा था| "कल सुबह पहले डॉक्टर के चलेंगे फिर मैं तुम्हें कॉलेज छोड़ दूँगा और वहाँ से मैं ऑफिस निकल जाऊँगा|" मैंने कहा और ऋतू ने बस 'हम्म्म' कहा| घडी ने टिक-टिक कर रात के बारह बजाये और मैं उठ कर बैठा, पर ऋतू की आँखें बंद थी| मैंने झुक कर ऋतू के होठों को बड़ा लम्बा kiss किया और कहा; "Happy New Year मेरी जान!" ऋतू ने अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन के पीछे ले जाकर लॉक कर दिया और मुस्कुराते हुए बोली; "Happy New Year जानू! I Love You!!!" पर उसे मेरा जवाब सुनने की जर्रूरत नहीं थी, उसने मुझे अपने ऊपर झुका लिया और मेरे होठों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी|


  [Image: tenor.gif] 

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हम इसी तरह एक दूसरे को चूमते हुए सो गए| सुबह उठ कर मैंने ऋतू के माथे को चूमा और उसे नए साल की नई सुबह की मुबारकबाद दी| ऋतू अब भी लेटी हुई थी, मैंने उठ कर सबसे पहले उसके लिए bed tea बनाई और फिर उसे प्यार से जगाया| ऋतू आँखें मलते हुए उठी और उसने जब मेरे हाथ में चाय का कप देखा तो मुस्कुराने लगी| "मुझे लगा था की ये सब आप शादी के बाद करोगे!" ऋतू ने कहा| "अरे हम तो साल के पहले दिन से ही आपके गुलाम हो गए!" मैंने हँसते हुए कहा| "इस गुलाम को तो मैं अपने दिल में बसा कर रखूँगी!" ऋतू ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा| ऋतू उठ कर फ्रेश होने चली गई और मैं उसके लिए ऑमलेट बनाने लगा| ऋतू ऑमलेट की खुशबु सूंघ कर फटाफट बाहर आ गई और कुर्सी पर बैठ गई| मैंने उसे गर्म-गर्म ऑमलेट परोस कर दिया और उसके सर को चूम कर मैं बाथरूम फ्रेश होने चला गया| तैयार हो कर, खा-पी कर हम दोनों निकले| मैंने बाहर से ऑटो किया और पहले ऋतू को एक डॉक्टर के पास ले गया| डॉक्टर ने बताया की कोई गंभीर बात नहीं है, मोच ही है पर चूँकि सर्दी है इसलिए ज्यादा दर्द कर रही है| उसने एक पैन किलर दी और गर्म पानी की सिकाई करने को कहा| फिर ऋतू को मैंने उसके कॉलेज छोड़ा और मैं ऑफिस निकल गया| ऑफिस मैं पहले ही कॉल कर के बता चूका था की में थोड़ा लेट होजाऊंगा इसलिए बॉस ने कुछ नहीं कहा|


समय बीतने लगा और मार्च आ गया... कुछ दिन बाद कॉलेज का एनुअल डे था! ऋतू को जैसे ही ये पता चला उसने मुझे तुरंत फ़ोन किया; "जानू! नेक्स्ट वीक हमारा एनुअल डे है!" मैंने थोड़ा मजाक करते हुए कहा; "हमारा एनुअल डे?" ये सुन कर रितु की भी हँसी निकल गई; "मेरा मतलब...कॉलेज का एनुअल डे! तो नेक्स्ट वीक आप छुट्टी ले लेना|" अब चूँकि मैंने अभी तक एक भी छुट्टी नहीं ली थी तो मुझे पता था की बॉस छुट्टी दे देंगे, उसी दिन मैंने शाम को सर से बात की तो उन्होंने हाँ कह दिया|  इधर ऋतू ने अपने लिए और मेरे लिए ड्रेस सेलेक्ट करना शुरू कर दिया और मुझे मैसेज करना शुरू कर दिया| ऑफिस में हर कुछ मिनट मेरा फ़ोन बजता रहता और सब कहते की 'क्या बात है? गर्लफ्रेंड बड़ी बेचैन हो रही है|' ऋतू ने अपनी ड्रेस फाइनल करने से पहले मेरे कपडे फाइनल कर दिए और मुझे बता कर आर्डर भी कर दिए| उसने अपना आर्डर अपने फ़ोन से किया ताकि मुझे पता न चल जाए की उसने क्या आर्डर किया है, हाँ डिलीवरी एड्रेस मेरा घर ही था| संडे को उसका आर्डर डिलीवर हुआ पर मेरे वाले में और टाइम लगना था| ऋतू ने मुझे अपने कपडे दिखाए भी नहीं और शाम को अपने साथ हॉस्टल ले गई|

आखिर एनुअल डे का दिन आ ही गया, मैं रेडी हो कर ऋतू के हॉस्टल पहुँचा क्योंकि मुझे उसे वहीँ से पिक करना था| ऋतू जब मेरे सामने आई तो मैं हाथ बाँधे प्यार से उसे देखने लगा| 


[Image: 855208796_332083.md.jpg]
उसकी वो लट जो उसके चेहरे पर आ गई थी, वो उसकी साडी.... हाय मन करने लगा की ऋतू को अभी मंदिर ले जाऊँ और उससे अभी शादी कर लूँ| इधर ऋतू की नजर मुझ पर जम गई थी और मुँह खोले मुझे देखते हुए नजदीक आई|   

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“यार अभी मेरे साथ भागना है?" मैंने ऋतू से पुछा तो उसने एक दम से अपनी मुंडी हाँ में हिलाई, उसका ये उतावलापन देख मैं हँसने लगा| "आज तो आप मुझे जहाँ कहो वहाँ चलने को तैयार हूँ?" ऋतू ने इतराते हुए कहा| ऋतू को पीछे बिठा कर आज मनो ऐसा लग रहा था की एक नव-विवाहित जोड़ा किसी शादी में जा रहा हो| जैसे ही हम कॉलेज के नजदीक पहुँचे तो हमें loud music की आवाज आने लगी| बाइक पार्क कर के हम दोनों अंदर आये तो मेरी नजर सबसे पहले सोमू भैया पर पड़ी| सबसे पहले उनसे जा कर गले लगे और HI-Hello हुई! उन्हीं के पास मेरे साथ के सभी दोस्त मिले और तब मुझे ध्यान आया की यहाँ तो मोहिनी भी आई होगी! मैं मन ही मन तैयारी करने लगा की उससे क्या कहूँगा? ऋतू को समझ नहीं आया की मैं अचानक से इतना गंभीर क्यों हो गया| फिर वही हुआ जिसका मुझे डर था, मोहिनी जो की हम दोनों से पहले ही आ चुकी थी वो अंशुल के मुँह से मेरे और ऋतू के बारे में सब सुन चुकी थी, हमारी ही तरफ चल कर आ रही थी|

ऋतू अब भी समझ नहीं पाई थी की भला मैं क्यों परेशान हूँ?!
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RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:24 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:26 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:29 PM
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RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:30 PM
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RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:46 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 10:18 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 10:38 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:19 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:28 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:33 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:36 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:38 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-13-2019, 11:43 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-14-2019, 08:59 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-14-2019, 10:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-14-2019, 10:28 PM
RE: काला इश्क़! - by sexstories - 10-15-2019, 11:56 AM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 01:14 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-15-2019, 06:12 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 06:56 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 07:45 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-16-2019, 07:51 PM
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RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-18-2019, 05:00 PM
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