RE: Gandi kahani कविता भार्गव की अजीब दास्ताँ
खंडाला पहुँचते ही सारे परिवार गाड़ी में से निकल परे और रिसोर्ट का मोइना करने लग गए l मौसम तो बढ़िया था ही लेकिन आस पास का वातावरण बड़ी ही रूमानी थी l पंछियों के आवाज़ से भरपूर और चारो तरफ मानो प्रकृति का भंडार पेश किया गया हो l
रेणुका तो इर्द गिर्द घूमने लगी और फिर सब रिसेप्शन पहुँच जाते हैं l रिसेप्शनिस्ट एक मस्त दिखनेवाली लड़की थी, शायद रेणुका जितनी उम्र थी, गोल गोल गोल, थोड़ी सुडोल जिस्म और सांवले रंग में भी निखार के आयी थी l
रिसेप्शनिस्ट : नमस्ते, मेरा नाम अवनि हैं, खंडाला के ये रिसोर्ट में आप सब का स्वागत है!
रेखा : अवनि बेटी, रिसोर्ट तो बढ़िया हैं! और तुम भी काफी खूबसूरत हो
अवनि : (शर्माके) ओह! शुक्रिया माँ'ऍम, क्यों शर्मिंदा कर रही है आप मुझे! इस उम्र में आप भी कुछ कम नहीं हैं!
अजय : अवनि मैडम! क्या आप हमारे कमरा भी दिखाएंगी? (हलके से आँख मारके)
अवनि : अरे हाँ! आईये आप लोग मेरे साथ!
सब के सब अवनि के साथ जाने लगे और राहुल अजय को रोक लेते हैं l उसके दोस्त और अवनि के वार्तालाब में राहुल को कुछ शक सा हुआ था l
राहुल : क्यों बे साले! उसे आँख मार रहा था! मैंने देख लिया सब, अबे चक्कर क्या हैं?
अजय राहुल के कंधे को पटकता हुआ हँस देता हैं l राहुल हैरानी से अपने दोस्त को देखने लगा l अजय के चुप रहने से राहुल ग़ुस्सा हो रहा था और तभी लहराती बलखाती हुई आती हैं अवनि l अवनि और अजय गले मिले, कुछ ऐसे के मानो एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह जानते हो l
राहुल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था l
अजय : अबे राहुल! यह मेरी बहुत अच्छी दोस्त हैं! अवनि को मैं कहीं महीनो से जानता हूँ! यह सारा प्लान मेरा ही हैं यहां आने का और रहने का भी! तुझे पता हैं यह रिसोर्ट किस लिए जाना जाता हैं ?
राहुल बस निःशब्द खड़ा रहा और अवनी दांतो तले होंट दबाये कभी अजय को, तो कभी राहुल को देखने लगी l
अजय : अबे 'हनीमून कपल्स' के लिए!
राहुल हक्काबक्का रह गया और दोनों अवनि और अजय एक दूसरे को ताली देते हैं l अजय फिर राहुल को समझने लगता हैं के अपने अपने माओ को पाटने में अवनि उनके मदत करेगी l प्लान का एहसास होते ही दोनों राहुल और अजय के लुंड ट्रॉउज़र में हलचल पैदा करते हैं अवनि दोनों के हालात देखके हास् देती हैं l
वह दूसरे और रेखा, कविता और रेणुका कमरे में से फ्रेश होक रिसोर्ट के कैफेटेरिया में जाके एक एक कप कॉफ़ी पीने लगे l साथ में मनीषा और ज्योति भी आए गयी l कविता सोचने लगी कि आखिर अजय और राहुल कहा रह गया l
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'छोंककक चूक छूककक'आवाज़ें आने लगी रिसेप्शन के रूम के अंदर एक छोटे कॉरिडोर से l उस छोटे से कमरे में तीन लोगों की सिसकियां की आवाज़ हवा में गूँज उठी और यह तीन कोई और नहीं बल्कि राहुल, अजय और अवनि की आवाज़ें थी l दोनों के ट्रॉउज़र घुटनो तक गए हुए थे और बड़ी प्यार से दो दो लुंड की चूसै कर रही थी ज़मीन पर घुटनों के बल बैठी अवनि l
अजय : उफ्फ्फफ्फ्फ़ क्या चुस्ती हैं यह लड़की! है न राहुल ????
राहुल :ओह्ह्ह्हह मेरा निकल जायेगा ओह्ह्ह अबे इसे बोल और जान न ले मेरा!!
छेछक्कक पछाक्क की आवाजें गूंज रही थी, हसीं लबों का दो दो सुपडे पे घिसै हो रही थी l कुछ ही पलों में दोनों झड़ गए और अवनि सारा माल बड़े प्यार से पी ली l दिनों मर्द ख़ुशी से फुले नहीं समां पाये l
उनके माल के जायज़ा करती हुई अवनि : बाप रे! तुम दोनों कब से नहीं झड़े हुए थे! अपने अपने माओ को लेके क्या इतने उत्तेजित हो गए थे???
जवाब में दोनों बस अपने लंड को थोड़ा मसलते हुए आखरी के कुछ कतरे भी उड़ेल देते हैं उसकी लबों पर I अवनि उठी और रुमाल से अपनी मूह को पोछने लगी, तीनो एक एक गिलास बियर पी के अपने अपने रास्ते समेत लेते हैं l राहुल और अजय बाकी के सदस्यों के साथ शामिल हो जाते हैं l
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