non veg kahani एक नया संसार
11-24-2019, 01:03 PM,
RE: non veg kahani एक नया संसार
"उसका भी इंतजाम कर दिया है मैने।" रितू ने कहा___"आप बस वो करते जाइये जो मैं कहूॅ।"
"ठीक है बेटा।" चौहान ने कहा___"बताओ क्या करना है हमें?"
"आप अपना ज़रूरी सामान लेकर इसी वक्त तैयार हो जाइये।" रितू ने कहा___"थोड़ी ही देर में मेरे पुलिस डिपार्टमेन्ट के आदमी सादे कपड़ों में आपको लेने आएॅगे। आप उनके साथ चले आइयेगा। उसके बाद का काम मेरे पुलिस के वो आदमी और मैं सम्हाल लेंगे।"

"ठीक है बेटा।" उधर से चौहान ने कहा___"जैसा तुम कहो।"
"ओके फिर आप जल्दी से तैयारी कर लीजिए।" रितू ने कहा___"मैं अपने आदमियों को भेजती हूॅ आपके पास।"

इसके साथ ही रितू ने काल कट कर दी। कुछ पल रुकने के बाद उसने फिर से किसी को फोन लगाया और थोड़ी देर तक किसी से कुछ बातें की। उसके बाद काल कट करके बेड पर आराम से लेट गई। अभी वह लेटी ही थी कि उसका फोन बज उठा। उसने मोबाइल फोन उठाकर स्क्रीन पर फ्लैश कर रहे नाम को देखा तो सहसा उसके चेहरे पर सोचो के भाव उभरे।

"कहो प्रकाश क्या ख़बर है?" रितू ने सोचने वाले भाव से काल रिसीव करते ही पूछा।
"...........। उधर से कुछ कहा गया।
"ओह तो ये बात है।" रितू ने कुछ सोचते हुए कहा__"वैसे कितने आदमी होंगे वो लोग?"
"...........।" उधर से प्रकाश नाम के आदमी ने फिर कुछ कहा।

"चलो अच्छी बात है।" रितू ने कहा___"और कुछ?"
"...........। उधर से फिर कुछ कहा गया।
"क्या???" रितू चौंकी___"डाक्टर भला किस लिए आया था वहाॅ?"
"...........।" उधर से पुनः कुछ कहा गया।
"ओह आई सी।" रितू ने कहा___"लेकिन माॅम को चक्कर कैसे आ गया था? क्या तुमने पता नहीं किया?"

"..........।" उधर से प्रकाश ने कुछ बताया।
"ओह तो ये बात है।" रितू चौंकने के साथ मुस्कुराई भी___"चलो ठीक है प्रकाश। बहुत अच्छी ख़बर दी है तुमने। ऐसी ही अंदर की ख़बर देते रहना और हाॅ ज़रा होशियार और सतर्क रहना।"

ये कह कर रितू ने फोन काट दिया। उसके चेहरे पर इस वक्त कई तरह के भावों का आवागमन चालू हो गया था। ख़ैर उसके बाद रितू अपने डिपार्टमेन्ट के पुलिस वालों के फोन काल का इन्तज़ार करने लगी। लगभग बीस मिनट बाद रितू का आईफोन बजा। रितू ने तुरंत काल को रिसीव किया। काल पुलिस के आदमियों का ही था। उन्होंने बताया कि वो लोग मिस्टर एण्ड मिसेस चौहान को लेकर चल दिये हैं और बताई हुई जगह पर आ रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि आस पास ऐसा कोई आदमी नहीं दिखा जिस पर किसी तरह का ज़रा सा भी संदेह किया जा सके।

