RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
मेरे पूरे शारीर में बिजली सी कौंध गयी और उस करेंट से मेरे होंठ थोड़ा पीछे हटे। तभी नैना की मुस्कान चौड़ी हुई और वो खिल-खिला कर हंसने लागी। इतने सीरियस प्यार भरे मौके पर वो हंस रही थी तो मैंने उसको पुछ ही लिया की क्या बात है। उसने भी मुस्कुराते हुए ही जवाब दिया।
नैना: "तुमने सच में मेरे होंठनो को छु लिया था पता हैं?"
मुझे बड़ा आस्चर्य हुआ की वो अभी भी इसको एक खेल समझ रही हैं, मगर मैं उसको चोदने को लेकर पूरा सीरियस था। मैंने उसके हाथ छोड़ दिए।
उसने अपने एक हाथ की हथेली के पिछले हिस्से से अपने होंठको पोंछा और शिकायत कर दी की मैंने उसके होंठो को गीला कर दिया। मुझे लगा की मुझे अभी उसको और उत्तेजित करना होगा ताकि वो खुद छुड़ने को राजी हो जाए। मैं उसकी जाँघो के ऊपर से उतर गया और उसके बगल में बैठ गया। मैने अपनी एक ऊँगली उसकी स्कर्ट के नीचे बाहर निकलि चिकनी नंगी टांगो पर फेरनी शुरू की और वो गुदगुदी के मारे हँसती और खिलखिलाती रहि। फिर मैंने उसका टॉप पेट से ऊपर किया और उसके नंगे पेट पर नाभि के चारो तरफ ऊँगली घुमा कर उत्तेजित करने की कोशिश की। नैना लगातार गुदगुदी से मुस्कुरा रही थी और बीच बीच में खिलखिला भी देती। फिर मैंने अपनी ऊँगली का जादू उसके चेहरे पर चलाया। नैना के ललाट से लेकर गालो तक और ठुड्डी पर सहलाया। साथ ही ख़ास तौर से उसके होंठो पर अपनी ऊँगली रगड कर उसके होंठो को मसल दिया।
फिर एक ऊँगली उसके गले से रगडना शुरू करते हुए उसके मुम्मो के बीच की घाटी की तरफ बढ़ायी। उसने टॉप पहनेथा तो ऊँगली टॉप के ऊपर से ही उसके मुम्मो के उभार पर चढ़ने को तैयार थी। मेरी ऊँगली पहली बार उसके मुम्मो की उचाई पर चड़ती पर उसके पहले ही नैना ने मेरी ऊँगली पकड़ ली। मैंने उसको चुमने को अपना मुह आगे बढ़ाया और उसने दूसरी तरफ चेहरा घुमा लिया। मैने उसकी गरदन पर ही चुमना शुरू कर दिया और वो भी सिसकियां मारने लगी। सिसकिया कुछ ज्यादा ही थी, पता नहीं वो उसका नाटक था या सच में सिसकियां मार रही थी। मैने सोच लिया की अब मुझे हिम्मत करके आगे बढ़ना ही होगा, भले ही नैना नाराज हो जाए। वैसे भी कोई लड़की इतना आगे तभी बढ़ेगी जब उसके मन में ऐसा वैसा कुछ चल रहा होगा।
मैने उसकी गरदन को चुमना बंद किया और उसके गालो पर होंठ राख दिए और उसके गालो को अपने मुह में भर कर छोड़ दिया। उसकी सिसकियां बंद हुई और फिर जोर से खिलखिला कर हंसने लागी। मैंने उसके गाल को एक बार फिर अपने होठो में भिंच कर चूम लिया और इस बीच भी वो खिल-खिलाती रही। मै उसके मन को समझ नहीं पा रहा था। मैं अब उसके चेहरे से दूर हुआ और उसने अपने एक हाथ से अपने गीले हो चुके गलो को पोंछा और मेरी तरफ देख मुस्कराती रही। मैने अपनी एक हथेली उसके नंगे पेट पर रख दी जो टॉप के थोड़ा ऊपर होने से दीख रहा था। मैंने अपनी उंगलिय अब धीरे धीरे कमर पर बँधे उसकी स्कर्ट की तरफ बढ़ायी। वो अब अपनी हँसि दबाने की कोशिश कर रही थी पर बीच बीच में एक ठसक के साथ उसका पेट अंदर दाब कर, मैंने अपनी एक इंच तक उंगलिया नैना के स्कर्ट में डाल ही दि। उसकी तेज साँसों के साथ उसका पेट अंदर बाहर हो धड़क रहा था। मेरी अब आधी उंगलिया स्कर्ट के अंदर थी और इस से पहले की और अंदर जाती उसने मेरा हाथ ही पकड़ लिया और स्कर्ट से बाहर निकाल लिया।
