Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
12-09-2019, 01:09 PM,
#44
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
आदम आज इतने दिनो बाद ताहिरा मौसी के घर पहुचा...शूकर है कि उसे खबर मालूम चली कि उसके मौसा जी आउट ऑफ टाउन गये हुए है...इस वक़्त उसका भाई यानी रूपाली का हज़्बेंड बाहर ही होगा वो घर के भीतर आया...तो पाया ताहिरा मौसी अपनी मैली सी नाइटी को गुसलखाने के लोहे के दरवाजे पे लटकाए अंदर घुस चुकी थी...घर पे कोई था नही मौजूद इसका फ़ायदा उठाते हुए आदम ने बिना सोचे अपने पाजामे से एक काला मास्क जो कि एक दर्ज़ी से अटखेली में उसने बनवा लिया था उसे पहना वो किसी स्की मास्क जैसा था....

जैसे ही ताहिरा मौसी कुण्डी लगा रही थी दरवाजे की...झट से आदम ने उनके चेहरे पे मज़बूती से अपने हाथ की पकड़ की...."म्म्म्मम"....आवाज़ घूँट गयी और ताहिरा मौसी लगभग ज़ोर से चीख उठी उसकी आँखे बाहर आ गयी...पर गौर से देखने पे उसे मास्क के पीछे का चेहरा उसकी आँखो और होंठो की वजह से सॉफ समझ आ गया...आदम ने पाया ताहिरा मौसी पूरी उसके सामने मादरजात नंगी खड़ी थी..उसके टाँगों के बीच झान्टे सॉफ हो चुकी थी उसकी बैगनी चूत आदम की नज़रों से टकराई

आदम ने फट से गुसलखाने का दरवाजे की कुण्डी लगाई और अपने कपड़े भी नाइटी के नीचे दबाए लोहे के दरवाजे के उपर लटका दिए

"म्म्म्मम एम्म"......मैने कस कर ताहिरा मौसी के मुँह को अपने हाथो से बंद कर रखा था....वो मेरी कलाई को कस कर पकड़के छुड़ाने लगी...मेरे हाथ हटते ही वो एकदम बौखला उठी और मुझपे बरस भी पड़ी

"अर्रे पागॉल मार देता क्या? ऐसे कोई आता है उफ्फ और यह क्या हरकत है ये क्या पहन रखा है हां अपनी मौसी के अकेलेपन का इस तरह फ़ायदा उठाता है तू? अगर मेरी जान निकल जाती तो उफ्फ कैसा लग रहा है उतार इसे".......मौसी ने आगे बढ़के मेरे काले नक़ाब को चेहरे से लगभग अलग करते हुए कहा

आदम : अर्रे मेरी गदराई मौसी यह इसलिए पहनके अंदर घुसा कि कोई मुझे बाहर से नोटीस ना कर ले आज मुझे कुछ नया सूझ रहा था

ताहिरा : अच्छा छोड़ अपनी मौसी के घर इस हालत में घुस रहा था अगर पीछे से कोई तुझे पकड़के चिल्लाके आदमी इकहट्टा करवा देता तो और वैसे भी तू पूरा बॅंक लूटेरा लग रहा है इस कपड़े के बने मास्क को पहनके

आदम : हाहाहा हम तो तेरी रसभरी चूत के लूटेरे है साली

ताहिरा ने अपने मुँह पे हाथ रख लिया और हल्का सा लजा गई...

"मौसी दरअसल माफी चाहता हूँ मैं आपसे मिलने ही आ रहा था लेकिन फिलहाल अभी कोई नही है घर पे तो इतने दिनो की प्यास मुझे भुजा लेने दो और अपनी तपती चूत की आग भी ठंडी कर लो"............ताहिरा ने हल्की सी प्यारी सी चपत मेरे चेहरे पे उतारी

ताहिरा : कमीने अपनी मौसी को कोई ऐसे कहता है उफ्फ और ये जिसे इतना घी खिलाया ये तो मोष्टंडा हो गया तुझसे ज़्यादा (मौसी ने मेरे झूलते मेरे लिंग को मुट्ठी में ले लिया)

आदम : ह्म मर्द तो आप ही ने मुझे बनाया है मौसी लेकिन सच में 30 के बाद औरत के बदन पे क्या निखार आता है? आपकी इस फूली फूली चिकनी चूत को चूम लेने का दिल कर रहा है

