RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
यहाँ आते आते शाम हो ही चुकी थी, प्रिया कल उसे लेने आने का बोलकर अपने परिवार के साथ अपने घर लौट गयी…
शंकर को सुप्रिया ने अपने पास वाले कमरे में ही ठहराया, उस रात खाने के बाद शंकर जल्दी ही सो गया,
वैसे भी गाओं में ज़्यादा देर तक कोई जागता नही है, लेकिन शहरों में 12 बजे से पहले सोते नही हैं…!
वो मुलायम गद्दे के बिस्तेर पर गहरी नींद में सोया हुआ था, तभी उसके कानों में चिड़ियाओं के चहचाने की आवाज़ सुनाई दी….,
कुछ देर वो नींद में ही कुन्मूनाता रहा, जब कुछ देर बाद फिर से वही आवाज़ सुनाई दी, उसने सोचा सबेरा हो गया, चिड़ियाँ चहचाने लगी..,
वो उठकर अपने पलग पर बैठ गया…!
तभी उसके गेट पर थप-थपाने की आवाज़ हुई…, उसने उठकर दरवाजा खोला, सामने सुप्रिया और उसके पति को देख कर वो चोंक पड़ा….!
गेट खुलते ही श्याम बोला – बहुत गहरी नींद में सोते हो शंकर, कब्से बेल बजा रहे हैं हम लोग…!
शंकर ने अंजान बनते हुए कहा – ये बैल यहाँ कहाँ से आ गये दीदी, वो तो खेतों में हल खींचते हैं नाके लिए होते हैं, बजाने के लिए तो नही सुना….!
सुप्रिया ने हँसते हुए कहा – अरे बुद्धू, वो तुमने चिड़ियों की आवाज़ सुनी थी…?
शंकर – हां, उसी आवाज़ से तो उठा हूँ,
सुप्रिया – ये इस कमरे की बेल माने घंटी, पढ़ा नही क्या.., वो ऐसे बजती है देखो.., ये कहकर उसने गेट के बाजू में लगे बिजली के स्विच को दबा कर बेल बाजाई,
कमरे में कहीं चिड़ियाँ सी चहकि, तब जाकर शंकर को समझ आया कि इस आवाज़ को सुनकर उसकी नींद खुली है…!
शंकर – तो सुवह हो गयी क्या…?
श्याम – सुवह..? अरे भाई अभी 11:30 हुए हैं, हम लोगों के सोने का टाइम अब हुआ है, और तुम सुवह होने की बात कर रहे हो,
शंकर – तो इतनी रात गये, आप लोगों ने मुझे क्यों जगाया…?
सुप्रिया – श्याम को तुमसे कुछ बात करनी थी, आओ हमारे साथ…
शंकर – कहाँ..?, उसने कहा – हमारे कमरे में, आओ तो सही…!
वो उनके पीछे पीछे उनके कमरे में आ गया…
कमरे में घुसते ही उसकी आँखें फटी रह गयी…
क्या कमरा था, खूब लंबा चौड़ा, सारी सुख सूबिधाओं से युक्त किसी 5 स्टार होटेल का सूयीट जैसा, (ये रीडर्स के लिए शंकर को नही पता 5 स्टार का सूयीट क्या होता है..)
कमरे में एक बहुत बड़ा सा पलंग, साइड में एक मिनी सोफा, सेंटर टेबल, सब कुच्छ था जो एक कपल को चाहिए…!
श्याम उसे लेकर सोफे पर बैठ गया.., और उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर सहलाते हुए बोला…!
थॅंक यू शंकर, तुमने सुप्रिया को अपना प्यार देकर हम पर बहुत बड़ा अहसान किया है, उसने मुझे सब कुछ बता दिया है, उसे माँ बनाकर तो तुमने हमें बिन मोल खरीद लिया…!
शंकर श्याम के मुँह को ताकते ही रह गया, वो सोच रहा था कि ये शायद दुनिया का पहला पति है जो अपनी पत्नी को दूसरे से चुदवा कर उसका अहसान मान रहा है, उसके बच्चे को पाकर खुद को धन्य समझ रहा है…!
