Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:00 PM,
#54
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज ने सोफे पर बैठे हुए, हरिया को पानी लाने के लिए कहा. थोड़ी देर बाद रोमा ने एक ट्रे मे पानी का ग्लास लाकर राज के सामने आकर खड़ी हो गयी. राज पर पहले से ही शराब का नशा चढ़ा हुआ था. पानी लेते हुए. राज रोमा की गदराई जवानी को देखने लगा. रोमा ने वाइट कलर की साड़ी पहनी हुई थी. उसकी साड़ी नाभि से 2 इंच नीचे थी. राज रोमा की गदराई नाभि और पेट को देख कर एक पल के लिए उसमे खो गया.

रोमा: बाबू जी पानी.

राज : हूँ हां (और राज ने रोमा की तरफ देखते हुए पानी का ग्लास ट्रे से उठा लिया. और रोमा वापिस किचिन मे चली गयी)

राज ने अपने सर को झटक दिया. और सोचने लगा. बस आज की रात है. फिर तो निर्मला यहाँ रहने आ ही जायगी.

रात को सब खाना खा चुके थे. रोमा के लिए पीछे रवि के साथ वाला रूम को खोल दिया गया था. रोमा पीछे सोने चली गयी थी, रवि और हरिया ही हवेली के हाल के अंदर थे.

राज : (हरिया से) वो रोमा किधर गयी है.

हरिया: बाबू जी वो तो पीछे चली गयी है. आप ने ही तो सुबह उसके लिए रूम खोलने के लिए कहा था.

राज : हां कहा तो था. पर अगर डॉली को रात मे किसी चीज़ की ज़रूरत पड़ी तो.

हरिया: बाबू जी मे उसे बुला लाता हूँ.

राज : रहने दो. आज आप ही यहाँ सो जाओ.

हरिया: ठीक है बाबू जी.

राज : ठीक है. ये लो हाल के मेन डोर की चाबी. उसे लॉक करके मुझ वापिस दे दो.

जब से राज डॉली के साथ हवेली मे रहने आया था. वो रोज रात को हाल के मेन डोर को लॉक करके ही सोता था. एक डोर और था. जो पीछे की तरफ खुलता था. पर वो पहले से ही लॉक था. रवि हाल से बाहर चला गया, और हरिया ने डोर लॉक करके के राज को चाबी पकड़ा दी.

रवि हवेली के पीछे बने अपने कमरे की तरफ जाने लगा. पीछे आकर वो सीधा बाथरूम की तरफ गया. उसे बहुत तेज पेशाब लगा था. पर वो बाथरूम तक पहुँचने का इंतजार नही कर सका. कमरों के बाहर 100 वॉट का बल्ब जल रहा था. पर सभी कमरे बंद थे. रवि ने इधर उधर देखा. और हरिया के रूम के साइड वाली दीवार के पास आकर अपना पाजामा खोल कर नीचे कर लिया. और अपने लंड को निकाल कर पेशाब करने लगा.

कमरे की दीवार के साथ कुछ झाड़ियाँ उंगी थी. जब रवि उनके ऊपेर से गुजरा. तो अंदर लेटी हुई पूनम को बाहर से आवाज़ सुनाई दी. और वो उठ कर रूम के बाहर आ गयी. और कमरे के साइड की तरफ देखने लगी. बल्ब की रोशनी चारो ओर फैली हुई थी. रवि पेशाब कर चुका था. पर वो अपनी आँखों को बंद करके, रज़िया और उसके बीच बिताए हुए, मस्ती भरे लम्हों को याद करते हुए, अपने लंड की चमड़ी को अपने लंड के सुपाडे के आगे पीछे करते हुए, मुठिया रहा था.

जैसे ही पूनम की नज़र रवि पर पड़ी. उसका दिल धक्क से रह गया. और उसके साँसे तेज़ी से चलने लगी. रवि दीवार के पास खड़ा. तेज़ी से अपने लंड को अपने हाथ से हिला रहा था. जिसे देख कर पूनम की कुँवारी चूत मे सिहरन से दौड़ गयी. पर अगले ही पल अचानक रवि ने पूनम को देख लिया. उसने जल्दी से अपना पाजामा ऊपेर किया. पूनम भी एक दम से झैन्प गयी. और अपने कमरे के डोर के सामने आकर खड़ी हो गयी.

इस बार शर्मसार होने की रवि की बारी थी. वो सर झुका कर पूनम के कमरे के डोर के सामने से गुज़रा. उसने तिरछी नज़रों से पूनम की तरफ देखा. जो उसे देख कर मंद-2 मुस्कुरा रही थी. वो अपने रूम का डोर खोलने लगा. जो बिल्कुल उसके रूम के साथ था.

रवि: (सर झुकाए हुए) वो आज काका हाल मे ही सोयेन्गे. तुम जाकर सो जाओ.

पूनम: (रवि की ओर हल्की मुस्कान के साथ देखते हुए) तुम्हे ज़रा भी शरम नही है ना. कहीं भी.

रवि: (एक दम से चोन्क्ते हुए पूनम की ओर देखते हुए) क्या.

पूनम: तुम जगह और टाइम तो देख लिया करो.

ये कह कर पूनम मुस्कुराते हुए अपने रूम के अंदर भाग गयी, और अंदर से डोर बंद कर लिया. रवि वहीं दरवाजे की दहलीज मे बैठ गया. 1 मिनिट बाद बाहर जल रहा बल्ब भी बंद हो गया. क्योंकि उसका स्विच हरिया के कमरे मे था.

