RE: Maa Bete ki Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल
थोडे टाइम बाद माँ किचन में चलि गयी और यहाँ तब तक यह बात फाइनल हो रही है की रिसोर्ट में जायेंगे दो दिन पहले पर शादी के दिन दोपहर को निकल जाएंगे. इस में नाना नानी दोनों का बात आधा आधा रहा. और नानाजी मेरे तरफ मुड के बोले
" तोह ऐसे ही बुकिंग ले लेते है?"
मैं जैसे ही हाँ बोलने जा रहा था तभी बीप बीप करके एसएमएस आया. मैं "हा" बोलके मोबाइल चेक करने गया और नानीजी नानाजी को पूछि की मुंबई जायेंगे तो एक साथ पर वहां से कौन कहाँ लौटेगा? मैं इन्बॉक्स में देखा माँ का एसएमएस था उन्होंने लिखा था
"मम्मी सही कह रही है. आप को देख के लगता है आप बिमार पड़ गए"
कीचन से बीच बीच में हल्का आवाज़ आरही है पराठा बनाने का. मेरे अंदर का गुस्सा धीरे धीरे पिघलने लगा और मुझे माँ को तंग करने का मन किया. मैंने रिप्लाई किया
" तोह ठीक है. मैं नानी को बता देता हु की क्यों और कैसे यह सब हुआ"
मैने सेंड बटन दबाके सुनने की कोशिश कर रहा था की माँ को एसएमएस रिसीव हुआ की नही. कोई मेसेज टोन सुनाइ नहीं दिया. शायद अभी तक गया नही. पर तुरंत मेरा मोबाइल बीप बीप करने लगा. माँ का एसएमएस उन्होंने लिखा था
" अरे नहीं नही....ऐसा मत कीजिये. आप इतने ग़ुस्से में क्यों हो?"
मैं समझ गया माँ फ़ोन साइलेंट मोड़े पे रखी है. नाना नानी को पता न चाले. मैं भी मेरे मोबाइल को साइलेंट मोड़े पे दाल दिया. मैं नाना नानी का बात सुनने की एक्टिंग करके क्यजुअली जैसे कुछ करते है मोबाइल में, वैसे ही मोबाइल में एसएमएस टाइप करते करते माँ से मेसेज के जरिये बात करने लगा. मैं लिखा
" तुम जो मेरे से इतना दूर भाग रही हो"
उनका रिप्लाई तुरंत आया
" दूर कहाँ !! मैं तो इधर ही हुँ. इतनी पास."
मैं थोड़ा सोच के टाइप किया
" नही.... मेरी बीवी को मेरे और पास चहिये."
कुछ टाइम रिप्लाई नहीं आया. पर मालूम है यह मेसेज उन्होंने पड़ लिया. मेरी उँगलियाँ मोबाइल की प्याड के उप्पर नाच रही है इस टेंशन में की वह क्या रिप्लाई देती है. पर कुछ भी रेस्पोंस नहीं आया. किचन से अभी भी आवाज़ आरहा है. अचानक मोब वाइब्रेट हुआ. देखा की उन्होंने रिप्लाई दिया.
" टाइम आने दीजिये, आप को आप की बीवी जितनी पास चाहिए मिल जाएगी"
मा ने इस तरह बात पहली बार छेड़ी है. आज तक हमेशा इस डोमेन को प्यार से अवाइड करती थी. पर आज उन्होंने उनके दिल का दरवाजा पूरा खोलके कह दिया की वह अब खुद को पूरी तरह से मेरी बीवी मानने लगी है.
येह मेसेज पड़ते ऐसा लगा की मेरे शरीर का पूरा खुन आके मेरे पेनिस में जमा हो रहा है. वह फ़टाक से एक दम खड़ा हो गया. मैं अपना एक पैर दूसरे पैर के ऊपर रखके नाना नानी के सामने मेरा ग्रोइन एरिया को दबा के कण्ट्रोल करने लगा. उनलोगों को देखते देखते बोलने का मन कर रहा था की आज ही शादी का मुहूर्त निकाल लीजिये और आज रात में ही हमारी सुहागरात हो जाए. अचानक मेरी यह भावनाएं टुटी नानाजी के सवाल से. वह मेरी तरफ देख के पुछ रहे है
" तुम क्या बोलते हो बेटा?"
