RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
शंकर – किसी महारानी जैसी जिंदगी है आपकी, भला आपको क्या दुख हो सकता है..?
प्रिया – हर चीज़ जो दिखती है, ज़रूरी तो नही वो सच ही हो, माना कि धन दौलत की मेरे लिए कोई कमी नही है, लेकिन एक औरत का सच्चा सुख होता है उसके पति का भरपूर प्यार, उसकी संतान..
शंकर – लेकिन ये दोनो तो आपके पास है ही, फिर क्या दुख है आपको…?
प्रिया – मे फिर कहती हूँ शंकर, दुनिया जितनी रंगीन दिखती है, वैसी है नही… खैर तुम मेरे दुखों को छोड़ो, तुम जाना चाहते हो तो जाओ यहाँ से मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो…
इतना कहते कहते उसका गला रुंध गया, और वो उस’से अलग होकर पीठ फेर्कर खड़ी हो गयी…!
शंकर को लगा, कुछ तो वो ग़लत समझ रहा है, शायद प्रिया अपना सच बताना नही चाहती है की उसको किस तरह के गमों ने घेर रखा है…!
बहुत देर तक वो अपने अंतर्द्वंद में फँसा रहा, फिर उसने एक निर्णय ले ही लिया, वो उसे ये खुशी देगा जिसे वो पाना चाहती है, भले ही वो अपना सच बताए या नही…!
ये तय करके उसने प्रिया की तरफ देखा जो अभी भी मुँह फेर्कर शायद सूबक रही थी.., साटन सिल्क सारी में लिपटा उसका बदन पीछे से किसी संगेमरमर की मूरत जैसा अब उसे अपनी तरफ खींचने लगा था…
प्रिया के 36 के उभरे हुए नितंब उस सारी में बड़े ही कामुक लग रहे थे, दो बड़े-बड़े कलश जैसे उभार देखकर शंकर का लंड खड़ा होने लगा…
वो दो कदम उसकी तरफ बढ़ा और उसने पीछे से उसको अपनी बाहों में भर लिया…
उसके गले पर अपने होंठ रखकर उसे किस करके बोला – मुझे माफ़ करदो प्रिया दीदी, मेने आपको रुलाया, आपको दुखी किया…!
अब मे वही करूँगा जैसा आप चाहती हैं.., ये कहकर उसने उसे अपनी तरफ पलटा लिया और उसके होंठों पर अपने दहक्ते होंठ रख दिए…!
उसके गद्देदार चुतड़ों को मसल्ते हुए बोला – मुझे यकीन नही आ रहा, मेरे सामने वोही हिटलर दीदी खड़ी है जो हवेली में नौकरों को इंसान ही नही समझती थी…!
प्रिया तड़प कर उसे लिपटाते हुए बोली – आअहह…शंकर…अब वही हिटलरनी तुम्हारी दासी है, इसे अपने प्यार से नहला दो मेरे भाई...!
उसकी तड़प देखकर शंकर के चेहरे पर मुस्कान आ गई, उसने उसे अपनी बाहों में उठा लिया, और लाकर सूयीट में मौजूद शानदार बेड पर पटक दिया,
उसके सारी के पल्लू को अलग करके वो उसके गोल-सुडौल 34 के उभारों को मसल्ने लगा, प्रिया की सिसकियाँ फ़िज़ा में गूंजने लगी…!
कसे हुए ब्लाउस में क़ैद उसके दूधिया उभर शंकर के हाथों मसले जाने पर कबूतरों की तरह ब्लाउस की क़ैद से निकलने के लिए फड़फड़ने लेगे, एक मिनिट में ही शंकर ने सारे बटन खोल डाले…
प्रिया ने शंकर के पॅंट के उभार को अपनी हथेली से मसल्ते हुए उसके होंठों पर टूट पड़ी, शंकर उसके ब्रा में क़ैद कबूतरों की चोंच पकड़ कर मरोड़ने लगा…
आअहह….सस्स्सिईइ….शंकरररर….मेरे राजा…ज़ोर्से मत खीँचो…उउऊयईीई.. माआ….मारीी….क्या करते हो…प्लीज़ मान जाओ नाअ….,
ऐसी मादक सिसकियाँ लेते हुए प्रिया ने शंकर के पॅंट की जीप खोलकर उसके मस्त खड़े हो चुके लंड को अंडरवेर के उपर से ही मसल दिया…!
धीरे-धीरे, एक-एक करके उन दोनो के कपड़े बदन छोड़ने लगे, अब प्रिया मात्र अपनी पैंटी में पड़ी, किसी जलबीन मछली की तरह तड़प रही थी,
शंकर के हाथों और जीभ की हरकतों ने उसे बुरी तरह तड़पने पर मजबूर कर दिया, और उसने शंकर को पलग पर लिटा कर उसके एक मात्र बचे हुए अंडरवेर को भी निकाल फेंका…!
जैसे ही प्रिया की नज़र शंकर के गोरे चिट 7.5” लंबे, खूँटे जैसे लंड पर पड़ी, उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया.., वो किसी भूखी बिल्ली की तरह उसके लंड पर झपट पड़ी…!
शंकर ने अपना हाथ लंबा करके उसकी कमर को अपने मुँह की तरफ घुमा लिया, और उसकी पैंटी को खिसका कर उसके मोटे-मोटे चुतड़ों में अपनी जीभ डाल दी..
अब वो दोनो 69 की पोज़िशन में एक दूसरे के अंगों को चूसे जा रहे थे.., एक दूसरे का पानी निकालने की कोशिश में जुटे थे…!
लेकिन शंकर ठहरा पक्का खिलाड़ी, अपनी माँ के द्वारा सिखाए गुणों की वजह से अपने आप पर कंट्रोल रखने की उसकी क्षमता के आगे प्रिया जैसी प्यासी औरत कहाँ ठहरने वाली थी…!
वो 5 मिनिट में ही अपना कामरस छोड़ बैठी, और उसके मुँह पर अपनी चूत दबाकर हाँफने लगी…!
अब शंकर ने उसे पलटकर अपने उपर से नीचे लिया, और उसकी चूत को हथेली से सहला कर अपने गरम दहक्ते सुपाडे को उसकी चूत के मुँह पर रखकर दबा दिया…
उसका पूरा सुपाडा उसकी चूत के छेद में फिट हो गया, चूत इस समय इतनी गरम हो रही थी कि शंकर के लंड का सुपाडा पिघलता सा महसूस हुआ…!
आअहह…दीदी, आपकी चूत कितनी गरम है…ये कहते हुए उसने एक जबरदस्त धक्का अपनी कमर में दे मारा….
आआईयईई…….म्म्माआ….माररर..दलाअ… रीइ.., इतना मोटा लंड उसने पहली बार लिया था, सो प्रिया के मुँह से एक जोरदार कराह उबल पड़ी, शंकर का लंड उसकी चूत में तीन-चौथाई तक समा चुका था…!
आअहह…शंकर…बहुत बड़ा है तुम्हारा.., थोड़ा आराम से कर ना यार, मेरी चूत को चीर डाला..इसने.., उउफ़फ्फ़…
शंकर ने उसके होंठों को चूमते हुए कहा – जीजा जी का इतना बड़ा नही है…?
प्रिया –उउन्न्ह…, बहुत कम है इससे.., ये कहकर उसने शर्म से अपना मुँह उसके सीने में छुपा लिया, और अपनी कमर को और अंदर लेने के लिए उचका दिया…!
शंकर ने भी फाइनल स्ट्रोक मारकर पूरा लंड उसकी कसी हुई चूत में फिट कर दिया…!
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