RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
अनिता दोनों हाथों से अपने बोबों के निप्पलों को मसल रही थी और बड़बड़ा रही थी- फ़क मी.. कम ऑन.. या बेबी फ़क मी हार्ड..
इधर पूनम भी अपने मुँह से वासना से लिप्त गुर्राहट निकाल रही थी।
उसके मुँह से ‘ह्म्म याह.. उह्ह.. आअह..’ की आवाज निकल रही थी।
राज अब अपनी एक उंगली पूनम की चूत में अन्दर-बाहर करने लग गया था।
अब राज ने उस उंगली को थोड़ा चूत में ऊपर की ओर उठा कर उसके जी-स्पॉट को कुरेदना चालू किया।
जैसे ही राज ने ये करना चालू किया.. पूनम ने सिसकारियां तेज़ कर दीं और अपना मुँह भी अनिता की चूत से हटा लिया।
वो जोर-जोर से गालियाँ देने लग गई- जोर से कर भड़वे.. भेनचोद.. मर्द है या नामर्द है मादरचोद.. याआहह.. उईईई आआहह..
इसी के साथ-साथ उसने अपनी कमर भी उचकाना चालू कर दिया।
अब अनिता भी.. जो कि पूनम के ऊपर थी.. अब घोड़ी बन कर अपनी जुबान से पूनम की चूत के दाने को चाटने लगी थी।
राज उसी चूत को निचोड़ने में लगा हुआ था।
आखिर कुछ मिनट की दोनों की मेहनत के बाद पूनम के मुँह से जोर की चीख निकली और उसका ज्वालामुखी फूट पड़ा और एक तेज़ धार के साथ उसमें से नमकीन पानी का झरना फूट पड़ा।
उन दोनों ने अपने-अपने मुँह खोल कर उस अमृत को अपने मुँह से और जुबान से चाट कर साफ़ कर दिया। उसी वक्त राज और अनिता होंठों को होंठों में फंसा कर किस करने लगे।
अब वो दोनों उठे और पूनम के साथ मिल कर तीनों किस करने लगे।
उन दोनों ने पूनम को उसका अमृत चखाया।
फ़िर वे दोनों राज को उठा कर सोफ़े के पास ले गईं.. और उस पर बिठा दिया और फ़िर दोनों राज की टांगों के आस-पास बैठ कर उसके लम्बे और मोटे लंड को अपनी-अपनी जुबान निकाल कर चाटने लगीं।
राज के दोनों हाथ उनके बालों में और पीठ पर रेंगने लगे थे।
पूनम ने पहल करके राज के सुपारे को मुँह में लिया। उसने आधे से ज्यादा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और अन्दर-बाहर करने लगी। उसी वक्त अनिता राज की गोटियों पर जुबान फ़िराने लगी।
राज के शरीर पर सांप से रेंगने लगे थे।
राज पूनम के सर पर जोर लगा कर लंड ज्यादा से ज्यादा अन्दर डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन पूनम ने लंड को मुँह में से निकाल कर अनिता के मुँह में डाल दिया।
अब अनिता लौड़ा चूसते हुए अपने मुँह से ‘गूं.. आआ.. गूऊऊ..’ की आवाज़ निकाल रही थी।
राज ने पूनम को ऊपर उठा कर उसके बोबे पर अपने मुँह से जुबान निकाल कर चाटना चालू कर दिया था।
राज की.. अनिता की.. और पूनम की, तीनों की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।
थोड़ी देर के बाद फ़िर दोनों ने पाली बदली और अब अनिता को राज ने ऊपर कर लिया और उसके बोबे चूसने लगा।
कभी-कभी राज बोबों के निप्पलों को अपने दांतों से हल्के से काट भी लेता।
दोनों को बहुत मजा आ रहा था।
फ़िर राज अपने सोफ़े से उठ कर खड़ा हुआ और दोनों का मुँह लंड के सामने कर उसमें घुसाने लगा।
राज भी दोनों के बाल पकड़ कर लंड को उनके मुँह में पेले जा रहा था।
दोनों के मुँह से ‘गूऊ.. गूउआहह..’ की आवाजें आ रही थीं।
उन दोनों के एक-एक हाथ अपने कूल्हों पर.. और दूसरा हाथ एक-दूसरे की चूत पर रखवा कर दानों को सहलवा रहा था।
उनके नाखून मेरे कूल्हे पर भी गड़ रहे थे, दोनों मेरे लंड पर थूक कर उस पर जोर-जोर से अपना मुँह घुसाने लगीं।
राज को यह बहुत अच्छा लग रहा था।
थोड़ी देर बाद दोनों कुछ ज्यादा जोर से लंड पर मुँह मारने लगीं।
राज तो अपनी आँखें बन्द करके मुँह ऊपर किए हुआ था।
दस मिनट के बाद एक ने राज को पलटाया और अब एक राज के आगे और एक मेरे पीछे घुटनों के बल बैठी हुई थी।
पूनम आगे और अनिता पीछे थी।
पूनम ने लंड को जड़ से पकड़ा और अपने मुँह से थूक कर जोर-जोर से उसको आगे-पीछे करने लगी।
उधर अनिता पीछे से राज के कूल्हों को चौड़ा करके मेरी गांड पर थूक कर, उसमें अपनी जुबान घुसाने लगी थी।
राज को तो एकदम नया अनुभव मिल रहा था.. तो राज ने भी थोड़ी टाँगें फैला लीं।
अब अनिता को और आसानी हो गई थी।
राज तो चक्की के दो पाटों के बीच में था।
|