RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
अजय के लण्ड से रस बह रहा था और चूत से जो भी रस बाहर आ रहा था उसे मैं अपनी जीभ से चाटे जा रहा था। मेरा प्यारा भाई किसी औरत की चूत में पहली बार झड़ रहा था और मैं उसे इतने करीब से देखता हुआ उस अमृत रस का पान कर रहा था।
राधा- “आज तो इस छोटे बेटे ने मुझे पूरा निढाल कर दिया। मेरी भी चूत से रस बह रहा है। हाय... जालिम मार दे रे। अपनी माँ को चोद-चोदकर मार दे रे। इसने एक ही चुदाई में मुझे दो-दो बार झड़ा दिया है, मेरे शरीर की सारी ताकत, इसके लण्ड ने... निचोड़ ली है...” यह कहते-कहते माँ बेसुध सी पलंग पर लुढ़क गई।
अजय भी माँ की बगल में लुढ़क गया। मैंने भी आँखें मूंद ली और ना जाने कब मुझे नींद आ गई। सुबह 4:00 बजे के करीब एक बार नींद खुली तो माँ बेड पर नहीं थी और अजय वैसे ही नंगा पड़ा गाढ़ी नींद में था।
दूसरा दिन रविवार का था। आज हम तीनों ने बाहर का प्रोग्राम बनाया। शाम के शो में हम एक मल्टीप्लेक्स में पिक्चर देखने गये। पिक्चर खतम होते ही हम लवर्स पार्क में आ गये और पार्क का एक चक्कर लगाया। फिर मस्ती भरी बातें और छेड़छाड़ करते हुए हमने चाट और पाव भाजी का मजा लिया। फिर आइसक्रीम चूसी और चाटी। इसके बाद सुगंधित पान का एक-एक बीड़ा हमने एक दूसरे को खिलाया। घर वापस पहुँचते-पहुँचते रात के 11:00 बज गये थे।
माँ आधा घंटे में फ्रेश होकर नाइटी में मेरे कमरे में आ गई। तब तक हम दोनों भाई भी फ्रेश हो चुके थे और सार्टस और बनियान पहने अपनी चुदासी माँ का इंतजार कर रहे थे। पिछले दो-तीन दिनों में ही हम तीनों आपस में पूरे खुल चुके थे। मैं बेड पर बैठा हुआ था और मुन्ना भी मेरे बगल में बेड पर ही बैठा हुआ था। जैसे ही माँ बेड पर बैठने को हुई मैंने माँ का हाथ पकड़ लिया और खींचकर उसे अपनी गोद में बैठा लिया।
विजय- “अरे मेरी राधा रानी। मेरी गोद के होते हुए पलंग पर क्यों बैठ रही हो? तूने तो दो ही दिनों में हमें
अपने पर लट्टू कर लिया है। मुन्ना तो तेरी एक ही चुदाई में तेरा दीवाना हो गया है, तेरी चूत का रसिया बन गया है। जब तक इसने तुझे चादा नहीं था तब तक तो यह पक्का गान्डू था और तेरे चुदाने से भी ज्यादा मस्त होकर अपनी गाण्ड मरवाता था। अब यह अपनी मस्तानी गाण्ड शायद ही मुझे मारने दे, क्योंकी अब यह भी तेरी चूत का दीवाना बन गया है। क्यों रे मुन्ना ठीक कह रहा हूँ ना, क्या अब भी अपने बड़े भैया को अपनी गाण्ड दोगे?"
अजय- “भैया आप भी कैसी बातें कर रहे हो? आप जब भी इशारा करेंगे आपके लिए तो मैं फौरन मेरी पैंट नीचे सरका लँगा। आप कहें तो अभी यह सार्टस नीचे सरका हूँ। मेरे भैया के लिए मेरी गाण्ड हरदम हाजिर है। क्या भैया आप माँ के सामने मेरी गाण्ड अभी मारेंगे?”
|