ताहिरा : अर्रे कमीना तो खड़ा क्यूँ है? मैं ही बस पकडू और हिलाऊ तेरा भी तो फ़र्ज़ बनता है कुछ वैसे भी पहला मर्द ज़िंदगी का तू ही है जिसने मेरी चूत पे अपना ज़ुबान रखी है पहली बार वरना आजतक तो सबको घिन ही आई है और मुझे भी इतना अनुभव नही था

आदम ने फ़ौरन ताहिरा मौसी को दीवार से लगा दिया और वापिस मास्क पहनते हुए...अपने होंठो को चूत के सिरे पे रखके उसकी दोनो होंठो को चूसने लगा....ताहिरा सिहर उठी...बीच बीच में आदम उसकी चूत पे भी ज़ुबान रखके उसे कुत्ते की तरह चाट रहा था....ताहिरा आदम के सर पे हाथ फैरने लगी...

ताहिरा की आहें बढ़ने लगी और वो आदम का लगभग मुँह अपनी टाँगों के बीच दबाने लगी

ताहिरा : हान्ं ऐसी ही आहह हाहह

आदम : वाहह स्लूर्रप्प वाहह मौसिी तुमने लगता है कल परसो शेव की है उफ्फ कितनी भीनी खुश्बू आ रही है भीतर से उफ्फ आप पानी छोड़ो मौसी मैं पूरा खा जाउन्गा चखने को बेसबरा हो रहा हूँ

ताहिरा : अर्रे कमीने अपनी माँ की चूत में मुँह देना मुझसे भी ज़्यादा टेस्टी होगी उसकी साली की तो गुलाबी चूत है

आदम : क्या मौसी तुमने माँ की चूत देखी है?

ताहिरा : तेरे वहाँ निकलने से पहले से दरअसल हम बहनें साथ में नहाया करती थी तू तो जानता है ना तेरे नाना जी ने जो घर लिया था उसमें पानी एक टाइम आता था तो हम एक ही बाल्टी से नहाया करती थी...

आदम : उफ़फ्फ़ मौसी बोलो ना कैसी लगती थी चूत? (आदम जो हैरानी भाव से ताहिरा के मुँह से अपनी माँ की गुलाबी चूत के बारे में सुन रहा था उसने ताहिरा मौसी की चूत में ज़ोर ज़ोर से मुँह डालके उसे चाटना शुरू कर दिया)

ताहिरा : आहह उफ़फ्फ़ मत पूछ बहुत गुलाबी है उसकी तेरे मौसा जी मुझसे पहले तेरी माँ को देखके पागला गये थे...और उससे निक़ाह तक करना चाह रहे थे....पर तेरी माँ तेरे मौसा को भाव नही देती थी जुआरी और गुंडे थे ना और अच्छा ही हुआ मेरी तो किस्मत फूटी आहह

आदम : अर्रे मौसी तो गुलाबी चूत से कभी उनके रस निकलता था ससस्स एम्म्म (इस बार आदम ने ज़ुबान अंदर तक डालते हुए अपना अंगूठा अंदर सरका दिया चूत में ताहिरा बिन पानी मछली की तरह तड़प उठी)

ताहिरा : नही रे साले उसने कभी मेरे सामने मूठ थोड़ी ना मारी है लेकिन तू इतना गंदा कब्से हो गया अर्रे अपनी माँ को तो बख्स दे ऐसी अश्लील बातों में तुझे ज़रा भी शरम ना आई जिस चूत से तू निकला उसके बारे में ही तू चर्चा कर रहा है भूल मत तेरी सग़ी माँ है वो

"बहेन की लॉडी तुझसे ज़्यादा मस्त है बेहेन्चोद अगर वो चुदवाति अपने बेटे से तो तेरे सामने कसम से उसे चोदता रंडी तू भी क्या जल जाती?".....आदम ने मन ही मन बुद्बुदाया फिर लव्ज़ बदले और बस ऐसे ही मज़े की लज़्जत में उसने ऐसा कह दिया कह कर ताहिरा मौसी की चूत को तेज़ी से उंगली करने लगा....ताहिरा कुछ ही देर में पानी छोड़ते हुए झरने लगी उसके दोनो टांगे काँप गयी उसे दीवार के सहारे टेक लिए खड़े रहना पड़ा

