Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
10-12-2019, 12:43 PM,
#87
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
फिर उसके बाद नीरा मुझे पर झपट पड़ती है और मेरे पूरे चेहरे पर अपने होंठों से निशान बना देती है....और फिर लास्ट में मेरे नीचे वाले होंठ पर एक हल्का सा बाइट कर के कहती है ....





नीरा--गुड मोर्निंग जान....





और में भी कस कर उसे अपने गले से लगा लेता हूँ....उसके बाद में उसे बाहर जाने को कहता हूँ और बाथरूम में घुस जाता हूँ....



नीरा का इस तरह मेरा ख्याल रखना मुझे काफ़ी अच्छा लग रहा था....में जल्दी जल्दी फ्रेश हो कर बाहर निकल कर आ गया....बाहर सभी हॉल में बैठ कर मेरा वेट कर रहे थे नाश्ते के लिए....







कोमल--भैया क्या बात है आज कल कॉलेज की खूब छुट्टियाँ मार रहे हो आप....







में--क्यो तेरा भी स्कूल से छुट्टी मारने का मन कर रहा है क्या....





कोमल--स्कूल से छुट्टी मारने का तो नही लेकिन कहीं घूमने जाने का ज़रूर मन कर रहा है.....







में--में एक बार ये काम निपटा लूँ उसके बाद नेक्स्ट वीक हम 4 दिनो के लिए कहीं बाहर चलेंगे....





कोमल--पक्का ना भैया.....





दिखसा--अब उनसे क्या लिख कर लेगी....चुप चाप खाना खा और स्कूल जाने की तैयारी कर....







मम्मी--अरे दीक्षा बेटा बोलने दे उसे वो अपने भाई को ही बोल रही है कोई दूसरा बाहर वाला नही है....







कोमल--बड़ी मम्मी दीदी हमेशा मुझे डाँटती रहती है...





मम्मी--क्या बात है दीक्षा कुछ दिनो से तेरा बर्ताव क्यो बदला हुआ है....







दीक्षा--कुछ नही बड़ी मम्मी.. मम्मी पापा ने गाँव जा कर एक बार भी हमसे फोन करके बात नही करी....ऐसा लग रहा है जैसे एक बोझ था उनके सीने पर जिसे वो इस घर में छोड़ कर चले गये है....ये कहते कहते दीक्षा की आँखो में आँसू आ गये...और मम्मी ने वहाँ से उठ कर दीक्षा के माथे को अपने सीने में दबा लिया....







मम्मी--ऐसा नही बोलते दीक्षा ...तुम उनके लिए बोझ नही हो....वो बस तुम्हारी पढ़ाई में डिस्टर्ब ना हो इसलिए तुम्हे फोन नही कर रहे होंगे....तू कॉलेज से आजा उसके बाद तुम दोनो बहनो के साथ तेरे माँ बाप की मिल कर क्लास लगाएँगे....





उसके बाद वो सब कार में बैठ कर अपने अपने स्कूल कॉलेज की तरफ रवाना हो गये....





और में वही बैठा बैठा अख़बार पढ़ने लग गया....इसी तरह टाइम पास करते करते 10 बज गये तभी मेरे पास राजेश का फोन आ गया....





रहेश--जय रेडी हो गये ना....







में--हाँ राजेश भाई में बस आपके फोन का ही वेट कर रहा था....बोलिए कहाँ मिलेंगे आप...में अपनी कार लेकर वही आ जाता हूँ....





राजेश--ठीक है तुम मुझे ऑफीस के बाहर से ही पिक कर लो 11.15 की फ्लाइट है ज़्यादा देर मत करना....





में--में बस निकल ही रहा हूँ....10.30 आपके पास पहुँच जाउन्गा....





राजेश--ठीक है आ जाओ अब में फोन रखता हूँ....







उसके बाद में फोन अपनी जीन्स में डालकर एक छोटे से ट्रॅवेल बेग में कुछ ज़रूरी सामान भर लेता हूँ....और मम्मी से कहता हूँ जुगल किशोर अंकल की दुकान से कोई आएगा उन्हे वो बॉक्स दे देना....





मम्मी--ठीक है में वो दे दूँगी लेकिन तेरे दिमाग़ में चल क्या रहा है बताएगा मुझे....





में--बहुत जल्दी इस घर में खुशिया आने वाली है....बस मुझे थोड़ा वक़्त और दे दो....उसके बाद में सब कुछ ठीक कर दूँगा....





मम्मी--ठीक है जा जहाँ जाना है....लेकिन अपना ख्याल रखना....





में उसके बाद वहाँ से निकल कर सीधा राजेश के ऑफीस की तरफ बढ़ जाता हूँ वहाँ मुझे राजेश बाहर ही नज़र आजाता है....







उसके बाद हम तेज़ी से एरपोर्ट की तरफ बढ़ जाते है....



हम लोग वाराणसी एरपोर्ट पहुँच गये थे...वहाँ से हमे एक कार लेकर 2 घंटे के सफ़र पर निकलना था....मैने शमा को फोन करके यहाँ पहुँचने के बारे में बता दिया....उसकी आवाज़ से घबराहट काफ़ी सॉफ दिखाई पड़ रही थी....



