Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
12-09-2019, 01:08 PM,
#37
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
कुछ ही देर में दोनो अपनी उखड़ती हुई साँसों पे काबू पाते हुए जैसे हाँफ रहे थे....उन दोनो का चेहरा एकदम गुलाबी हो चुका था....आदम के बगल में एकदम नंगी चंपा लेटी हुई उसके पसीने भरी छाती और पेट को सहला रही थी....दोनो पसीने पसीने हो रहे थे बीच बीच में चंपा आदम के पसीने से भरी बगलो में अपनी नाक रगड़ते हुए उसे गुदगुदी कर रही थी..आदम ने उसके पसीने भरे चेहरे पे आती ज़ुल्फो को समेटा और उसके होंठ का एक चुंबन लिया

सामने टीवी पे अब भी बीएफ चल रही थी....जिसमें माँ को कुतिया बनाए उसकी गान्ड में लंड अंदर बाहर करता हुआ उसका बेटा आहें भर रहा था....आदम और चंपा दोनो ही मज़े लेके देख रहे थे...चंपा ने मुट्ठी में आदम के गीले लिंग को लिया और उसे भीच भीच के दबाने लगी...सुपाडे के छेद से अब भी वीर्य की बूँदें निकल रही थी..जिसे निचोड़के चंपा ने अपने हाथो में मसल लिया

चंपा : वाहह अब तक की भीषण चुदाई के बाद भी ये कैसे फौलाद की तरह खड़ा है मानना पड़ेगा वियाग्रा ख़ाके माहौल गरम करते हो आजकल?

आदम : अर्रे नही चंपा ये तो कुदरती है

चंपा : अच्छा जी इतने दिनों से तुम्हारा लंड अपने तीनो छेदों में ले रही हूँ (चंपा ने अपने मुँह और गीली चूत उसके निचले हिस्से पे उंगली का इशारा करते हुए कहा) मुझसे झूठ ना कहना बोलो क्या लेने लगे हो आजकल और उपर से ये इतना मोटा और लंबा कैसे हो गया?

आदम : ह्म तुझसे क्या छुपाना तो सुन? आज मैने करीब 3 बार चुदाई की है

चंपा : हाँ तुम्हारी ये चादर पे लगा वीर्य का दाग मैने पहले ही बैठते वक़्त देख लिया था वाहह रक्षा बंधन के दिन ही अपनी बहन पे चढ़ गये तुम

आदम : ह्म चोदा हूँ उसको पर उसकी मदद के लिए असल में (आदम ने अपनी और तबस्सुम की सारी स्टोरी बता दी)

चंपा : ह्म वाक़ई लेकिन साली मान कैसे गयी तुम्हारे साथ करने को? अच्छा छोड़ो ये सब मुझे क्या? तुम आजकल छुपे रुस्तम हो गये और कहते हो दोस्त हो? मुझसे पहले क्या किया है तुमने? जो लड़का 1 घंटे तक टिक नही पाता था वो आज 3 बार चुदाई करने के बावजूद मेरे उपर चढ़ने से कतराया नही

आदम : ह्म ठीक है लेकिन वादा कर कि ये राज़ तू अपने अंदर तक रखेगी

चंपा : तुम्हारा बदलाव जानने के लिए मैं उत्सुक हूँ सरकार

आदम : तो सुन (फिर आदम उसे बताता चला गया शुरू से लेके अपनी कहानी कैसे चंपा के बाद वो ताहिरा मौसी को पटाने लगा और ठीक उस वक़्त उसकी सुधिया काकी से मुलाक़ात हुई उसके बाद वेद्य जी का नुस्ख़ा और फिर उनकी दी दवाई...उसके बाद चुदाई का सिलसिला ताहिरा मौसी,सुधिया काकी,रूपाली भाभी और अब तबस्सुम के साथ)

चंपा : बाप रे तुम तो बहुत बड़े वाले चोदु निकले अपने अपनो को ही नही छोड़ा वाक़ई तुम्हारी खानदान की औरतें बेशरम है कभी ददिहाल में ट्राइ मारा वो लोग भी चुदवा ले हाहहाहा तभी सोचु चंपा की याद इस जनाब को अब क्यूँ नही आती?

आदम : चल साली ये सब कुछ तो मेरी ठरक ने मुझसे करवाया और अब मुझे कोई मन नही किसी और से संबंध बनाने का और रही बात अगर तेरी याद ना आती तो तू मेरे बिस्तर पे इस वक़्त क्या कर रही होती? एनीवे मैं किसी और सोच में हूँ चंपा माँ को लेके सोच रहा हूँ दिल्ली हो आऊ पर साला प्राब्लम आ गया है

चंपा : क्या मुसीबत? (चंपा हाथ पे सर रखके आदम के एकदम नज़दीक लेट गयी और उसके लिंग को हिलाना छोड़ा नही वो शायद उसे दूसरी चुदाई करने के लिए तय्यार कर रही थी अब तक आदम का लिंग छोटा हो गया था और चंपा के हाथो में क़ैद था)

आदम : क्या है ना? साला मादरचोद बॉस नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दे रहा है बोल रहा है कि अभी अगर कही के लिए भी सोचा है तो छोड़ दो वरना तुम्हारे जैसे बहुत है यहाँ पे...मादरचोद बस खडूस है अगर मेरे बस में होता ना तो साले की नौकरी उसके मुँह पे मारके निकल जाता पर क्या करू? ये डिसट्रिब्युटर की नौकरी भी बड़ी मुस्किल से मिली है

