Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:10 PM,
#63
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज ने माखन शर्मा को विशाल की कार मे बैठा दिया. रवि राज की कार की पिछली सीट पर साहिल को अपने हाथ लेकर बैठ गया, और डॉली और राज दोनो आगे बैठ गये. दोनो कार्स चल पड़ी. 2 घंटे के सफ़र के बाद वो सब अलीगढ़ पहुँच गये. डॉली के सास घर पर थे. और ससुर अपने ऑफीस मे गये थे.

डॉली ने जाते ही. अपनी साँस के पैर छुए. और डॉली की सास ने घर के नौकर से सब के लिए नाश्ता बनाने को कहा.

राज : (डॉली के साँस से) आंटी अंकल कहाँ है.

साँस: बेटा वो तो ऑफीस गये है.

राज : तो ठीक है. हम वहीं जाकर उनसे बात कर लेंगे.

चाइ नाश्ते के बाद राज विशाल और माखन शर्मा के साथ डॉली के ससुर के पास उनके ऑफीस पहुँच गये. डॉली का ससुर अजीत शर्मा एक बहुत ही सुलझा हुआ बिजिनिस मॅन था. पर इस मामले मे वो अपने आप को बहुत अकेला महसूस कर रहा था. राज ने अजीत शर्मा के कॅबिन के डोर नॉक किया.

अजीत शर्मा: (कॅबिन के अंदर से) कम इन.

और राज विशाल को लेकर अंदर चला गया. माखन शर्मा और विशाल के साथ आया हुआ आदमी बाहर रिसेप्षन मे सोफे पर बैठ गये.

अजीत शर्मा: (राज को देख कर अपनी चेर से खड़े होते हुए) अर्रे आओ बेटा. मे तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था. प्लीज़ बी सीट.

दोनो अजीत शर्मा के सामने चेर्स पर बैठ गये. अजीत शर्मा रिसेप्षन पर फोन करके कोल्ड ड्रिंक्स मँगवाई. और राज विशाल से अजीत शर्मा को मिलवाने लगा.

राज शर्मा: अंकल ये मेरा दोस्त है विशाल.

विशाल ने अजीत शर्मा से हाथ मिलिया.

राज शर्मा: अब बताए अंकल आख़िर बात क्या है.

अजीत शर्मा: बात वही है बेटा जो मेने तुम्हे सुबह बताई थी.

विशाल: अंकल बस आप उस आदमी का नाम बता दो. और वो कहाँ मिलेगा. बाकी हम देख लेंगे. आप को चिंता करने के ज़रूरत नही है.

अजीत शर्मा: (अपनी नम हुई आँखों को सॉफ करते हुए) काश कि मेरा बेटा इस दुनियाँ मे होता. तो किसी की हिम्मत नही होती मुझसे उलझने की.

राज : (अजीत के हाथ के ऊपेर अपने हाथ को रखते हुए) अंकल क्या आप मुझ अपना बेटा नही मानते.

अजीत शर्मा: नही बेटा ऐसे बात नही है. अब जो भी है. मेरे लिए तो तुम सब ही हो.

राज : बस फिर आप जल्दी से उस हरामजादे का नाम बता दो.

अजीत शर्मा ने एक विज़िटिंग कार्ड राज की तरफ बढ़ा दिया.

अजीत शर्मा: इस पर उसका नाम फोन नंबर. घर का अड्रेस, और ऑफीस का अड्रेस सब है.

राज शर्मा: (कार्ड पर लिखे नाम को पढ़ते हुए) बलजीत शर्मा. लगता है इससे मिलना ही पड़ेगा. अच्छा अंकल हम इससे मिल कर आते हैं.

विशाल राज दोनो अजीत शर्मा के ऑफीस से बाहर आ गये. उनको देख माखन शर्मा और विशाल के साथ आया हुआ, आदमी उनके पीछे बाहर आ गये

राज : (बाहर आते हुए.) विशाल अब इस बलजीत का क्या करना है.

विशाल: मे जानता हूँ इसका क्या करना है.(विशाल पीछे मूड कर उन दोनो की तरफ देखता है) तुम दोनो तैयार हो जाओ. अब देखते हैं, तुम्हारे बाजुओ मे कितनी जान है.

चार कार मे बैठ कर कार्ड पर लिखे हुए अड्रेस की तरफ चल पड़ते हैं.

माखन: बाबू जी आप ज़रा भी चिंता ना करो. मैं साले के पसलियां तोड़ दूँगा.

विशाल: बिल्कुल ऐसा ही करना पड़ेगा. उस साले के साथ.

और वो लोग कुछ ही देर मे बलजीत के ऑफीस के अंदर थे. जैसे ही वो लोग बिल्डिंग मे एंटर हुए, तो सामने एक लड़की रिसेप्षन पर खड़ी थी. विशाल उस लड़की के पास गया.

विशाल: हमे बलजीत से मिलना है.

लड़की विशाल और राज की तरफ देखने लगी…….बोलिए क्या काम है आप को?

