Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
10-16-2019, 01:44 PM,
#27
RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
उधर जब रंगीली के दोनो परिवारों को पता चला कि उनका सब वकाया चुकता हो गया है, और अब लाला को कुछ भी नही देना पड़ेगा, तो वो बड़े खुश हुए…!

रंगीली के माता-पिता अपनी बेटी के उम्मीद से होने की खबर सुनकर अती-प्रशन्न हुए, और वो खुद उसके ससुराल जाकर अपनी बेटी से मिलने पहुँचे, उसे सुखी देख कर उनकी खुशी और दुगनी हो गयी…

समय अपनी मन्थर गति से चल रहा था, रंगीली के प्रसव(डेलिवरी) के दिन नज़दीक आते जा रहे थे…!

रंगीली की सास दुलारी ने उसे अपने घर पर चलने के लिए कहा जिससे वो उसकी देख रेख कर सके…

लेकिन लाला ने उसकी सास को ही हवेली आकर उसकी देख रेख करने को बोल दिया, सो वो रोज़ आकर उसकी अच्छे से देखबाल करने लगी…!

आख़िर वो शुभ दिन आ ही गया, और रंगीली ने एक हृष्ट-पुष्ट और सुन्दर से बच्चे को जन्म दिया…, उसके घर भर में खुशियाँ छा गयी…

उनसे ज़्यादा खुश लाला जी थे, जिन्हें अपने सपनो की मेनका को माँ बनाने का शौभाग्य जो प्राप्त हुआ था…!

एक सुन्दर से बच्चे का बाप बनने की खुशी शायद रामू वरदस्त नही कर पाया, और वो अपने बेटे का मूह देखते ही गुम-सूम सा हो गया…!

पता नही क्यों, वो ये विश्वास नही कर पा रहा था, कि उसकी ढीली ढाली लुल्ली, ऐसा सुंदर बेटा पैदा करने की क्षमता रखती है…!

उसकी माँ ने इस तरह उसके गुम-सूम रहने का कारण पुछा – तो वो टाल गया, लेकिन अनुभवी माँ कुछ-कुछ समझ गयी और बोली….

बेटा कहीं तू ये तो नही सोच रहा कि इतना सुन्दर बेटा तेरा कैसे हो सकता है…?

उसने कोई जबाब नही दिया, लेकिन सवालिया नज़रों से अपनी माँ को अवश्य देखने लगा…!

माँ ने उसे समझाया… देख बेटा, बच्चा अपने माँ और बाप दोनो की छवि होता है..., अब तू खुद देख हमारी बहू लाखों में एक है कि नही, तो वो बच्चा भी तो सुन्दर ही जनेगि ना….

और ये कहते हैं कि अगर बेटा अपनी माँ की छवि लेकर पैदा हो, और बेटी बाप की तो वो बहुत भाग्यशाली होते हैं…

सो तू ये सब फितूर अपने दिमाग़ से निकाल दे और खुश हो जा, कि तू इतने सुन्दर से बेटे का बाप है… अरे तेरी छाति तो गर्व से फूलकर 56” की हो जानी चाहिए, और तू है कि मूह लटकाए हुए है…..!

जैसे तैसे करके रामू को माँ की बात समझ में आ ही गयी, और वो भी अपने बच्चे के पैदा होने की खुशी में खुशी से नाचने लगा…!

बहर हाल बेटे के पैदा होने की खुशियाँ मनाई गयी, बच्चे के नामकरण के लिए उसे वो अपने पति के घर लेकर आई…
नामकरण हुआ, और पंडितजी ने बच्चे का नाम शंकर रखा…जिसे प्यार से उसके दादा-दादी शंकर कहने लगे…

दो-चार महीने तक रंगीली की सास रोज़ आकर बच्चे की देखभाल कर जाती…, माँ-बेटे दोनो की मालिश, वग़ैरह…

फिर जब रंगीली पूरी तरह फिट हो गयी, तो अपनी सास को आने से मना कर दिया, अब वो खुद भी सब कुछ सीख और समझ गयी थी…!

और सबसे बड़ी बात कि अब उसकी मुनिया फिर से खुजलाने लगी थी, सो नही चाहती थी कि कोई उसके और लाला जी के मज़े के बीच रोड़ा अटकाए…!

इधर लाला के बच्चे भी बड़े हो रहे थे…

एक दिन लाला ने रंगीली से कहा – रानी, हम चाहते हैं, कि तुम कल्लू पर भी थोड़ा ध्यान देना शुरू कर दो, उसके ख़ान-पान का ध्यान रखा करो…

वो थोड़ा सा आलसी किस्म का लड़का है, तो तुम उसका ध्यान रखोगी तो वो कुछ सुधरेगा…!

रंगीली ने हामी भर ली, और वो उसके खाने पीने का ख्याल करने लगी…!

इसी तरह एक साल बीत गया, लाला और रंगीली की रासलीला बदस्तूर चलती रही…!

एक दिन जब वो अपने बेटे की मालिश कर रही थी, कि तभी मौका देखकर लाला जी भी वहाँ जा पहुँचे,

वो खड़े खड़े बच्चे के सौंदर्य में खो से गये, सोचने लगे कि काश उनका कल्लू भी इतना सुंदर होता… लेकिन वो तो अपने नाम के मुतविक ही है,

उन्हें सोच में डूबे देखकर रंगीली बोली – क्या सोच रहे हैं लाला जी…?

उसकी बात पर वो एकदम हड़बड़ा गये, फिर सम्भल कर बोले – कुछ नही बस ये देख रहे थे, कि तुम्हारा बेटा कितना सुन्दर है, तुम शुरू से ही उसकी कितनी देखभाल कर रही हो…

काश सेठानी ने भी ऐसे ही कल्लू की देखभाल की होती… खैर जाने दो जो बीत गया सो अब तो आने से रहा, पर अब तुम उसपर भी ध्यान दे रही हो ये अच्छी बात है…

रंगीली – पर धरमजी, ये भी तो आपका ही बेटा है ना, फिर इतना सोच विचार क्यों.., देखिए बिल्कुल आपकी ही छवि है इसमें…!

लाला जी – हां ! सो तो है, पर हम इसे अपना नाम तो नही दे सकते, ये कसक तो हमेशा ही रहेगी…! फिर कुछ सोच कर वो मुस्करा उठे…

रंगीली ने लाला को यूँ मुस्कराते हुए देख कर पुछा – अब क्या हुआ, ऐसे मुस्करा क्यों रहे हैं…?

लाला जी - कभी – कभी हमें ये सोच कर बड़ी हसी आती है, कि जब हमने तुम्हें पहली बार उपले बनाते हुए देखा था, तब यूँ ही तुम्हें पाने के लिए मौज- मौज में एक तरकीब हमने सोच ली…!

उस वक़्त नही पता था, कि वो तरकीब इतनी कामयाब हो जाएगी, कि तुम हमेशा के लिए हमारी हो जाओगी, और हमारे अंश से ऐसा सुन्देर सा बच्चा भी जनोगि…

ये कहकर लाला जी ने प्यार से रंगीली के बेटे के गाल को चूम लिया…!
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