RE: Antarvasna चुदने को बेताब पड़ोसन
मैं भी शोर कम हो इसलिए उसकी चूत की आराम से रगड़ाई कर रहा था। टाइम ज्यादा लेने के कारण दोनों को ही खूब मजा आ रहा था। कभी मैं उसके ऊपर, तो कभी वो मेरे ऊपर आकर चुद रही थी। अब मैंने उसे अपने बगल में लिटाया और पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत में डाला। मेरे हाथ में उसकी चूचियां थीं मैं उन्हें बेदर्दी से मसलकर तेज-तेज उसकी चूत में धक्के लगाने लगा।
इससे आवाज कम आ रही थी और स्पीड भी बढ़ गई थी। वो भी चुदने ही आई थी इसलिए खुद अपनी चूत का दबाव हर धक्के में मेरे लण्ड पर दे रही थी। जैसे ही मुझे लगा कि वो झड़ने वाली है तो मैंने भी तेजी से लण्ड पेलना शुरू किया। थोड़ी ही देर की तेज रगड़ाई में ही उसके साथ ही मैंने भी अपना सारा माल उसकी चूत में भर दिया।
वो मेरे बगल में ही लेटी रही। फिर वो बोली- राज मेरी एक बच्ची होने पर भी मैंने आज तक इतनी देर तक चुदाई नहीं की। तुमने बहुत मजा दिया। सुबह जब तुमने मेरी चूत सहलाकर मुझे अपना लण्ड दिखाया था। तब से ही मेरी चूत चू रही थी। इस निगोड़ी को तुम्हारी जोरदार चुदाई के बाद अब शांति मिली है। जल्दी से एक बार और चोद दो मुझे। कहीं बच्ची ना जाग जाए।
मैंने एक बार और उसकी चूत मारी और फिर वह अपने कमरे में चली गई। वह जितने दिन भी यहाँ रही... उतने दिन मैंने उसे जमकर चोदा। उसी की मदद से कैसे मैंने उसकी छोटी बहन को माँ बनाया। यह कहानी भी जल्दी ही आपकी नजर करूँगा।
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