RE: Maa Bete ki Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल
अपडेट 39
हम सुबह ५.३० बजे बांद्रा टर्मिनस पे उतर गये. गर्मी का मौसम था सुबह की नरम शीतल हवा से बहुत अच्चा लग रहा है. नाना नानी मुंबई आकर थोडे उदासीन भी हो गये. नाना की शादी के बाद वह लोग कुछ दिन मुंबई में थे. यहाँ नानाजी बिज़नेस सुरु किया था बाद में शिफ़्ट होकर अहमदाबाद चले गये. वहाँ माँ का जनम हुआ. और आज तक वह लोग वहि अपना घर बना लिया . आज यहाँ फिर पूरा फॅमिली के साथ आकर वह लोग थोडे भावूक बन गये. नाना उनके जवानी की बहुत सारी पुराणी बाते बताने लगे. हम स्टेशन से टैक्सी लेकर उसमे सारे लगेज लोड करके रिसोर्ट के लिए चल पडे क़रीब देड घंटे का रास्ता है. माँ सुबह से चुप चाप है. केवल नानी के साथ कुछ बात चित कर रही है. मैं नज़र चुराके दो चार बार उनको देख लिया. मेरा मन अब ख़ुशी से हस रहा है. माँ के अंदर भी एक खुशी की उत्तेजना फैली हुई है, और वह उनका चेहरा देखके, आँखों की हलचल देख के और शारीरिक हलचल देख के पता चलता है. वह नानी के ही आस पास घूम रही है. नानी के साथ ही चल रही है. वह मेरे तरफ देख ही नहीं रही है. मैं सोचता हु की माँ के मन में क्या मेरे लिए , मेरे प्यार के लिए कोई तूफ़ान हो नहीं रहा है!! केवल मेरे अंदर ही है !!! आज बहुत दिन बाद हम पूरी फॅमिली घर से एकसाथ बाहर आकर सब को अच्चा लग रहा है. मैं भी माँ के साथ बहुत दिन ऐसा दुर कहीं आया नहीं था इस लिए आज इस मुंबई शहर में हम एकसाथ आकर हमारे बीच का बॉन्डिंग सब को मेहसुस होने लगा. हम एक फॅमिली है. सब एक दूसरे के लिए ही है. और अब तो और भी नज़्दीक रिलेशन पे जुड़ने जा रहे है. कोई अन्जान लड़की नहि, इस घर की बेटी ही इस घर की बहु बन के आरही है. इसी घर का बेटा इसी घर का दामाद बन के ज़िन्दगी भर एक दूसारे से जुड़े रहने का संपर्क बांध ने जा रहै है. टैक्सी में में ड्राइवर के पास बैठा हु. पीछे नाना, नानी और नानी के पास माँ बैठि हुई है. नानी बीच बीच में माँ को पकड़के रख रही है. माँ के पीछे से हाथ घुमाके उनके दूसरे बाजु पकड़ के अपने पास, अपने दिल के और पास संभाल के रख रही है. एक लौती बेटी. सारा सुख-दुःख उनको घिरके ही है. और आज ऐसा लग रहा है की जैसे उनकी बेटी शादी करके दुर चले जायेगी उनका घर खाली करके, और इस लिए जितना टाइम मिले माँ बेटी एक साथ रहके अपना मन का प्यास मिटा पाई. नानाजी जाते जाते एक एक जगह दिखा रहे है और वह यहाँ क्या क्या किया है वह सब बता रहे है. नानी जी भी बीच बीच में उनका साथ देकर बातों का लिंक जोड़नेलगी. मैं आगे बैठके पीछे नाना का बात सुनने के लिए बीच बीच में पीछे मुड़के देख रहा हु. और तभी एक झलक माँ को देख ले रहा हु. माँ बस बाहर की तरफ नज़र टीका के रखी है . पर मालूम पड़ रही है की उनका मन हमारे बीच में ही है. वह हम सब के बीच होकर भी अकेली हो रही है. उनके होंठो पे हलकी सी स्माइल और आँखों के लाज और शरम की जो छांया दिख रही है, उसमे पता चलता है की वह मन में एक ख़ुशी की अनुभुति मेहसुस कर रही है. पर एक बार भी मुझसे नज़र नहीं मिला रही है. बाहर से हवा आकर माँ के माथे के ऊपर का कुछ बाल उडाके उनके चेहरे पे फेंक रही है. माँ बार बार हाथ से उन बालो को हटाके अपने कान के पीछे ले जाके समेट नेकी कोशिश कर रही है. उनके इस तरह हलकी हलकी मुस्कुराती हुई चेहरे से बाल हटाने का स्टाइल देख के मेरे मन में उनके लिए प्यार और सेक्स दोनों ही जग रही है. एक ओर्गिनेस्स मुझे घिरके रखा है. और उसका पता चलता है मेरे जीन्स के अंदर मेरे लिंग का छटफटानेसे . मैं लिंग को दबाके पैर के उपर दूसरे पैर चढाके , पीछे घुमने के लिए राईट हैंड को हेड रेस्ट के ऊपर रखके तेढा बैठा हुआ हु. नानाजी की बात सुनने से ज़ादा मुझे माँ को चुरा के देखने का ज़ादा ईरादा है. पर में इस तरह पीछे मुड़के बैठा हु, और वह माँ का विज़न एरिया में उनको पता चल रहा है. मेरे तरफ ना देख के भी, वह उनके आय साइड के अंदर हल्का हल्का मेहसुस कर रही है की में उनको भी देख रहा हु बीच बीच मे. और इसलिये वह और भी नज़र बाहर से अंदर के तरफ नहीं कर रही है. लास्ट वीकेंड में घर आकर उनको छु के मेहसुस करने का एक मौका मिला था पर इस बार तो वह मेरे नज़्दीक ही नहीं आई है. मुझे एकबार उनको मेरे बाँहों में भरके मेरे छाति के ऊपर मेहसुस करने का मन कर रही है. और उनके वह उड़ने वाले बालो के अंदर मेरी नाक डूबो के उनके बालो की खुशबू लेने का मन कर रहा है. पर शायद वह हमारे शादी से पहले मुझे मेरी खवाइश पूरी नहीं होगी. और फिर सुहागरात में उनको प्यार और सिर्फ प्यार से उनका पूरा तन मन भर देना चाहता हु. हम सुबह का खाली रोड पकड़ के जल्दी जल्दी रिसोर्ट पहुच गये.
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