RE: Maa Bete ki Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल
[अपडेट 68
और तभी वह मिरर के थ्रू उनके कंधो के पीछे से मुझे उनकी तरफ आते हुए देखि.
वह मुझे मिरर में देखते हुए एक प्यारी स्माइल के साथ मांग में मेरा नाम का सिन्दूर लगायी.
सिन्दूर लगाते हुए उनके आँखों में एक अद्भुत प्यार और इमोशन नज़र आया.
वह उसमे मेरी मंगल कामनायें और हमारे मैरिड लाइफ की परिपूर्णता के लिए एक निःशब्द वार्ता जैसे की भगवन को बता दी.
मेरा मन इस में एकदम उनके लिए, उनके सारी ख़ुशी के लिए एक निःशब्द प्रतिज्ञा से भर गया.
मैं धीरे से उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया.
माँ मिरर के थ्रू मुझे देख रही है और थोड़ा थोड़ा ब्लश कर रही है.
मैं भी प्यार से हासके उनको देख रहा था. हम एक्चुअली बहुत कम बातें कर रहे थे.
एक दूसरे को हम जानते है.
एक दूसरे को बचपन से देखते आरहे है.
सो हमारे बीच कोई नयी चीज़ नहीं है.
इस लिए शायद बात चित कम कर रहे है,
केवल हम हमारे इस नयी रिश्ते को मेहसुस कर रहे है,
इसको ठीक तरीके से पालन करने की तैयारी कर रहे है,
और हमारे बीच छुपे हुये एक दूसरे के लिए एक अद्भुत प्यार को डिस्कवर कर रहे है.
और उसकी ख़ुशी से बंद होकर हम एक दूसरे के नज़्दीक आरहे है.
मैं माँ को देखते देखते पीछे से हाथ निकल के वह केस को आगे ले गया और उनके सामने पकड़के रखा.
माँ मेरे हाथ की तरफ देखि और हाथ में एक केस देख के थोड़ा सरप्रीईसड हो गयी और आँखों में एक सवाल लेकर नज़र उठाकर मिरर के थ्रू मेरी तरफ देखि.
मैं उनके जवाब में बस केवल हास्के धीरे से बोला
"तुम्हारे लिये"
मा समझ गयी की कोई ज्वेलरी होगा.
तो उन्होंने मिठी सी एक स्माइल देकर हाथ बढाकर मेरे हाथ में पकड़ा हुआ वह बॉक्स खोलने गयी.
फिर माँने नज़र उठाकर एकबार प्यार से मेरी तरफ देख के एक हाथ से वह बॉक्स ओपन किया.
उनके अंदर एक डायमंड नेकलेस था.
बहुत भारी और चौड़ी टाइप नहि.
स्लिम पर स्टाईलिस्ट. गोल गोल बॉल जैसे डायमंड स्टूडेड बिड्स का हार टाइप का है उनके नीचे एक लव साइन पेंडंट है जो बहुत सारे डायमंड और अलग अलग जेम्स स्टूडेड था. और जैसे ही माँ उस बॉक्स को ओपन किया वह एकदम सा सरप्रीईसड हो गयी और उनके मुह उस एक्सप्रेशन को प्रकट करते हुए थोड़ा खुल गया.
मैं उनके सामने वह बॉक्स पकड़के उनके पीछे खड़ा हु.
मेरी सांस उनके गर्दन को छु के जा रहा है.
माँ अपने राईट हैंड को लूस मुठ्ठी करके अपने खुली हुई होठो के पास लेकर थंब नेल को होठ को स्पर्श करवाके और मुठ्ठी से चिन को बीच बीच में टच करवाके कुछ पल उस नेकलेस को देखते रहि.
उनके मन में बहुत कुछ चीज़ों का तूफ़ान चल रहा होगा जरुर.
मैं केवल उनको ही देखे जा रहा हु.
कुछ पल बाद माँ आँख उठाके मेरी तरफ एक अस्चर्य और अद्भुत प्यारी नज़र से देखते रहि.
मैं उस आँखों में उनके मन की सारी बात पड़ ली.
फिर भी मुझे ऐसे देख रही थी इस लिए हास्के पुछा
"क्या"
माँ कुछ न बोलकर केवल सर हिलाकर और आँखों में एक बार धीरे से पलक झपक के बोली की कुछ नहि.
लेकिन में जनता हु वह बहुत कुछा बताके गयी उन नज़रों से. मैं फिर बोला
"पसंद नहीं आया"
माँ मुझे देखते रहि. जैसे की वह बोल रहे है "पागल..मुझे केवल पसंद नहि, बहुत पसंद है",
लेकिन वह मुह से बोली की
"बाहुत"
मै हसकर धीरे से बोल
"पहनोना"
वह बस मुस्कुरा उठि और मेरे आँखों में एकबार देख के फिर नज़र झुका के फुसफुसाकर बोली
"आप पहना डिजिये"
मै मुह पे एक चौड़ी स्माइल लेकर वह बॉक्स से नेकलेस को निकल के माँ के गले में पीछे खड़े होकर पहना दिया.
माँ नज़र उठाकर मिरर में देखि पहले मेरे से नज़र मिला फिर नेकलेस को देखते देखते ब्लश कीया.
और अपने हाथ उठाके पेंडंट को सीधा करके उनकी गोरी और मुलायम छाती के ऊपर , क्लीवेज के लाइन पे प्यार से रखि.
मैं उनको देखते हुए उनके शोल्डर पे मेरा चिन टच करवाके धीरे से बोला
"बहुत सुन्दर दिख रही हो...और..."
बोलके में चुप हो गया. माँ मेरी तरफ देखते हुए हस पड़ी और आँखों में बहुत सारा प्यार लेकर धीरे से बोली
"और क्या”?
मै उनको देखते हुए कांन के पास फुसफुसाकर बोला
"और बहुत सेक्सी"
मा ब्लश कर के नज़र झुका ली और एक प्यारी अदा से बोली
" धत"
मै हॅसने लगा और मेरी गर्दन उनके कन्धा के ऊपर से थोड़ा आगे बढाके मेरा चेहरा उनके चेहरे के पास ले जाकर उनको किस करने गया तो माँ अचानक एक प्यार भरी अदाओ और मिठी सी आवाज़ से बॉली
"उऊंम्मम्.....पसीना है, जाइये जाकर नहाइये पहले"
मै माँ की यह बात सुनकर मन ही मन उछल पडा.
हाँ ..मेरा बदन पसीने से भरा हुआ है.
एक तो नहाया नहीं अभी तक.
फिर इस गर्मी में मार्किट जाकर आया.
उस के लिए पसिना तोह है, लेकिन माँ ने जिस तरह कहा इसमें में और खुश होगया.
मुझे उनके पास आने देणे में कोई हिचकिचाहट नहीं है.
इस लिए
'पेहले नहा लीजिये'
बोलके इशारा कर दिया की आजआज वह खुद को मेरे पास समर्पण करने के लिए एकदम तैयार है.
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