लेकिन दोनो भांजा-मौसी ये भूल गये कि रूपाली अंदर के कमरे में सो रही थी...वो असल में आज इन्स्टिट्यूट गयी नही थी..अचानक रूपाली की नींद टूटी और उसे कस कर पेशाब लग गया वो जैसे बाहर आई तो गुसलखाना बंद देख उसकी गान्ड टाइट हो गयी..वो झल्लाई "बेहेन्चोद पूरे दिन रंडी लगता है गुसलखाने में ही पड़ी रहती है साली एक तो बेटे ने कल रात से पलंग से उठने तक नही दिया और जब अब जाके नींद टूटी तो बेहेन्चोद ये घुसी पड़ी है? अर्रे ओ काकी".......रूपाली ने थोड़ा ज़ोर से कहा

पर अंदर फुल नल खुला हुआ था जिस वजह से मौसी भान्जे दोनो को रूपाली की आवाज़ सुनाई नही दी..लेकिन रूपाली को अंदर से गुँज़ती ताहिरा की आहें ज़रूर सुनाई दे गयी...वो एकदम से बौखला उठी उसे लगा कि उसका ससुर तो गया हुआ है शहर से बाहर तो ये अंदर किसके साथ ताहिरा मौसी कही?.....जो खुद अपने देवर से चुदवा रही हो उसे अपनी सास के अवैध संबंध का ज़रा सा भी शक़ करने पे शक नही आ सकता था....वो थी बड़ी चालू अंदर गयी और एक स्टूल ले आई और उस पर अपनी साड़ी उठाए घुटनो तक किसी तरह से चढ़ खड़ी हुई

जैसे ही वो लोहे के दरवाजे पे टॅंगी नाइटी पे हाथ रखके अंदर झाँकति है तो उसका थूक गले के भीतर ही रह जाता है अंदर एक काला मास्क पहना हुआ लौंडा ताहिरा के चेहरे को सहलाते हुए उसकी रस भरी गीली चूत पे हाथ मसल रहा था और उसे मुट्ठी में दबा रहा था...ताहिरा ने उसकी पीठ सहलाते हुए उसे अपने करीब खीचा और दोनो पागलो की तरह एकदुसरे को किस करने लगे...रूपाली की आँखे फॅट गयी उसे लग रहा था जैसे ख्वाब हो उसने अपने मुँह पे हाथ रख लिया और बड़े अहेतियात से गुसलखाने के दरवाजे पे उचकते हुए झाँक रही थी अंदर

उसे ये नही पता था कि उसका खुद का देवर अपनी मौसी के साथ संबंध बना रहा है.."ओह्ह्ह्ह उफ़फ्फ़ आहिस्ते से बेटा".......मौसी के पीछे आते हुए आदम ने उसे सीधा झुका दिया और उसकी चूत में लंड घुसाने लगा...कुछ ही देर में चूत ने लंड खाना शुरू कर दिया....मौसी को डॉगी स्टाइल में आदम पीछे से चोदने लगा....अगर ज़रा सा भी सर उपर की ओर उठाता तो रूपाली भाभी को रंगे हाथो पकड़ लेता लेकिन वो था चुदाई में इतना मशगूल कि सब भूल गया

आदम तेज धक्के लगाने लगा....ताहिरा की चुचियाँ जो एकदुसरे से हिलते हुए टकरा रही थी उसे आदम ने अपने हाथ में लेके कस्स कस कर दबाना शुरू कर दिया...

"ओह्ह आहह आहह ईई अयीई"......मौसी को सिसकते किसी पराए मर्द से चुदते देख रूपाली भाभी एकदम काँप उठती है..."उफ्फ इस औरत ने तो सारी मर्यादा ही पार कर दी बुढ़िया की भोसड़ी में इतनी आग है कैसे लौंडिया की तरह दहाड़ रही है ह्म्म्म उफ्फ अपनी जवानी का पूरा मज़े ले रही है साली"........रूपाली भाभी से और देखा ना गया क्यूंकी पहले से उसे पेशाब लगा था और उपर से चुदाई देखके उसकी चूत में कीड़े काटने लगे...एक पल को उसे ऐसा लगा कि अपने शौहर को बताए लेकिन उसके पास अपनी सास को डाउन करने का अच्छा मौका मिल गया था इसलिए वो चुपचाप स्टूल सीडियो से हटाए दोनो को बेख़बर गुसलखाने में छोड़ वापिस कमरे के दरवाजे के पास आके चुपके से इन्तिजार करने लगी कि कब दोनो निकलें? वो बार उस नक़ाबपोश को गौर से पहचानने की कोशिश में जुट गयी पर उसे ये आहेसस नही हुआ कि वो उसका अपना देवर आदम था

