Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
10-16-2019, 07:24 PM,
RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
उस रात दोनो प्रेमियों ने जी भरकर अपने मंन की हसरतें पूरी की.., और थक हारकर जब वो गहरी नींद में डूबे तो सीधे सुबह के 9 ही बजे..,

दोपहर होते होते वो होटेल से निकल लिए और समय पर अपने घर जा पहुँचे….!

दिन ढलते तकरीबन शाम 4 बजे शंकर और सुषमा अपने घर पहुँच गये, सुषमा का समान उसके यहाँ देकर शंकर अपने परिवार के लिए लाए हुए कपड़े बगैरह के बॅग लेकर अपने घर पहुँचा जो कि हवेली का ही एक हिस्सा था..

उसकी माँ सेठानी के साथ उसके कमरे में थी…, अब सेठानी भी रंगीली के साथ छोटी बेहन जैसा बर्ताव रखती थी.., हर काम
रंगीली के उपर ही छोड़ रखा था…, एक तरह से लाला जी का परिवार इन दोनो माँ-बेटों पर निर्भर हो चुका था…!


सेठ धरम दास तो चाहते ही थे कि शंकर उनके घर को संभाल ले.., प्रत्यच्छ में ना सही, अप्रत्यक्ष रूप से वो भी तो उनका
बेटा ही था…, उपर से ढलती उम्र और समय समय पर रंगीली का मादक जिस्म भोगने को मिल जाता था…!

शंकर जब अपने घर पहुँचा उस समय सलौनी किसी कपड़े पर कसीदे से कपड़े पर कोई डिज़ाइन बना रही थी…, कॉलेज तो बंद ही थे.., गाओं में मनोरंजन का उस समय कोई साधन तो था नही…,

टेलिविषन उस समय पर आए ही आए थे, उनपर भी गाओं में एंटीना लगाकर दूरदर्शन के ही एक दो चॅनेल ही आते थे…, जिसका उपयोग गाओं के लोग बस उस समय के महाभारत सीरियल को देखने में ही यूज़ करते थे…, या फिर एक आध कोई न्यूज़ बगैरह देख लेता था…!

एग्ज़ॅम के बाद सलौनी बेकार बैठी थी…, कभी-कभार गौरी के साथ खेल लेती या फिर सुबह शाम अपनी किसी सहेली के घर
चली जाती…, सो रंगीली ने ही उसे प्रेरित करके कढ़ाई-बुनाई के कुछ गुण सिखा दिए थे…!

सलौनी बारॅंडा में चारपाई डालकर उसपर पैर सिकोडकर अपने घुटने जोड़कर उनपर एक सर्क्युलर छल्ले में सफेद कपड़े को कसकर रंग बिरंगे धागे से कोई डिज़ाइन बना रही थी… जब शंकर वहाँ पहुँचा…!

शंकर को देखते ही उसका मंन मयूर होकर नाच उठा…, अंदर से वो इतनी खुश हुई, कि भाग कर जाए और अपने प्यारे भाई के गले से लिपट जाए…,

लेकिन वो अपना मंन मसोस कर रह गयी…, जबसे शंकर ने उसके चाँटा जड़ा था उस दिन से फिर दोबारा उसकी हिम्मत नही
हुई कि वो उस’से बात भी कर सके.., उसे शंकर से डर लगने लगा था…, उपर से माँ ने भी भाई का ही पक्ष लिया था…!

उधर शंकर के मंन में भी ये डर था कि उसके चाँटा मारने से सलौनी अभी तक उससे नाराज़ है…, लेकिन उसका दिल ही
जानता था कि वो अपनी छोटी बेहन से कितना प्यार करता था..,

एक पल को दोनो की नज़र आपस में टकराई, दूसरे ही पल सलौनी ने डर से अपनी नज़र झुका ली और अपने काम में लग गयी…, शंकर को पक्का यकीन हो गया की अभी तक गुड़िया का गुस्सा शांत नही हुआ है…!

