RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
इधर रंगीली ने कल्लू की खुराक से कटौती करना शुरू कर दिया, और बादाम पिसता के पेस्ट की जगह वो धीरे-धीरे उसे दूध के साथ केले की जड़ का पेस्ट मिलाकर पिलाने लगी…!
इसी बीच कल्लू कुछ ग़लत लड़कों की संगत में भी पड़ गया, वो स्कूल से पढ़ने के बहाने शहर जाता, अपने दोस्तों के साथ पिक्चर देखना, शराब पीना…
पैसों की उसको कोई कमी नही थी, जितना माँगता उसकी माँ उसे पकड़ा देती, धीरे-धीरे उसने ग़लत औरतों के साथ भी संबंध बना लिए, जो अपने शरीर का इस्तेमाल करके उससे पैसे ऐंठती रहती थी..
कुल मिलकर कल्लू वो सारे काम करने लगा, जिन्हें करने की सलाह कोई भला मानुष कभी अपनी औलाद को नही दे सकता…
समय धीरे-धीरे आगे बढ़ता जा रहा था, दो साल 12थ में बिताने के बाद कल्लू ले दे कर 12वी पास कर ही गया, और उसी के साथ लाला की बड़ी बेटी प्रिया ने भी 12वी पास कर ली…,
कल्लू की बुरी आदतों के बारे में इधर उधर से लाला के कान में भनक पड़ ही गयी, वो उसे लेकर चिंतित होने लगे….
अब लाला को कल्लू से कोई नौकरी तो करानी नही थी, इसलिए उसे ग़लत रास्ते पर चलने से रोकने के लिए अपने ही टक्कर के अपने इलाक़े के एक दूसरे सेठ की लड़की के साथ उसकी शादी करदी…!
और वैसे भी वो 22 साल का हो गया था, शादी लायक तो हो ही गया था…
कल्लू की दुल्हन सुषमा 19 साल की, सुंदर गोरी चिटी, छर्हरे बदन की लड़की थी, कुल मिलकर कल्लू के भाग ही खुल गये एक सुंदर सी पत्नी पाकर..!
प्रिया ने आगे की पढ़ाई करने के लिए शहर के कॉलेज में अड्मिशन ले लिया और वहीं हॉस्टिल में रहकर पढ़ाई करने लगी,
वो भी अब एक कमसिन जवानी से भरपूर सुंदर माल हो चुकी थी, आच्छे ख़ान-पान की वजह से उसके अंगों में कुछ ज़्यादा ही जवानी आ चुकी थी…!
इधर शंकर भी अगली क्लास में पहुँच गया था, वो स्कूल के सभी तरह के खेल कूद और पढ़ाई में हमेशा अब्बल ही आता था,
रंगीली अपने बेटे की सफलताओं पर मन ही मन खुश होती, लेकिन उसने अपनी ये खुशी कभी अपने बेटे तक को भी जाहिर नही होने दी…!
वो बस उसे और आगे बढ़ने की ही प्रेरणा देती रहती थी…!
कल्लू ने शादी के बाद इधर-उधर मुँह मारना कम कर दिया, अब घर में रस मलाई के होते हुए कोई सड़े हुए खाने पर मुँह क्यों मारेगा…
जल्दी ही कल्लू की पत्नी गर्भवती हो गयी, और दो साल के भीतर-भीतर उसने एक सुंदर सी कन्या को जन्म दिया…, जिसका नाम गौरी रखा गया…!
देखते ही देखते 3 साल और बीत गये, लाला ने अपनी दोनो बेटियों का ब्याह कर दिया, अच्छे ख़ासे दहेज के कारण दोनो बेटियाँ शहर के अच्छे कारोबारियों के यहाँ पहुँच गयी थी…!
लेकिन बेटी के जन्म के 3 साल के बाद भी कल्लू की पत्नी को कोई दूसरा बच्चा नही हुआ, तो सेठ और सेठानी दोनो बैचैन हो उठे…!
अब उन्हें दिनो-रात ये चिंता सताए रहती कि क्या वो कभी अपने पोते का मुँह देख पाएँगे या नही, उनकी जयदाद संभालने वाला वारिश पैदा होगा या नही…!
उन्हें कहीं ना कहीं ये लगने लगा कि हो ना हो, कहीं बहू में बेटा पैदा करने के गुण नही है, सेठानी तो कल्लू का दूसरा ब्याह करने की सोचने लगी…!
उनको अपने वारिश को पाने की चाह इतनी बल्बति हो गयी कि आनन फानन में उन्होने मध्यम परिवार की एक लड़की से कल्लू की दूसरी शादी करा दी…!
कल्लू की दूसरी पत्नी इतनी सुंदर तो नही थी, एक ग़रीब बनिया की बेटी, मध्यम कद काठी और रंग रूप वाली एक साधारण सी लड़की नाम था लाजो,
आनन फानन में कल्लू को घर में ही नयी चूत चोदने को मिल गयी, शराब के जाम चढ़कर उसने लाजो के साथ भी सुहागरात मना डाली….!
खेली खाई लाजो, कल्लू के 4 इंच के लंड से उसकी चूत भी गीली नही हो पाई, वो जैसे ही गरम हुई, कल्लू का लंड अपनी लार टपका चुका था,…!
लाजो कल्लू के उपेर चढ़ दौड़ी और अपनी वासना की आग में ये भी भूल गयी कि आज उसकी सुहागरात उसके पति के साथ है, कहीं खेतों में अपने यार से नही चुद रही..
लाजो चिल्लाते हुए बोली – ये क्या है पति देव… तुम तो अभी से हाँफने लगे, ऐसे ही बेटा पैदा करोगे..?
अरे अब ये भैसे की तरह हाँफना बंद करो, और चोदो मुझे, बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत में…!
बाजू के कमरे में अपनी बच्ची को दूध पिलाती कल्लू की पहली बीवी सुषमा ये सब सुन रही थी, और मन ही मन सेठ सेठानी को गालियाँ दे रही थी…
साली नीच छिनाल कुतिया, अपने बेटे को तो बब्बर शेर समझ रही थी, उन्न्नह बहू में बेटा पैदा करने वाले गुण नही हैं…
और करवा दे दो चार ब्याह अपने हिजड़े बेटे के, खिलाती रहना पोता…!
अच्छा हुआ ये लाजो आ गई, ये तुम्हारी असलियत दिखाएगी अब…ऐसे ही कुछ बड़बड़ाती हुई सुषमा अपनी बच्ची के सिर पर हाथ फेरती अपना दूध पिलाती रही…
उधर लाजो की खीज़ का कल्लू के उपर कोई असर नही था, वो तो कब का नींद में डूब गया, और लाजो उसकी लुल्ली से खेलते खेलते इस आस में कि शायद ये फिर कुछ कमाल दिखा दे,
लेकिन कल्लू का करेंट तो शराब और नींद से कबका ख़तम हो चुका था, इसलिए लाजो की सारी कोशिशें बेकार थी…
थक कर वो अपनी चूत में दो-दो उंगलियाँ पेल कर अपनी चुचियों को मसल्ते हुए कल्लू को हज़ार गालियाँ सुनाती हुई अपना पानी निकालने की कोशिश करने लगी…!
|