RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
अजय- “छीः भैया, दो लड़के आपस में? मुझे तो सोचकर ही कैसा लग रहा है, और आप इसमें मजा देख रहे हैं। दो लड़कों को भला आपस में क्या मजा आएगा? भले ही मैं आपकी नजर में एक लड़की जैसा हूँ, पर हकीकत में तो एक लड़का ही हूँ ना। आप तो सचमुच में मुझे एक लड़की समझकर मजा लेने के लिए पटाने लग गये हैं। आपको आज क्या हो गया है? छीः भैया, आप अपने छोटे भाई के साथ गंदा काम करना चाहते हैं। आपको इसमें शर्म आए या नहीं आए, पर मुझे तो बहुत शर्म आ रही है.”
मैं- “अच्छा एक बात ईमानदारी से बताओ ऐसी बातें इस एकांत रात में सुनकर तेरे लण्ड में हलचल हो रही है। या नहीं? उसमें एक मीठी-मीठी गुदगुदी सी हो रही है या नहीं? मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लौड़ा ज्वालामुखी की तरह भीतर से उबल रहा है और उसके भीतर भरा हुआ पिघला लावा बाहर निकलने के लिए मचल रहा है। अब भाई तुम्हारी बात दूसरी है पर ऐसी बातें सुनकर लड़कियों की चूत और गाण्ड में भी खाज चलने लगती है। देखो मेरे ब्रीफ में लौड़ा कैसे तन गया है और ब्रीफ फाड़कर बाहर निकलने के लिए मचल रहा है...” गाण्ड शब्द मैंने जानबूझ कर जोड़ दिया। साथ ही यह बात कहते हुए मैंने मेरे ब्रीफ में फूले हुए लण्ड की तरफ भी इशारा किया।
अजय ने एक बार मेरे ब्रीफ में तने हुए लण्ड की तरफ देखा और फौरन वहाँ से नजरें हटा ली, कहा- “भैया आप बातें ही ऐसी गंदी-गंदी कर रहे हो की किसी का भी लण्ड ऐसी गंदी बातें सुनकर खड़ा तो होगा ही। मेरा भी खड़ा हो गया है, तो इसमें नई क्या बात है? मैं सब समझ रहा हूँ। आप मेरे से उत्तेजित करनेवाली बातें करके मुझे उत्तेजित करके मेरे साथ मनमानी करना चाहते हैं...”
मैं- “देख मुन्ना, जब लण्ड खड़ा होता है तो उसे फिर शांत भी करना पड़ता है। तुम्हें तो मुट्ठी मारकर शांत करने की आदत पड़ी हुई है, पर मैं मूठ मारते-मारते थक गया हूँ। फिर तुम्हारे जैसे चिकने भाई का साथ है। मेरा तो मन कर रहा है की क्यों ना हम दोनों भाई मिलकर आज मजा लें, और अपने-अपने खड़े लण्ड एक दूसरे की मदद से शांत करें। तुम चाहो तो मजा लेने का बहुत ही अनोखा और मजेदार तरीका मैं तुम्हारे साथ यह । मजा लेकर तुझे समझा सकता हूँ। अरे एक बार अपने भैया के साथ यह मजा लेकर तो देखो। यदि तुम्हें मजा नहीं आए तो बीच में ही छोड़ देना...”
अजय- “भैया आप यह मजा लेने में मेरे साथ कुछ करेंगे तो नहीं ना? मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। की आपका क्या प्लान है? और साथ में मन में एक डर सा भी लग रहा है...” अजय आखिरकार, इस मजे का शौकीन था, सो वो लाइन पर आने लगा पर मेरे सामने नादान बन रहा था।
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