पुलिस के उस आदमी से बात करने के बाद रितू भी बेड से उठी और जिप्सी की चाभी लेकर कमरे से बाहर की तरफ निकल पड़ी। सीढ़ियों से उतर कर जब वो नीचे आई तो ड्राइंगरूम में रखे सोफों पर नैना और कुरुणा का भाई बैठा दिखा उसे। रितू नीचे आते देख नैना ने उससे कहा___"रितू बेटा, तुम्हारे ये मामा जी कह रहे हैं कि इन्हें अब अपने घर वापस जाना है। कह रहे हैं बहुत काम बाॅकी है घर में।"

"क्यों मामा जी इतना जल्दी?" रितू ने कहा___"अभी तो हमने आपसे ठीक से बातें भी नहीं की है और आप जाने की बात करने लगे।"
"बातें तो हो ही गई हैं रितू बेटा।" हेमराज ने कहा__"अब मुझे जाने दो। बहुत काम है। तुम्हें तो पता है दूसरे की नौकरी में अपनी मनमर्ज़ी तो नहीं चलती न।"

"ठीक है मामा जी।" रितू ने कहा___"जैसा आपको अच्छा लगे। तो कब जा रहे हैं आप?"
"मैं तो तैयार ही बैठा हूॅ बेटा।" हेमराज ने कहा___"बस तुम्हारे आने का ही इन्तज़ार कर रहा था।"
"ओह।" रितू ने कहा___"चलिए फिर। मैं भी उधर ही जा रही हूॅ। सो आपको भी छोंड़ दूॅगी।"

रितू के कहने पर हेमराज सोफे से उठा और बगल से ही रखे एक छोटे से बैग को पीठ पर लाद कर बाहर की तरफ चल दिया। उसके पीछे रितू भी चल दी। थोड़ी ही देर में वो दोनो जिप्सी में सवार सड़क पर चल रहे थे। दोनो के बीच थोड़ी बहुत बात चीत होती रही और फिर वो नहर वाली जगह के पास बने पुल के इसी तरफ रुक गए।

लगभग बीस मिनट बाद सामने से एक टोयटा आती दिखी। रितू को पहचानने में ज़रा भी देरी न हुई कि उस गाड़ी में उसके पुलिस के ही आदमी हैं। कुछ ही देर में वो गाड़ी रितू के पास आकर रुकी। गाड़ी के आगे पीछे के दरवाजे खुले। अगले दरवाजे से पुलिस का एक आदमी उतरा जबकि पीछे के दरवाजे से विधी के माॅ बाप उतरे।

रितू उनके पास जाकर उन्हें नमस्ते किया और उन्हें अपने साथ ला कर अपनी जिप्सी की पिछली शीट पर बैठने का इशारा किया। उन दोनो के बैठने के बाद रितू ने पुलिस वालों से कहा कि वो हेमराज को हरीपुर छोंड़ आएॅ जो यहाॅ से लगभग तीस किलो मीटर की दूरी पर था। रितू के कहने पर वो पुलिस वाले हेमराज की अपनी गाड़ी में बैठा कर वहाॅ से चले गए। उनके जाने के बाद रितू भी अपनी जिप्सी को स्टार्ट कर वापस फार्महाउस की तरफ चल दी।

विधी के माता पिता की सुरक्षित करके रितू अब बेफिक्र हो चुकी थी।

अब वो बेफिक्री से कोई भी काम कर सकती थी। रास्ते में रितू ने विधी के माॅ बाप को विराज के बारे में भी बता दिया कि वो कल दोपहर तक मुम्बई से वापस आ जाएगा। ऐसे ही बातें करते हुए ये लोग कुछ ही समय में फार्महाउस पहुॅच गए। जिप्सी से उतर कर रितू विधी के माता पिता को अंदर ले गई। जहाॅ पर नैना बुआ बैठी थी। रितू ने नैना को विधी के माॅ बाप का परिचय दिया और कहा कि इनके रहने के लिए एक कमरा साफ सुथरा करवा दें। थोड़ी देर ड्राइंग रूम में उन सबसे बातचीत करने के बाद रितू अपने कमरे में चली गई।
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