RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
एक बेटी होने के बबजूद भी सुषमा का बदन अभी भरा नही था, 34 के बूब्स के बाद उसकी 30 की कमर फिर 36 की गान्ड किसी भी मर्द का लंड खड़ा करने के लिए पर्याप्त थी…
रंगीली ने उसका पेटिकोट खिसका कर थोड़ा नीचे कर दिया, अब उसकी छोटी सी पैंटी में क़ैद उसकी गान्ड की दरार का उपरी भाग दिखाई देने लगा…
गुनगुने तेल की धार उसकी नंगी पीठ पर पड़ते ही, सुषमा का बदन थर थरा उठा….!
अपने लहंगे को घुटनो तक चढ़ाकर रंगीली अपनी दोनो टाँगों को उसके आजू-बाजू करके उसकी जांघों पर बैठ गयी, और अपने दोनो हाथों को उसकी पीठ पर जमाते हुए उसने कहा –
आअहह…क्या कंचन सी काया है बहू रानी आपकी, कॉन कह सकता है कि आपकी एक इतनी बड़ी बेटी भी होगी, ये कहकर उसने अपने तेल लगे हाथों का दबाब उसकी पीठ पर डाला और कमर से लेकर उसके ब्लाउस के छोर तक रगड़ती चली गयी….!
दबाब पड़ते ही सुषमा के दशहरी आम बिस्तेर पर दब गये, वो अपने मुँह से कराह निकालते हुए बोली – आअहह…काकी इतनी ज़ोर्से नही, थोड़ा आराम से करो…!
रंगीली उपर से मसल्ति हुई, दोनो हाथों के अंगूठों को उसकी पीठ की रीड पर दबाब डालते हुए नीचे की तरफ लाई, और उसकी कमर से होते हुए उसके कुल्हों के उभारों तक रगड़ती चली गयी…!
उसकी पैंटी को उसने और थोड़ा नीचे खिसका दिया, अब वो एकदम उसकी गान्ड के उठान के शिखर पर थी…
अपने हाथों को तिर्छे करके उसने एक दूसरे को विपरीत ले जाते हुए उसकी गान्ड के उभारों को मसल्ते हुए कहा – आराम से करने में भी कोई मज़ा है बहू रानी, ये काम तो ऐसा है की जितना ज़ोर का रगड़ा लगे उतना ही मज़ा ज़्यादा आता है…!
तुम कोन्से काम की बात कर रही हो काकी.. पुछा सुषमा ने…!
रंगीली ने अपनी एक उंगली से उसकी गान्ड की दरार की मालिश करते हुए कहा – मालिश की ही बात कर रही हूँ, आप क्या समझी…?
आआहह…ज़्यादा नीचे मत करो काकी, मेरी कमर में दर्द है, गान्ड में नही…!
रंगीली – अरे बहू रानी, कमर और पीठ की हड्डी तो यहीं तक आती है ना, आप तो बस देखती जाओ मेरा कमाल, दर्द ऐसे छूमन्तर हो जाएगा, जैसे गधे के सिर से सींग…!
अपने ब्लाउस के बटन खोलो बहू रानी…ये कहकर रंगीली अपने हाथों को उपर ले जाने लगी,
सुषमा – क्यों ब्लाउस क्यों काकी..?
रंगीली – अरे कैसी पढ़ी-लिखी हो, रीड की हड्डी शुरू तो गर्दन से ही होती है ना, तो नसें भी तो उसी बनबत में होंगी ना,
उसकी बात मानकर उसने अपने दोनो हाथ अपनी छाती तक ले जाकर ब्लाउस के बटन भी खोल दिए…,
अब रंगीली के हाथ उसकी पीठ से होते हुए गर्दन तक पहुँचने लगे, और उसके कंधों की मालिश करते हुए उसकी बगलों तक लेजा कर वो उसकी चुचियों के साइड तक मालिश करने लगी…!
उसने फिर से अच्छा ख़ासा तेल अपने हाथों में लिया, और दोनो हाथो को चिकना करके, वो फिर से उसकी कमर से शुरू करके उसके कंधों तक गयी, और चुचियों के बगल से होते हुए नीचे को कमर तक लाई…
और उसके कुल्हों की बगल से मालिश करती हुई गान्ड के शिखर को रगड़ा, साथ ही उसकी पैंटी को सरका कर जाँघो तक कर दिया,
फिर उसकी गान्ड की गोलाईयों को मसल्ते हुए अपनी उंगलियाँ जांघों के बीच फँसा दी और उसकी चूत की फांकों के बगल तक मालिश करने लगी…!
रंगीली के हाथों का जादू, सुषमा के बदन पर चल चुका था, वो अब बिना कुछ बोले, आनंद सागर में डूबती जा रही थी,
फिर रंगीली ने अपना एक हाथ उसकी गान्ड के सेंटर से रगड़ते हुए एक उंगली का दबाब उसकी गान्ड के छेद पर डालते हुए उसकी चूत की फांकों तक ले गयी और उसकी चूत की मसाज करने लगी…
रंगीली के तेल लगे हाथ ने जैसे ही उसकी चूत के मोटे-मोटे होंठों मसला,
सुषमा की चूत रस छोड़ने लगी, सही मौका देखकर रंगीली ने अपनी एक उंगली उसकी चूत में सरका दी और बोली – दर्द ठीक हुआ बहू रानी..?
सस्सिईइ…आहह…कॉन्सा दर्द काकी…? अब तो कुछ और ही हो रहा है…,
रंगीली समझ गयी कि सुषमा गरम हो चुकी है, उसका खुद का भी हाल अच्छा नही था, उसने उसकी जांघों पर बैठे हुए ही अपनी चोली उतार फेंकी, और लहंगे का नाडा खोलकर बोली –
सीधी हो जाओ बहू रानी, लाओ आगे की भी मालिश कर देती हूँ, सुषमा भी तो यही चाहती थी, सो किसी कठपुतली की तरह पलट कर चित्त हो गयी…
आअहह…उत्तेजना के मारे उसके दूधिया उभार एकदम गोलाई में आ गये, उसके निपल कड़क होकर कंचे जैसे कमरे की छत की तरफ खड़े हो गये, उसकी आँखें बंद ही थी, सो वो ये नही देख पाई कि रंगीली भी बिना कपड़ों के ही है…!
रंगीली फिर से उसकी जाँघो के उपर घुटने मोड़ कर औंधी हो गयी, और अपने तेल से साने हाथों से उसके कंधे मसाज करती हुई उसने उसके दोनो उभारों को जैसे ही मालिश किया…
सुषमा की आहह…निकल पड़ी… फिर जैसे ही रंगीली ने उसके निप्प्लो को मसला.. उसने अपने दोनो हाथ उपर उठा कर रंगीली की बाजुओं को पकड़ कर अपने उपर झुका लिया और उसके होंठों से अपने होंठ जोड़ दिए…
|