शमा से बात करने के बाद हम लोग एक पोलीस हेडक्वॉर्टर में पहुँचे जहाँ राजेश ने कुछ मालूमात करी...





राजेश--जय भाई मामला बड़ा गंभीर है....यहाँ कुछ धर्म के ठेकेदार है जो वेश्याव्रती को सही मानते है....और ये लोग पोलिटिकली भी काफ़ी साउंड है....हमे कुछ और ही करना होगा....





में--क्या करना होगा राजेश भाई...





राजेश--तुम्हे शमा को यहाँ से खरीद कर ही ले जाना होगा....अगर में यहाँ पुलिस के साथ रेड डालता हूँ उसमें किसी को चोट भी पहुँच सकती है....और दूसरी बात ये काम बिना मीडीया के पासिबल भी नही है....और अगर मीडीया इस काम में एंवोल्व हो गयी तो तुम खुद समझ सकते हो तुम्हारे परिवार की कितनी बदनामी होगी....







में--बात तो सही है राजेश भाई....मेरे दिमाग़ में एक प्लान है अगर आप सुनना चाहे तो....







राजेश--अगर वासत्व में कोई सेफ प्लान है तो में ज़रूर सुनना चाहूँगा....







में--हमारा सब से पहला मकसद शमा को यहाँ से कोई भी कीमत देकर निकालना है....हम लोगो के निकलने के बाद अगर आप....यहाँ रेड कर दे तो शमा भी बच जाएगी और काफ़ी सारी लड़कियो की जिंदगी भी बच जाएगी....





राजेश--मेरे दिमाग़ में भी यही चल रहा है जय....





रेड के टाइम तुम्हारे दिए हुए पैसे भी बरामद हो जाएँगे....लेकिन रेड से पहले में तुम्हारे साथ उस कोठे पर नही जा सकता....







में--हम लोग जैसे ही वहाँ से निकलेंगे आपको इनफॉर्म कर देंगे आप हमारे वहाँ से निकलते ही कोठे पर रेड कर देना....







राजेश--ठीक है जय अभी....7 बज रहे है और वहाँ का महॉल भी रंगीन हो रखा होगा....मेरे ख्याल से तुम्हे वहाँ एक बार जाना चाहिए....





उसके बाद में राजेश से विदा लेकर कोठे की तरफ बढ़ जाता हूँ....



उस गली में एक अलग सी खुश्बू एक अलग सी मादकता का अहसास मुझे उस गली में घुसते ही हो गया....सड़क पर काफ़ी चहल पहल थी....लड़किया बाहर खड़ी हो कर ग्राहको का वेट कर रही थी....कुछ लड़कियो ने मुझे भी घेर लिया लेकिन मैने उनसे ये कह कर पीछा छुड़ाया कि में यहाँ किसी और काम से आया हूँ....और उसके बाद मैने उनसे ही शमा वाला अड्रेस भी पूछ ही लिया....





में सीधा चलता हुआ एक पतली सी गली में घुस गया....उसके बाद कुछ सीढ़िया चढ़कर एक हॉल में पहुँच गया....वाहन काफ़ी ज़्यादा सजावट करी गयी थी....खूबसूरत झामर...और कालीन उस हॉल की शोभा बढ़ा रहे थे....वहाँ साइड में कुछ गद्दे और मसंद भी रखे हुए थे....जो शाआद मेहमानो के बैठने के लिए रखे हुए थे....एक साइड में कुछ वध्य यंत्र भी रखे हुए थे तबला सारंगी सहनाई....



मेरे दिल की धड़कने मेरे पसलियो पर लगातार हथौड़े मारे जा रही थी...मेरे माथे पर घबराहट की वजह से पसीने की कुछ बूंदे भी आ गयी थी....तभी एक हाथ मुझे मेरे कंधे पर महसूस हुआ....



में हड़बड़ा कर पीछे देखता हूँ तो वहाँ एक सुंदर लड़की घाघरा चोली में खड़ी हुई मुझे देखे जा रही थी....





लड़की--क्या हुआ बाबूजी किसे ढूँढ रहे है आप यहाँ....इस कोठे की शान ही ऐसी है कि कोई भी यहाँ बेचैन हो जाता है....क्या में आपकी मदद कर सकती हूँ....







में--क्या कामली बाई का कोठा यही है....





लड़की--आप बिल्कुल सही जगह आए है बाबूजी...आप इस वक़्त कामली बाई के कोठे पर ही खड़े है.....







में--मुझे कामली बाई से मिलना था....किसी बारे में उनसे बात करनी थी....





लड़की--आप मुझे बता दीजिए आपको उन से क्या काम है....में आपका संदेशा उन तक पहुँचा दूँगी.....







में--मैने सुना है यहाँ नथ उतरने की रसम होने वाली है....में उसी रसम में बोली लगाने के लिए आया हूँ....





लड़की--बाबूजी उस रसम में तो अभी काफ़ी वक़्त है.....लेकिन फिर भी आप का संदेश में कामली बाई तक पहुँचा देती हूँ.....आप मेरे साथ आइए में आपको मेहमानो के कमरे में ले चलती हूँ...उसके बाद में कामली बाई को आपके बारे मे बता दूँगी.....
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख - by sexstories - 10-12-2019, 12:43 PM

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