RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
दीपू भैया अब उसको दिलासा दिला रहे थे, वो क्या बोल रहे थे कुच खास सुनाई नहीं दे रहा था। जल्द ही तनु को हमने मुस्कुराते देखा। वो सर हिला रही थी जैसे सब समझ रही हो। दोनों अब बिस्तर की तरफ़ चल दिये थे और हमारे निगाह एकबार फ़िर से स्क्रीन से चिपक गयी। दीपू भैया ने उसको बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और तब बब्लू ने कैमरा बदल दिया जिससे हमें कमरे और बिस्तर की फ़ोटो अलग कोण से मिलने लगी। तनु थोडा तिरछा होकर लेटी हुई थी और अब वो बिस्तर पर पैर फ़ैला दी थी। पंखे में लगे कैमरे से वो पूरी तरह से नंगी बिस्तर पर बिछी हुई दिखी। दीपू भैया उसकी बगल में आ गये थे और उसकी चुचियों को बारे-बारे से चुसने लगे थे। जब वो एक को चुसते तब दूसरी को मसलते रहते। हमने पंखे वाले कैमरा से अब फ़िर बिस्तर वाले कैमरे से देखना शुरु कर दिया। वैसे सब कैमरे से रिकार्डिंग बैकग्राउंड में चल रहा था, पर इस बिस्तर वाले कैमरे से हम तनु की पहली चुदाई को लाईव देख रहे थे। तनु के बदन में गुदगुदी होने लगी थी और वो अब कभी हँसती तो कभी चिहुँकती। दीपू भैया ने इसके बाद उसके पेट और नाभी को चुमा तो वो खिलखिला कर हँसी और बोली, "ऐसे नहीं... बहुत गुद्गुदी होती है।" मुझे यह बात पता था कि तनु को पेट में बहुत गुद्गुदी लगती है बचपन में भी मै उसकी पेट को साईड से थोडा छूकर गुदगुदा देता था। दीपू भैया अब उसकी झाँट की बनी दिल से खेल रहे थे और तनु अपनी आँख बन्द करके बिस्तर पर शान्त लेटी हुई थी। अचानक ही दीपू भैया ने उसकी बूर की फ़ाँक को छुआ और तनु ने सिसकी लेते हुए अपना कमर ऊपर की तरफ़ हल्के से उछाल दिया। अब दीपू भैया उसकी जाँघों को खोल कर उसके बीचे में पेट के बल लेट गये और अपने जीभ से उसकी कोरी कुँवारी बूर को चाटने लगे। जल्द ही उसकी जोर-जोर की सिसकी और गहरी साँसों की आवाज हमें माईक के सहारे सुनाई देने लगी। जब नुकीली जीभ ने मेरी बहन की बूर की फ़ाँक के ऊपर के हिस्से को रगडा तो पहली बार एक सेक्सी कराह उसके मुँह से निकली..."आआह्ह्ह्ह्ह्ह"। बब्लू बोला, "वाह मेरी जान....आज पहली चुदाई वाली कराह सुनी है तेरे मुँह से"। मैंने हँसते हुए कहा, "वह रे दोस्त, तनु को तुम्हारे भैया भी जान बोलते हैं और तुम भी। ऐसे ही मेरी बहन की जान ले लोगे तुमदोनों भाई मिलकर"। अब वो शर्मा गया और फ़िर बोला, "हाँ यार... अब तो उसको भाभी बोलने की आदत डालनी पडेगी।"
सामने दिख रहा था कि अब तनु की बूर को दीपू भैया अपनी ऊँगली से रगड रहे थे और तनु अब पूरी तरह से बेदम हो चुकी थी और बिस्तर पर मचल रही थी। कभी सर इधर घुमाती तो कभी उधर और कराह तो ऐसे रही थी जैसे सैंकड़ों चीटियाँ बदन पर चल रही हों।
दीपू - कैसा लग रहा है जान?
तनु - आह... बहुत अजीब लग रहा है, कभी ऐसा नहीं लगा आजतक। इस्स्स्स्स्स्स्स आह्ह्ह्ह
दीपू - अब समझ में आया कि जवानी क्या होती है?
तनु - हाँ रे....ओ-ओ ओह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह
दीपू - तुम्हारी बूर का स्वाद बहुत ही नशीला है जान, मेरे पर तो दो बोतल शराब का नशा है।
तनु - मैं तो अब खुद ही नशे में हूँ........आह्ह्ह्ह अब नहीं प्लीज.... (अब वो बूर मसलने से रोकने लगी)
दीपू - अब चुदाओगी मुझसे?
तनु - आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..... बहुत दर्द होगा.., प्लीज बाद में कोई दवा लेने के बाद, आज नहीं।
दीपू - फ़िर तो आज रातभर मैं तुम्हारी बूर को ऐसे ही रगडता रहुँगा, तुम तडपती रहो फ़िर। जाना कल घर तो माँ को दिखाना कि
देख लो मम्मी, मैं आ गयी बिना अपना बूर चुदाए। तुम्हारी मम्मी भी अपना सर पिट लेंगी, फ़िर समझ में आएगा।
तनु - मैं मम्मी को समझा लूँगी.... अब प्लीज आप रुक जाइए ना। मम्मी मेरी बात समझ लेंगी, वो मुझसे बहुत प्यार करती है।
दीपू - ठीक है फ़िर, कल तुम्हारे घर जाना ही है, वहीं तुम्हारी मम्मी को बोल दूँगा कि आपकी बेटी तो मुझे चोदने नहीं दी है
अपना बूर, कह रही थी कि मम्मी मेरी बहुत प्यार करती है, तो वो मेरे बदले चुदवा लेगी आपसे...।
तनु - ऐ राम...छीः, कैसी बात कर रहे हैं?
दीपू - क्या कैसी बात.... जब तुम ऐसा मस्त माल हो तो तुमको पैदा करने वाली कुछ कम थोड़े ना होगी। अपना क्या है - बेटी ना सही तो माँ सही, अपने को तो अब किसी की भी बूर चाहिए अपनी गर्मी शान्त करने के लिए। तुम देख लेना मैं साफ़-साफ़ बोल दूँगा सासू जी से।
तनु - नहीं........आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, प्लीज...... आप ऐसा कुछ नहीं कहेंगे मम्मी को.... इस्स्स्स्स अब रुक जाइए न प्लीज, मत रगडिए न ऐसे।
दीपू - फ़िर तो जब चुदाने के लिए तैयार होओगी तभी रूकुँगा अब....
तनु - नहीं प्लीज... अब नहीं सह सकती.... अब बस कीजिए.... आअह पानी पीने दीजिए प्लीज.... मै अब मर जाऊँगी।
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