RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
मुझे दीदी की हसी से कुच्छ भी प्रभाव नही पड़ा. मैं दीदी के पेट से बात करता रहा. थोड़ी देर के बाद मैं दीदी के पेट को चूमने लगा. थोड़ी देर मे नीचे उतरा ऑर दीदी किचन मे चली गयी.
मैं आज बहुत खुश था क्योकि मैं बाप जो बनने वाला था...
दीदी किचन मे नाश्ता बनाने चली गयी. मैं सोफे के उपर से उठा ओर किचन मे चला गया. दीदी नीचे झुकर कुच्छ उठा रही थी. मैने दीदी को पिछे से दबोच लिया. अपने होंठो से उनके गर्दन पर चूमते हुए, एक हाथ से उनके पेट को सहलाने लगा.
दीदी- छोड़िए ना नाश्ता बनाने दीजिए.
मैने ऑर ज़ोर से चिपकते हुए गर्दन को चूस्ते हुए एक हाथ को पैंटी के अंदर डाल दिया दीदी की चूत को सहलाने लगा. चूत रस की नदियाँ फिर बहने लगी.
दीदी ने गैस को बंद किया अचानक मेरी तरफ घूमी ओर मेरे होंठो को चूसने लगी. मैं दीदी की दोनो चुचियो को नाइटी के उपर से मसलते हुए उनके होंठो को चूस रहा था.............................
दीदी मेरे बालो को सहलाते हुए मेरे निचले होंठ को चूस रही थी. मैं दीदी के उपर वाले होंठ को चूस रहा था............. दोनो चुचियो को मसल रहा था.............................
फिर मैं दीदी से अलग हुआ अपने सारे कपड़े निकाल कर एकदम नंगा हो गया. फिर एक झटके मे दीदी की नाइटी ऑर पैंटी को निकाल कर अलग फेक दिया.
अब मेरा लंड चूत मे समाने के लिए छटपटाने लगा. मैने दीदी को लंड चूसने का इशारा किया दीदी तुरंत नीचे बैठी.. लंड के सुपाडे को होंठो मे भर कर चूसने लगी.. मेरे मुँह से सिसकारी फुट पड़ी.....आआ.....आ....हह...एयेए ....एयेए........आआआ....हह...एयेए
दीदी कुच्छ देर तक सुपाडे को चुस्ती रही फिर आधे से ज़यादा लंड मुँह मे लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी.. अपने दोनो हाथो को मेरे चुतड़ों पर घुमाने लगी. लंड को दबा-दबा कर चूसने लगी..
|