लेकिन ये हमेशा तो चलने वाला नही है.., कभी ना कभी तो उसे उसके गुस्से का सामना करना ही है.., तो आज क्यों नही और फिर वो उसके लिए अच्छे अच्छे कपड़े भी लाया है तो अपनी प्यारी बेहन का गुस्सा शांत करने के लिए इससे बढ़िया मौका और क्या होगा…?

सो बड़े शांत भाव से उसकी चारपाई की पाटी पर बैठते हुए शंकर ने उसके कपड़ों वाला बॅग उसकी गोद में रख दिया….!

अचानक से अपनी गोद में रखे बॅग को देख कर सलौनी ने एक बार शंकर की तरफ देखा जो उसी पर अपनी नज़रें गढ़ाए उसके बगल में इस आशा में बैठा था कि क्या उसकी गुड़िया उसके गिफ्ट को स्वीकार करेगी या आज भी वो नाराज़ ही बनी रहेगी…!

उसकी सोच के उलट सलौनी ने कुछ डरने के अंदाज में शंकर से पुछा – ये.ए.ईए.. इसस्स..इसमें क्या है भाई..?

शंकर को उसके बोलने के अंदाज से ये समझते देर नही लगी कि वो नाराज़गी की बजाय कुछ और ही भाव हैं इसके मंन में.., सो उसने बड़े प्यार से अपने दोनो हाथ उसकी तरफ बढ़ाए….!

डरी सहमी सी सलौनी ने अपना चेहरा थोड़ा पीछे को हटाया लेकिन वो शंकर के हाथों की जड़ से दूर ना कर सकी.., और देखते ही देखते शंकर ने अपने दोनो हाथों के बीच अपनी लाडो के गोल चेहरे को ले लिया…!

शंकर ने उसकी आँखों में झाँकते हुए कहा – शहर से अपनी गुड़िया के लिए कुछ कपड़े लाया था…, फिर एक हाथ से उसकी नाक को पकड़ते हुए बोला – इस तोते जैसी नाक पर रखा हुआ ढेर सारा गुस्सा अगर ख़तम हो जाए तो देख कर बताना कपड़े कैसे हैं…????

शंकर के इन प्यार भरे शब्दों ने सलौनी के अंदर का सारा डर निचोड़कर बाहर फेंक दिया…, कुछ देर वो उसकी आँखों में अपने लिए भाव तलाश करती रही जहाँ उसे अपनी बेहन के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ प्यार ही प्यार दिख रहा था…!

कोमल मंन एक झटके में पिघल गया.., अंदर छुपि हुई अपने भाई की इतने दिनो की जुदाई को वो और नही सह पाई.., उसकी चंचल कजरारी आँखों में दो बूँद मोतियों की उमड़ पड़ी…!

अपनी रुलाई पर काबू रखने के प्रयास में उसका चेहरा बनने-बिगड़ने लगा और भर्राये हुए भावुक स्वर में बोली – मे कब गुस्सा
हुई भाई…, तूने ही तो मुझे थप्पड़ मारा था.., तो मे डर गयी थी तुमसे….!

शंकर को उसकी बात सुनकर एक तेज धक्का सा लगा…उसका दिल अपनी बेहन के लिए रो उठा…, क्या मेरी गुड़िया मुझसे डर
रही थी अबतक और में साला गधा…उल्लू का पट्ठा उसे नाराज़ समझ रहा था…!

लाख कोशिशों के बावजूद शंकर अपने आँसुओं को बाहर आने से रोक ना सका और उसने अपनी बेहन को, अपनी गुड़िया को खींचकर अपने सीने से लगा लिया…!

उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोला – मेरी गुड़िया मुझे माफ़ कर दे…, तू मुझसे इसलिए दूर रही कि तुझे मुझसे डर
लग रहा था…,, और..और…मे गधा ये समझता रहा कि मेरी प्यारी बेहन मुझसे नाराज़ है….!

सलौनी उसके सीने में लगी सुबक्ते हुए बोली – तूने ये सोच भी कैसे लिया भाई कि मे तुझसे कभी नाराज़ भी हो सकती हूँ..,
वो भी इतने दिनो तक…?

