non veg kahani एक नया संसार
11-24-2019, 12:24 PM,
#65
RE: non veg kahani एक नया संसार
"ज़्यादा सूरमा बनने की ज़रूरत नहीं है तुम्हें।" नीलम ने कहा__"अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो। और ये तो अच्छी बात है कि इस सबकी जाॅच दीदी कर रही हैं, है न डैड?" अंतिम वाक्य उसने अपने पिता की तरफ देख कर कहा था।

"ह हाॅ बेटी।" अजय सिंह चौंकते हुए बोला था__"यकीनन इस सबका पता चल ही जाएगा।"

"क्या अभी तक कुछ पता नहीं चला भइया?" अभय ने कहा__"मेरा मतलब है कि रितू ने इस बारे में अभी तक क्या कुछ नहीं बताया कि उसकी छानबीन में क्या नतीजा निकला?"

"नतीजा सिर्फ इतना ही निकला है चाचा जी कि हमारी फैक्टरी में आग किसी के द्वारा फैक्टरी के तहखाने में लगाए गए टाइम बम्ब से लगी थी।" अंदर की तरफ से आते हुए रितू ने कहा__"और आपको ये जानकर हैरानी होगी कि फैक्टरी के तहखाने में लगभग दो से तीन टाइम बम्ब लगाए गए थे।"

"क्या??????" लगभग वहाॅ मौजूद हर कोई बुरी तरह चौंका था, फिर अभय ने पूॅछा__"लेकिन फैक्टरी के अंदर तहखाना कहाॅ से आ गया और तो और उस तहखाने के अंदर जाकर किसने टाइम बम्ब लगाया हो सकता है??"

"ये सवाल तो मेरे पास भी है चाचा जी कि फैक्टरी में कोई तहखाना कैसे था?" रितू ने अभय से कहने के बाद अपने पिता की तरफ देखा__"क्या आप बताएॅगे डैड कि फैक्टरी में तहखाने का क्या काम था?"

अजय सिंह बुरी तरह घबरा गया, लेकिन तुरंत ही सहल कर बोला__"फैक्टरी के अंदर अगर कोई तहखाना था तो इसमें कौन सी बड़ी बात है बेटी? मैंने तो बस शौक के लिए बनवाया था। क्या तहखाना बनवाना भी कोई कानूनन जुर्म है?"

"जुर्म तो नहीं है डैड।" रितू ने सपाट लहजे में कहा__"लेकिन तहखाने का निर्माण आम तौर पर लोग अपनी किसी प्राइवेसी के चलते बनवाते हैं। ख़ैर, क्योंकि तहखाने में तीन तीन टाइम बम्ब लगाए गए थे और जब वो फटे तो सब कुछ जल कर खाक़ में मिल गया। हलाॅकि तहखाने में शायद कुछ नहीं था क्योंकि अगर होता तो हमारे हाॅथ कुछ न कुछ ज़रूर लगता। वहाॅ तो बस फैक्टरी के जले हुए कुछ अवशेष ही पड़े थे।"

रितू की ये बात सुन कर कि 'तहखाने में कुछ नहीं था' अजय सिंह बुरी तरह मन ही मन चौंका था। उसके दिमाग़ का फ्यूज उड़ गया। फिर जब दिमाग़ ने काम करना शुरू किया तो सबसे पहले उसके दिमाग़ में यही सवाल उभरा कि ऐसा कैसे हो सकता है? तहखाने में मौजूद उसकी गैरकानूनी चीज़ें कहाॅ गईं? क्या सब कुछ जल गया??? मगर सवाल ये है कि अगर जल गया होता तो रितू को कुछ तो उसके अवशेष सबूत के तौर पर मिलते?

अजय सिंह कुछ समझ नहीं पा रहा था कि ये सब क्या है? कहीं ऐसा तो नहीं कि उसकी बेटी इस बारे में झूॅठ बोल रही हो कि तहखाने में उसे कुछ नहीं मिला है? मगर रितू उससे झूॅठ क्यों बोलेगी? बल्कि होना तो ये चाहिए था कि अगर उसके खिलाफ कोई सबूत उसे मिल जाता तो अब तक रितू को उसे हॅथकड़ी लगा कर गिरफ्तार कर लेना चाहिए था। मगर उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया, क्यों? आख़िर क्या चक्कर है ये? अजय सिंह जितना सोचता उतना ही उलझता जा रहा था। यहाॅ तक कि सोचते सोचते उसका दिमाग़ हैंग सा होने लगा था।

"ये तो बहुत ही गंभीर बात है रितू बेटी।" अभय ने कहा__"फैक्टरी में बम्ब लगाया किसी ने और सब कुछ जला कर खाक़ कर दिया। भला ये सब किसने किया होगा? क्या ये किसी दुश्मन का किया धरा है?"

"ये तो डैड ही बता सकते हैं।" रितू ने कहा__"डैड को ये अच्छी तरह पता होगा कि इस बिजनेस में उनका कौन दुश्मन है? जिसने इतने बड़े काम को अंजाम दिया है।"

"मैं खुद इस बात से हैरान व परेशान हूॅ बेटी।" अजय सिंह बोला__"क्योंकि मेरी समझ में मेरा ऐसा कोई भी शत्रू नहीं है जिसने ये सब किया हो। मेरे सबसे बहुत अच्छे संबंध थे और हैं बेटी। भला मैं बिना वजह और बिना सबूत के किसका नाम लूॅ कि हाॅ इसी ने मेरी फैक्टरी में आग लगाई है?"

"लेकिन बिना वजह के ये भी तो संभव नहीं है भइया कि कोई भी शख्स हमारे साथ इतना बड़ा कारनामा करे?" अभय ने कहा__"मैं समझ सकता हूॅ और जानता हूॅ कि यकीनन आपका कोई दुश्मन नहीं है लेकिन आप खुद सोचिए कि बिना किसी वजह के ये सब कोई क्यों करेगा?"

"मैं नहीं जानता छोटे।" अजय सिंह हताश भाव से बोला__"मैं नहीं जानता कि किसने ये सब करके मुझसे अपनी दुश्मनी निकाली है? अगर जानता तो क्या मैं इस तरह चुप चाप बैठा होता? बल्कि अगर जानता कि ये सब किसने किया है तो अपने हाथों से उसे गोली मार देता। ये भी न पूॅछता गोली मारने से पहले उससे कि ये सब उसने क्यों किया था?"

"आप परेशान मत होइए डैड।" रितू ने कहा__"मैं इस सबका पता लगा कर ही रहूॅगी कि किसने ये सब किया है?"

इसके साथ ही ड्राइंग रूम में सन्नाटा छा गया। कुछ देर बाद सब वहाॅ से चले गए। अजय सिंह अपने कमरे में चला गया, उसका सिर बड़ा ज़ोरों से दर्द कर रहा था। कमरे में आकर वह बेड पर आखें बंद करके लेट गया।

"क्या हुआ अजय?" कमरे के अंदर आते ही प्रतिमा ने कमरे का दरवाज़ा बंद करने के बाद कहा__"तबीयत तो ठीक है न तुम्हारी?"
"सिर में बड़ा दर्द हो रहा है प्रतिमा ज़रा कोई टेबलेट तो दो।" अजय सिंह ने कहा__"ऐसा लगता है जैसे सिर फट जाएगा।"
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