चंपा : ह्म एक वक़्त था कि तुम दिल्ली जाना नही चाह रहे थे और आज एक वक़्त है कि माँ से मिलने के लिए कितना छटपटा रहे हो? सबकुछ दाँव पे लगाने को तय्यार हो यहाँ बसा बसाया घर नौकरी अयाशी सबकुछ

आदम : ऐसा ही होता है चंपा पता नही जबसे मोम सन की फिल्म्स और तुम्हारी बातों पे गौर किया है तबसे माँ को मैं एक अलग नज़र से देख रहा हूँ यू नो चंपा जब मैं किसी भी औरत को जो मुझसे दुगने उमर की होती है चोदता हूँ तो उसमें मुझे अपनी माँ दिखती है हालाँकि ये सब ग़लत है गुनाह है पर क्या करू यार? (चंपा आदम की बात सुनके मुस्कुरा रही थी)

चंपा : तो फिर तुम अब माँ को माँ की नज़र से नही उन्ही हवस भरी निगाहो से देखते हो वरना उस रात तो गला पकड़ा था आज तो तुम्हारी माँ के बारे में इतना कुछ कहने के बावजूद तुम्हारा हाथ नही उठा

आदम कुछ नही बोला जैसे वो चंपा की बातों से सहमत था...."हर मर्द को देखते आई हूँ आदम और तुम्हारे अंदर ज़रा सी भी झिझक नही है वरना अब तक तुम अपनी मौसी जिसने तुम्हें दूध पिलाया उसके साथ भी संबंध ना बना पाते....क्यूंकी तुम्हारा जो ये लंड है तुम्हारी अपनी औरतों को देखके खड़ा होता है कहो झूठ है ? तुम्हारे दिल में माँ की अलग जगह बन रही है और ये तो कलयुग है यहाँ रिश्तो का कोई मोल नही रहा"........चंपा ने आदम के चेहरे के पास खुद का चेहरा सटाते हुए उसके लिंग को कस्स कस के मसलना शुरू कर दिया अपने हाथो से

आदम बेसूध हो गया....."तुम माँ के पास नही अपनी औरत के पास जा रहे हो ये हसरत तुम्हारे दिल में पनप चुकी है....बस उनकी रज़ामंदी और माँ बिना बेटे के नही रह सकती जितना तुम उनसे प्यार करते हो उतना वो भी तुमसे....और ये प्यार का अनमोल रिश्ता तुम और भी हद तक कायम कर सकते हो सोचो पहली बार तुमने अपनी माँ को नंगा कब देखा था सोचो कभी भीतो"............आदम सोचने लगा उसकी आवाज़ में लरखड़ाहट थी...वो काँप सा गया और सोचने लगा

उसे याद आया कि करीब 10 साल पहले जब वो लोग दिल्ली के पिछले घर में रहा करते थे तो माँ गर्मी से रात को भी नहाया करती थी....उस रात आदम की नींद जल्दी टूट गयी थी तो वो उठके बातरूम के पास आया करीब 1 बाज रहा था...बाप उसका काम से आउट ऑफ सिटी गया हुआ था...और तभी उसने बातरूम के अधखुले दरवाजे से अंदर देखा तो एक पल के लिए उसे अज़ीब लगा पर वोई अज़ीब किस्सा आज उसके दिल को अजीब सा सुख दे रहा था...

जब अंजुम के बदन को उसके बेटे ने देखा...बिना जिम गये वो एकदम स्लिम थी...उसकी कलाइयाँ पतली थी...किंतु छातिया सख़्त थी 35 के आस पास थी जिनके लटकते हल्के गुलाबी निपल्स पे वो पानी डाल रही थी....उसकी टाँगों के बीच अनगिनत झान्ट उगी हुई थी इसलिए उसकी चूत बेटे की आँखो में ना आ सकी....जब अंजुम ने बगल उठाई तो कांख के बाल दिख गये...

आदम : उफ़फ्फ़ सस्स (आदम सिसक उठा और उसका लिंग एकदम हरकत में आ गया वो मुट्ठी में उपर नीचे मसलती चंपा के हाथो में बड़े आकार का हो गया चंपा भूकि निगाहो से लिंग को घूर्र रही थी)

चंपा : इसका मतलब तुमने उन्हें नंगा देखा था फिर कभी कोई सीन याद करो

आदम : उसके बाद एक बार उन्हें फिरसे नहाते हुए देखा था पर उन्होने मुझे देख लिया वो घुटनो के बल बैठी हुई थी और उनकी छातिया जांघों से दबी हुई थी...शायद वो उसी मुद्रा में अपने पूरे बदन पे साबुन मल रही थी....उन्होने मुझे देख लिया और ज़ोर से डाँट दिया मैं डर के बाहर आ गया

चंपा : उफफफ्फ़ सोचो अब 10 साल बाद वो कितनी गदराई हो गयी होंगी

आदम : सस्स्शह आहह नही अब उनके पेट पे स्ट्रेच मार्क्स अब भी मौजूद है जो मेरी पैदाइश के बाद हो गये थे पेट थोड़ा बाहर आ गया है उनका पर छातियो का साइज़ वही है 35 की
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