श्याम उसको सोच में डूबा देख कर बोला – मे जानता हूँ तुम क्या सोच रहे हो, लेकिन सच मानो दोस्त, तुमने मेरे लिए ये बहुत बड़ा काम किया है, मेरा जीवन बचा लिया तुमने…!
मुझे तुम दोनो के इस रिश्ते से बहुत खुशी हुई है, क्योंकि मे इसे एक पति का सुख देने के लायक ही नही हूँ, ऐसे में इस बेचारी पर ज़ुल्म क्यों किया जाए, इसलिए ये अपनी मर्ज़ी की मालिक है और इसके हर फ़ैसले में मे इसके साथ हूँ…
अब में कल ही अपने मम्मी पापा को इस बच्चे के बारे में खुश खबरी सुनाता हूँ, वो तो खुशी से झूम ही उठेंगे…!
श्याम की बात सुनकर सुप्रिया झुंझला उठी और खीजते हुए बोली – तुम हर बात अपनी गान्ड के हिसाब से ही सोचते हो क्या..?
श्याम ने उसकी तरफ आश्चर्य से देखा, वो आगे बोली – अरे चोदु राम ज़रा सोचो, अभी मुझे आए हुए एक रात भी नही हुई, और तुम उन्हें कल ही ये बात बताओगे, तो वो लोग क्या सोचेंगे..?
जिस बात को पता लगने में कम से कम 1 से 1.5 महीना लगता है वो 1 रात में कॉन मान लेगा…!
सुप्रिया की बात समझ में आते ही श्याम झेन्प्ते हुए बोला – ओह्ह.. सॉरी बेबी, तुम सही कहती हो, सच में मेरे अंदर इन सब बातों को समझने लायक दिमाग़ ही नही है…!
वो आगे बोला - खैर अब मेरी एक रिक्वेस्ट और पूरी करदो शंकर…, तुम एक बार मेरे सामने सुप्रिया के साथ सेक्स करो, मे देखना चाहता हूँ, तुम इसको कैसे चोदते हो…!
शंकर उसकी ये बात सुनकर बुरी तरह चोंक गया.., जब उसने बहुत देर तक कोई रेस्पॉन्स नही दिया, तो श्याम ने उसका हाथ पकड़कर उसे पलंग पर ले आया जहाँ सुप्रिया एक मिनी गाउन में अपने घुटने मोड़ कर बैठी थी…!
शंकर को पलंग पर बिठाकर वो खुद सोफे पर आकर बैठ गया, सुप्रिया पहल करते हुए वो शंकर की गोद में आकर बैठ गयी…
क्योंकि वो जानती थी कि शंकर कितना ही दिलेर और ताक़तवर सही, इतना बेगैरत नही है कि एक औरत को उसी के पति की आँखों के सामने चोद दे…!
उसकी गोद में बैठकर अपनी बाहें उसके गले में डाल दी, और उसके होंठों को चूमकर बोली – श्याम की इचा पूरी करो शंकर,
शंकर – लेकिन दीदी मे इनके सामने आपके साथ...कैसे……!
सुप्रिया ने फिर से अपने होंठ उसके मुँह से चिपका कर बोलने से रोक दिया, चूमने के बाद बोली – अब दीदी कहना बंद करो डार्लिंग, तुम मेरी जान हो, ये कहकर उसने अपना गाउन उतार कर फेंक दिया…
अब वो मात्र अपनी टाइनी सी ब्रा और पैंटी में ही थी, पैंटी जो पीछे से एक डोरी सी उसकी गान्ड की दरार में फँसी हुई थी, आगे से चूत को ढकने वाली जगह भी जालीदार थी…!
उसने शंकर की कमीज़ को भी निकाल दिया, और अपने बदन को उसके शरीर के साथ रगड़ते हुए उसे उकसाते हुए बोली – कम ऑन राजा.., दिखा दो अपने लंड की ताक़त मेरे गान्डु पति को…!
इतना ही नही उसने उसे धक्का देकर पलंग पर लिटा दिया, और उसके पाजामे को भी उसके बदन से अलग करके उसके अंडरवेर के उपर से ही उसके आधे खड़े लंड को मसल्ने लगी…
|