मैं एक दम ब्लेंक जैसा बन गया. समझ नहीं पाया की वह क्या पुछ रहे है. क्यूँ की पिछले कुछ पलों से में उनलोगों की बात चित नहीं सुन रहा था मुझे मालूम नहीं अब किस बारे में बात हो रहा थी जो नानाजी ऐसा सवाल पुछै. मैं फिर भी सिचुएशन सम्भालनेके लिए बोला
" मैं क्या बोलूँ नानाजी. आप लोग जो अच्छा समझेंगे"
नाना को यह पता नहीं चला की में हवा में तीर छोड. वह सीरियसली बोले
" नहीं नही..ऐसी बात नही. अगर तुम को ज़ादा छुट्टी मिले तो तुम दोनों मुंबई से वापस यहाँ आसकते हो. और नहीं तो में और तुम्हारी नानी यहाँ आएंगे और तुम लोग एमपी निकल सकते हो. तुम तो वहां रहने का सब बंदोबस्त कर ही रहे होंगे. और हम भी कुछ दिन बाद एक बार वहां जाके देख के भी आएंगे."
तब में संमझा की शादी के बाद मुंबई रिसोर्ट से कौन कहाँ जायेंगे यह लेके पूछा होंगा उन्होंने. मैं बोला
" हमारे साथ आप लोग भी तो चल सकते है एमपी में?"
तब नानाजी रिप्लाई देणे में थोड़ा हिचकिचा रहे थे तो नानीजी उनसे बात पकड़ के बोली
" क्या है की बेटा.. अब से तुम दोनों को ही ज़िन्दगी में एकसाथ चलना है. सो तुम दोनों जाके अपना नया घर बसाना सुरु करो."
फिर नाना को देखके हस्ते हस्ते मेरे तरफ मूड के बोली
" और हम तो आएंगे ही. हमारे बेटी का जो घर है -- नहीं आयेंगे क्या? तुम्हारे नाना बोल रहे थे की कुछ दिन बाद आराम से टाइम लेके एक बडे घर में शिफ़्ट होजाओ. बीच बीच में हम भी जाके कुछ दिन रहके आएंगे उधर"
इस बात पे मेरे अंदर एक हल्का सा कम्पन अनुभव किया. मैं अब समझ गया की यह लोग मुझे और माँ को एमपी भेज के क्यों खुद अहमदाबाद वापस आना चाहते है. शादी के बाद मुझे और माँ को एकांत में छोडना चाहते है. नए मैरिड कपल के बीच कबाब में हड्डी नहीं बनने चाहते है. माँ के साथ मेरी शादीशुदा लाइफ सही तरह से बन जाए, इस लिए हमे अकेले छोड़ रहे है. उनको मालूम है अब उस घर पे बेड रूम एक है. अगर वह लोग वहां जायेंगे तो रात को सोने में भी प्रॉब्लम होगा. और यह भी जानते है की में एक जवान लड़का और माँ भी १८ साल से पति के प्यार के बिना गुजारे. शादी के बाद हम दोनों का एक दूसरे के लिए चाहत तो ज़ादा रेहगा ही. यह सब कारन के लिए वह लोग और कुछ बहाना बनाके हम दोनों को अकेले छोडना चाहते है. मुझे अंदर ही अंदर उनलोगों के सामने थोडी शर्म आरही थी इस मामले में और ज़ादा कुछ चर्चा नहीं हुआ. तय हुआ की शादी के दिन दोपहर को नाना नानी अहमदाबाद आजायेंगे और माँ मेरे साथ एमपी चलेंगे. और में फ्रेश होने के लिए अपने रूम में चला गया. पर मेरा मन अब एकदम रुकना नहीं चाहता है. मैं न जाने क्यों आज माँ को अपनी बाँहों में पाने के लिए बहुत उतावला हो रहा हुँ. मैं अपने रूम में जाते जाते सोचने लगा अब कैसे मेरे पास, एकदम पास, मेरे छाती के साथ एकदम मिलाके मेरी बीवी को पाके , मेरे मन को शांत करु.
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