मैने उसके स्कर्ट के साइड में लगी छोटी सी चेन नीचे कर खोल दी और उसका सफ़ेद स्कर्ट कमर से लूज हो गया। मैंने कमर के साइड से अपना हाथ उसके स्कर्ट में डाला। नैना ने मेरा हाथ फिर पकड़ कर रोका। मै अब तड़प रहा था। मैंने हिम्मत की और अपना हाथ उठा कर सीधा स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी चुत पर राख कर दबा दिया। नैना एक हलकी चीख़ के साथ उठ बैठी और मैंने डर के साथ मेरा हाथ उसकी चुत से हटा दिया। नैना ने अपना सर हिला कर ना का इशारा किया।
नैना: "यह गलत हैं पराग। हम यह नहीं कर सकते। अपने पार्टनर्स के साथ यह धोखा होगा"
नैना ने अपनी स्कर्ट की चेन फिर बंद कर दी और बिस्तार से उठने लगी पर मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसको फिर बिस्तार पर लेटा दिया और उसकी जाँघ पर बैठ सवार हो गया।
पराग: "मुझसे अभी कण्ट्रोल नहीं होगा, मेरा लंड कड़क हैं और मेरा पानी निकलने लगा हैं"
नैना: "पानी तो मेरी भी चुत से निकला हैं, पर हमारे बीच कुछ भी नहीं हो सकता। यह गलत हैं"
पराग: "मैं तुम्हे चोदना चाहता हूं, तुम्हारी चुत चाटना चाहता हूं।"
नैना: "यह मुमकिन नहीं है। मेरी पेंटी गीली हो चुकी है। मुझे जाने दो"
पराग: "मुझे तुम अपनी पेंटी गिफ्ट करोगी?"
नैना कुछ सोचने लगी और फिर उसने कहा की वो मुझे उसकी कोई दूसरी साफ़ पेंटी दे देगि, मगर मैंने उसको ना बोल दिया।
पराग: "मेरी प्यार की वजह से तुम्हारी पेंटी गीली हुई हैं, मुझे यही पेंटी चहिये। यह मेरे प्यार की निशानी रहेगी"
नैना फिर अपनी पेंटी देने को तैयार हो गयी। मैं उसके ऊपर से उतर गया और वो बिस्तार से उतर कर कड़ी हो गायी। नैना ने घुटनो से अपनी स्कर्ट को ऊपर उठाय और उसकी गोरी जाँघे दिखने लागी।
जांघो तक स्कर्ट को ऊपर चढ़ा कर नैना ने अपना हाथ स्कर्ट में नीचे से अंदर ड़ाला और अपनी पेंटी खिंच कर बाहर निकाल दी और मुझे थमा दी और अपनी स्कर्ट फिर नीचे कर दि।
मैने भी सोच लिया की मैं अपना प्यार नैना को दिखाउंगा। मैंने उसकी पेंटी को सूँघा और अपनी आँखें बंद किये उसकी चुत की खुसबू को महसूस किया। फिर आँखें खोल कर उसकी पेंटी के गीली हिसे को अपनी जबान से चाट लिया। उसके चुत के पानी का टेस्ट प्रेरणा की चुत के पानी जैसा ही था पर उस वक़्त एक जूनून सा था और मैंने दो तीन बार उसकी पेंटी के गीलेपन को चाटा। सामने यह सब देखकर नैना तड़प उठि और एक हाथ आगे बढा कर मुझको रोकने की कोशिश की। मैंने अपनी जुबान बाहर निकाल कर उसको दिखायी।
नैना: "ऐसे मत करॉ, मैंने पेंटी नहीं पहनी हैं और मेरी चुत अब और भी गीले हो गयी हैं"
पराग: "मैं वो भी चाट लुंग, यह लो अपनी पेंटी और इसे चुत का पानी पोंछ कर फिर मुझे दे दो"
नैना: "नहि, तुम खुद अपने मुह से चाट कर चूस लो और साफ़ कर लो"
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