जब माँ ने भी मुझे ही डांटा तो मे बहुत डर गयी थी.., ना जाने मुझसे कितनी बड़ी ग़लती हुई है इस बजह से मुझे इतना
प्यार करने वाला भाई गुस्सा हो गया, आइ आम सॉरी भैया….!

शंकर ने उसे खीचकर अपनी गोद में बिठा लिया और उसके माथे को चूमते हुए बोला – सॉरी तो मुझे कहना चाहिए लाडो…, मुझे घर आते ही उसी दिन तुझसे बात करनी चाहिए थी… तो आज तक हम दोनो के बीच ये भ्रम की दीवार ही नही रहती…!

चलो खैर अब जो हुआ सो हुआ, अब वादा करो कि हम दोनो में से कोई भी ऐसा काम नही करेगा जिससे फिरसे ऐसी दीवार
खड़ी हो.., ये कहकर शंकर ने सलौनी के गालों पर लुढ़क आए उसके खारे पानी को चूम लिया…!

सलौनी अपने भाई का प्यार पाकर फिरसे खिल उठी.., उसने शरारत भरे लहजे में अपने होठों पर उंगली रखते हुए कहा – और
यहाँ कॉन चूमेगा…?

शंकर ने मुस्कराते हुए उसके होठों को भी चूम लिया…, शंकर के ढकते होठों का स्पर्श पाकर उसके होठ लरज उठे…, एक अनूठे आनद की लहर सलौनी के समूचे बदन में दौड़ गयी…, उसने शंकर के दोनो हाथों को अपने हाथों में लेकर अपने अनारों पर रख दिए…!

शंकर ने उसकी आँखों में झाँका.., सलौनी की आवाज़ किसी गहरे पानी से आती हुई निकली….मुझे प्यार करो भैया…, मे तेरे प्यार के लिए कब से तड़प रही हूँ.., इतना कहकर उसने अपनी आँखें बंद करके शंकर के होठों को किस करना शुरू कर दिया…!

शंकर के हाथ भी उसके कठोरे गेंद जैसे उभारों पर चलने लगे और वो उन्हें बड़े प्यार से सहलाने लगा…!

सलौनी की जांघों के बीच सुरसूराहट होने लगी…, इधर शंकर का घोड़ा भी पॅंट के अंदर हिन-हिनाने लगा.., और अपने जागने
का सबूत सलौनी की मुलायम गान्ड को दबाकर देने लगा…!

भाई के गरम लंड को अपनी गान्ड की दरार के उपर महसूस करके सलौनी की मुनिया खुशी से लार टपकाने लगी…! लेकिन…..

इससे पहले कि वो दोनो कुछ और आगे बढ़ते.., उन्हें किसी के कदमों की आहट सुनाई दी.., पलटकर बाहर के दरवाजे की
तरफ दोनो की नज़र एक साथ पहुँची जहाँ अपनी कमर पर हाथ रखे उनकी माँ मंद-मंद मुस्करा रही थी…!

पास आते हुए बोली – तो तोता-मैना में सुलह हो गयी…, हां भाई…, एक दूसरे से मिलने की आग कब तक दूर रहने देती…??

सलौनी – हां..हां…तू तो यही चाहती है ना कि मेरा भाई मुझसे दूर रहे…!

शंकर ने प्यार से उसे झिड़कते हुए कहा – ये तू माँ से किस तरह बात कर रही है गुड़िया…?

रंगीली – बोलने दे बेटा…, तेरी बेहन अपनी माँ की सबसे बड़ी सौत है…, रंगीली के ये शब्द सुनकर तीनो के चेहरे खिल-खिला उठे…, अगले ही पल वो तीनों उसी चारपाई पर एक दूसरे की बाहों में लिपटे पड़े थे….!
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक - by sexstories - 10-16-2019, 07:24 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,460,625 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,840 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,789 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,408 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,698 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,710 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,918,397 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,949,174 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,990,201 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,009 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)