चुदाई का सिसीला थम नही रहा था...और बाहर रूपाली छटपटा रही थी बेचैन थी दोनो को बाहर निकलते देखने के लिए...."अफ इतनी कोई लंबी चुदाई करता है इतना तो मेरी माँ भी अपने उपर बाबूजी को नही चढ़ा पाती उफ्फ साली पूरी छिनाल है".....बुदबुदाते हुए रूपाली ने मन ही मन कहा

अंदर गुसलखाने में...ताहिरा मौसी की गान्ड के छेद में लिंग प्रवेश करता हुआ आदम बेफ़िक्र से उसकी तबीयत से चुदाई कर रहा था...उफ्फ गान्ड से थप थप अंडकोष टकराते हुए किस तरह बाउन्स हो रहे थे....ताहिरा लज़्जत से मज़ा ले रही थी...और कुछ ही देर में आदम के शरीर में अकड़न शुरू हो गयी और उसने कस कर ताहिरा को जकड लिया....कुछ ही पल में वो ताहिरा की गान्ड में ही फारिग हो गया...कुछ देर सुसताने के बाद दोनो ने उठके अपने उपर मग से पानी डाला थोड़ा नहाए और फिर झटपट आदम ने अपने कपड़े पहने और कुण्डी खोल एक बार बाहर का जायेज़ा लिया...फिर वो वापिस उतरते हुए सीडियो से घर से बाहर निकल गया

रूपाली उसे जाते हुए देख रही थी वो उसके पीछे भागी उसकी दिशा जानने के लिए..लेकिन तब तक वो काफ़ी रफ़्तार से गली के दूसरी तरफ भाग गया..रूपाली भाभी अंदर आई तो 10 मिनट और उसकी सास ने निकलने में लगाए वो टवल लपेटके बाहर को आई

रूपाली ने उस वक़्त कुछ नही कहा क्यूंकी उसे तेज़ पेशाब लगी थी लेकिन उसने देखा कि ताहिरा की चाल थोड़ी धीमी थी जैसे चुदाई के बाद औरत ढीली पड़ जाती है ठीक वैसी और उसके चेहरे पे संतुष्टि के भाव....रूपाली ने उसे गाली देते हुए गुसलखाने में घुस गयी....

रूपाली ने देखा कि ताहिरा एक येल्लो साड़ी पहन के खाना बना रही है..ताहिरा की नज़र अपनी बहू पे गई...."ओह्ह तो उठ गयी आप?"......आज भी ताहिरा ने ताने भरे लहजे से कहा....

रूपाली : हुहह मैं तो कब्से जागी हुई थी? लेकिन आपने सबको सुला रखा है (रूपाली ने ऐंठते हुए ताहिरा की तरफ देखा)

ताहिरा : क्यूँ री? तेरे कहने का मतलब क्या है? खुद आलसी की तरह पड़ी रहती है फिर चाई मैं ही देती हूँ तब इन्सिटुट जाती है फिर रात गये अपने पति के साथ बिस्तर पे उसे चढ़ा लेती है

रूपाली : ओह्ह काकी माँ ज़ुबान आप ठीक कीजिए सच्चाई से वाक़िफ़ करा रही हूँ आपको क्या लगा रखा है आपने आजकल क्या गुल खिला रही है? क्या मौसा जी से संतुष्टि नही मिली जो किसी पराए मर्द को गुसलखाने में घुसा लेती हो ना जाने कब से ये कांड चल रहा है आपका? बोलिए बोलिए चुप क्यूँ हो गयी? मुझे तो डाटने और नीचा दिखाने का आप कोई मौका नही छोड़ती (एका एक ताहिरा सचमुच लरखड़ा गयी उसके माथे पे पसीना आ गया यानी उसकी चोरी अब तक जो छुपी थी वो सामने आ गयी थी)

ताहिरा : त...तू क..क्या कह रही है? क्या गंदी गंदी बात कह रही है अपनी सास को बिशल को पता लगेगा ना तेरी अच्छे से कुटाई कर देगा समझी तू

रूपाली : तुम्हारा बेटा है ही किस लायक? मार पीट के अलावा कर भी क्या सकता है? पर मैं ये सोचती हूँ कि अगर मौसा को पता लगा तो पता नही आपके साथ ...........

ताहिरा घबरा गयी थी वो नज़रें चुराने लगी..
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RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत - by sexstories - 12-09-2019, 01:09 PM

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