रवि दरवाजे की दहलीज पर बैठा हुआ कुछ दिनो पहले जो कुछ उसके साथ हुआ था, उसके बारे मे सोचने लगा. रवि तकरीबन 30 मिंतत तक वहाँ बैठा रहा. वो अपनी ख़यालों की दुनियाँ मे खोया हुआ था. अचानक उसका ध्यान साथ वाले डोर के खुलने से टूटा. पूनम डोर खोल कर बाहर आई. बाहर चाँद की रोशनी चारो तरफ फैली हुई थी. पूनम ने एक ढीला सा टीशर्ट और एक ढीला सा लोवर पहना हुआ था


वो रवि की ओर देखने लगी. पहले उसने रवि से बात करने के बारे मे सोचा. पर फिर वो रवि के ओर देखते हुए, सीधा बाथरूम मे घुस्स गयी. बाथरूम मे जाकर उसने अपने लोवर को नीचे किया. और नीचे बैठ गयी. उसकी कुँवारी चूत की फाँकें धीरे-2 थोड़ा सा फैली, और फिर मूत सू सू की आवाज़ करते हुए, उसके चूत से निकलने लगा. बाहर एक दम सन्नाटा छाया हुआ था,

बाथरूम कमरों के बिल्कुल सामने 7-8 फुट की दूरी पर था. पूनम की चूत से निकल रहे मूत के कारण उठ रही आवाज़ रवि के कानो मे पड़ गयी. ये सोच कर कि पूनम कैसे बैठ कर मूत रही होगी . और उसकी चूत कैसी हो गी. ये सोचते ही रवि के लंड मे हलचल होने लगी. और कुछ ही पलों मे उसका लंड एक दम तन कर खड़ा हो गया. अंदर पूनम ने बैठे हुए, दीवार की ओट से रवि की ओर देखा, उसकी चूत मे रवि को देख कर फिर से सिहरन दौड़ गयी.

रवि दहलीज पर बैठा हुआ, अपने लंड को पाजामे के ऊपेर से धीरे-2 मसल रहा था. पेशाब करने के बाद, पूनम खड़ी हुई, और नीचे झुक कर अपनी लोवर और पैंटी को धीरे-2 से ऊपेर उठाते हुए, अपने चुतड़ों पर चढ़ा लिया. फिर अपने हाथ धो कर वो बाहर आ गयी. और सर को झुकाए हुए, अपने रूम की तरफ जाने लगी. रूम के डोर के पास जाकर उसने रवि की ओर देखा. अब वो अपने हाथों को अपने सर के पीछे रख कर दीवार से सर टिकाए बैठा था.

पूनम अपने आप को रवि से बात करने से रोक ना सकीं. और रवि की ओर चली गयी.

पूनम: क्या हुआ नींद नही आ रही ?

रवि: हाँ वो सुबह मे दोपहर को सो गया था. इसीलिए. और तुम सूनाओ. तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है.

पूनम: बिल्कुल ठीक है. बुद्धू कॉन सी दुनिया मे रहते हो. मे तो पास भी हो गयी. अभी फ्री हूँ.

रवि: ओह्ह्ह अच्छा तो पार्टी कब दे रही हो.

पूनम: जब तुम कहो. बोलो क्या खाओगे. मे बाबा से कह कर कल मंगवा लूँगी.

रवि: अर्रे रहने दो मैं तो मज़ाक कर रहा था. बाहर बहुत गरमी है. चलो अंदर चल कर बैठते हैं.

पूनम का दिल रवि की बात सुन कर जोरों से धड़कने लगा. वो उसे अकेले मे रात के टाइम पर अपने रूम मे आने के लिए बोल रहा था. पूनम खुद भी उसके साथ टाइम गुज़ारना चाहती थी. उससे बात करना चाहती थी. पर कुछ सोच कर वो बोली.

पूनम: नही अभी नही. कही बाबा आ गये तो. वो क्या सोचैंगे. मैं इतने रात को तुम्हारे कमरे मे क्या कर रही हूँ.

रवि: करना क्या है. सिर्फ़ बातें ही करेंगे. पहले भी तो तुम मेरे साथ देर रात तक खेलती और बातें करती रहती थी.

पूनम: तुम ना सच मे बहुत वो. तब हम छोटे थे ना. अब अगर बाबा ने देख लिया. तो पता नही सोचैंगे कि हम अंदर क्या कर रहे हैं.

रवि: क्या सोचैंगे तुम्हारे बाबा.

पूनम एक दम से शरमा गयी. और उसने अपने सर को झुका लिया.

रवि: आओ मैं कुछ नही करूँगा (मज़ाक करते हुए) वैसे भी तुम्हारे बाबा नही आ सकते.

पूनम: तुम्हें कैसे पता.

रवि: वो क्या है ना. राज बाबू जी अंदर से हाल को लॉक करके सोते हैं. और उसकी चाभी उन्ही के पास रहती है. और तुम्हारे बाबा इतनी रात को राज बाबू जी से चाभी लेने के लिए तो नही उठाएँगे.

और ये कह कर रवि खड़ा हो गया. पर वो भूल गया था, उसका लंड अभी भी पाजामे मे तना हुआ है. पूनम अभी भी उसके पास बैठी थी. जैसे ही रवि खड़ा हुआ, उसका तना हुआ लंड पाजामे मे उभार बनाए हुए, पूनम की आँखों के सामने आ गया. जो उसके फेस से सिर्फ़ 6-7 इंच दूर था. पूनम का दिल ज़ोर से धड़कने लगा. उसने मुस्कुराते हुए अपने फेस को दूसरी तरफ घुमा लिया.
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RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश - by sexstories - 12-20-2019, 01:00 PM

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