RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए लंड को चूत मे पेलने लगा. दीदी की चूत मेरे ऑर दीदी के प्रेमरस से भरी हुई थी. मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए ज़ोर-ज़ोर से लंड को पेलने लगा. दीदी भी अपनी गान्ड उठा कर सहयोग कर रही थी. उनके मुँह से सिसकारी फुट रही थी.. आआआ....हह...एयेए ...ऑर..ज्ज..ऊ..र्र. से...सीसी...आ...र्र..ईई..याइ..ई
मुझे अपने बच्चे की माँ बना दीजिए .....आआआ....हह...एयेए
दीदी की बात सुनकर मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा.. मैं ज़ोर से सिसकते हुए लंड को बच्चेदानी मे ठेलते हुए झडने लगा.. मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी सीधे बच्चेदानी मे गिर रही थी..
दीदी भी मेरे साथ ही झड गयी.
मैं अपना पानी छोड़ते ही दीदी के उपर लुढ़क गया. मस्ती मे आँखे बंद होने लगी.. दीदी भी मुझे अपने बाहों मे कसे हुए थी.. नज़ाने मैं दीदी के उपर कब सो गया पता नही चला...
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सुबह जब मैं उठा तो 6:00 रहे थे. मेरे बदन पर एक चादर डली हुई थी. मैं अभी पूरी तरह नंगा था दीदी मेरे पास नही थी.
तभी दीदी अपने हाथ मे चाइ का कप लिए एंटर हुई.. उनके बदन एक नाइटी थी जो जाँघो तकही थी नाइटी पारदर्शी थी..
अंदर कुच्छ भी नही था केवल वो नाइटी थी..
दीदी मेरे पास आई ''उठिए ऑर चाइ पी लीजिए''
राज- चाइ को टेबल पर रखकर मेरे पास आओ तो.
दीदी ने चाइ का कप टेबल पर रखा ऑर मेरे पास आकर खड़ी हो गयी.
मैं नीचे उतरा लंड एकदम सुबह-सुबह खड़ा हो गया था
मेने दीदी को बाहों मे भरते हुए उनके होंठो को चूसने लगा. दीदी थोड़ा कसमसाई फिर वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी. थोड़ी देर होंठो को चूसने से दीदी गरम हो गयी मेरे होंठो को चूसने लगी. मैं ने तुरंत दीदी को घोड़ी बनाया. नाइटी को उठा कर पीठ तक कर दी, दीदी ने एक बहुत ही छोटी पैंटी पहनी हुई थी मैं. दीदी की बड़ी-बड़ी गान्ड की दरार मे पैंटी की एक पतली सा पट्टी थी, मैने पैंटी को बिना निकाले पट्टी को खिसकाया लंड को चूत के छेद मे सेट करते हुए एक जबर्दस्सत लगाया. लंड पूरा जड़ तक चूत मे समा गया.. दीदी की मुँह से सिसकारी फुट पड़ी.. एयेए..आ....एम्म्म ...एमेम...उउउ...एम्म......एयेए..आ....एम्म्म ...एयेए..आ....एम्म्म ...द्ड़ग्गाअ.. आआआ...
मैं थोड़ा रुका फिर ज़ोर-ज़ोर से दीदी को चोदने लगा. मेरी जांघे दीदी के चुतड़ों से टकरा रही थी. मैं अपने मूसल जैसे लंड को दीदी की चूत मे पेले जा रहा था............................. लगभग 10 मिनिट्स के बाद मैं दीदी की चूत मे वीर्य की पिचकारी छोड़ने लगा. तबतक दीदी दो बार झड गयी.
सुबह की इस दमदार चुदाई से हम दोनो बिल्कुल मस्त हो गये. दीदी बेड पर गिर पड़ी मैं उनकी पीठ पर गिर गया. थोड़ी देर बाद मैं खड़ा हुआ एक टॉवेल उठा कर लपेट लिया. दीदी खड़ी हुई उनकी चूत से वीर्य नीचे जाँघो पर गिर रहा था. दीदी अपने दोनो पैरो को फैलाते हुए बैठ गयी और पैंटी निकालते हुए चूत को पोछने लगी चूत को पोछने के बाद दोनो पैरो को फैलाते हुए चूत के अंदर देखने लगी मेरी नज़र जैसे ही चूत के गुलाबी छेद पर पड़ी तो लंड फिर से खड़ा होकर झटके मारने लगा.
मेने टॉवेल को नीचे फेका बेड पर चढ़ते हुए दीदी की टाँगो के बीच बैठते हुए लंड को चूत के गुलाबी छेद पर सेट किया ऑर एक ही बार मे पूरा पेल दिया.. दीदी के मुँह से सिसकारी फुट गयी...एयेए..आ....एम्म्म ...न्न्म...एमेम...उउउ...एम्म...य्यी....एमेम...उउउ...एम्म..
मैं दीदी की दोनो टाँगो को कंधे पर रखा ऑर ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा.. इस बार काफ़ी देर बाद मैं दीदी की चूत मे झड गया ऑर दीदी के उपर गिर कर हाँफने लगा. दीदी दो बार झड गयी.
मैं जल्दी से उठा टॉवेल उठा कर लपेटा और दीदी पैंटी उठा कर नाइटी नीचे करते हुए. रूम से बाहर निकल गयी.
हम दोनो बाथरूम मे घुस गये.
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