विशाल: जी आप बस उससे इतना कह दो, कि विशाल और राज उससे बात करना चाहते हैं.

लड़की ने फोन उठाया. और इंटरकम से बलजीत के ऑफीस का नंबर. डायल किया.

बलजीत अपने ऑफीस मे चेर पर बैठा हुआ था. और उसके सामने एक लड़की नीचे घुटनो के बल बैठी हुई, उसके लंड को चूस रही थी. और बलजीत अपनी आँखे बंद किए हुए, जन्नत की सैर कर रहा था. जैसे ही फोन के रिंग बजी, बलजीत ने फोन उठा लिया. वो लड़की बिना रुके बलजीत के लंड को चूस रही थी.

बलजीत: (गुस्से से) क्या है, क्यों परेशान कर रही हो.

लड़की: सर कोई विशाल और राज आप से मिलना चाहते है.

बलजीत बात सुन कर थोड़ा सोच मे पड़ जाता है. और उस लकड़ी को बाहर जाने का इशारा किया. वो लड़की उठ कर बाहर चली गयी. बलजीत ने अपने लंड को अपनी पेंट मे किया. और पेंट ठीक करते हुए बोला.

बलजीत: उन्हें वेट करने के लिए बोलो.

लड़की: जी ठीक है.

लड़की: आप थोड़ी देर वहाँ बैठ कर वेट करें. सर अंदर बिजी हैं.

विशाल: तुम्हारे सर का ऑफीस कहाँ हैं.

लड़की एक रूम की तरफ इशारा करती है. विशाल राज की तरफ देखता है. और दोनो बलजीत के ऑफीस की तरफ जाने लगते हैं.

लड़की: (पीछे से ) सर प्लीज़ आप ऐसे अंदर नही जा सकतें. आप यहाँ बैठ कर वेट करो. सर आप को बुला लेंगे.

विशाल: तुमने हमें समझ क्या रखा है. मुझे वेट करने की आदत नही है.

अंदर शोर सुन कर बाहर खड़े दो सेक्यूरिटी गार्ड राज और विशाल की तरफ भागते हैं. और उनमे से एक राज के कंधे को पकड़ लेता है. पर अगले ही पल माखन उस आदमी को पीछे से गले से पकड़ लेता है. और उस आदमी का हाथ राज के कंधे से निकल जाता है. जैसे ही वो माखन की तरफ घूमता है. उसकी आँखों के सामने अंधैरा छा जाता है.

क्योंकि तब तक माखन शर्मा अपने बड़े से हाथ का घूँसा बना कर उसके मुँह पर दे मारता है. वो आदमी वहीं ढेर हो जाता है. और फर्श पर गिर जाता है. दूसरे गार्ड के होश वैसे ही उड़ जाते हैं. और वो वही रुक जाता है. राज और विशाल एक दम से बलजीत के ऑफीस के अंदर आ जाते हैं.

बलजीत जैसे ही अपने सामने विशाल और राज को देखता है, उसके होश उड़ जाते हैं. और वो अपनी चेर से खड़ा हो जाता है. राज और विशाल दोनो उसके सामने चेर्स पर बैठ जाते हैं.

विशाल: अबे साले ऐसे क्या देख रहा है. अपने बाप को पहचाना नही.

बलजीत को कुछ याद आता है. और उसके माथे पर पसीना आने लगता है. वो चेर पर बैठ जाता है.

बलजीत: क्या चाहिए तुम्हे. और तुम ऐसे किसी के भी ऑफीस मे कैसे घुस सकते हो.

विशाल: अबे चुप कर हराम की औलाद. हमें कॉन रोक सकता है. और सुन तूने भाई के रिश्ते दार की ज़मीन पर कब्जा कैसे कर लिया.

बलजीत: आप किसकी बात कर रहे हैं.

राज : अजीत शर्मा की बात कर रहे हैं.

बलजीत थोड़ी देर सोचता है. और फिर कहता है. पर अगर आप को वो ज़मीन चाहिए. तो और पैसे देने पड़ेंगे.

विशाल: अच्छा ठीक है. तूने पिछले महीने मेरे गाँव के साथ वाले गाँव मे बहुत सी ज़मीन खरीदी है ना. अब तू उसपर कदम रख कर दिखा. साले जिंदा गाड दूँगा वहाँ पर.अगर तूने वहाँ कदम भी रखा तो.

विशाल राज को इशारा करता है. और दोनो उठ कर बाहर आ जाते हैं.

राज : अब इसका क्या करना है.

विशाल: कुछ नही. जो करना था कर दिया. देखना अब साला कैसे लाइन पर आता है.

फिर वो लोग कार मे बैठ कर वापिस अजीत शर्मा के ऑफीस की तरफ चल पड़ते. और कुछ ही देर मे दोनो अजीत शर्मा के ऑफीस के अंदर थे. और अजीत शर्मा ने उनका स्वागत बड़ी सी मुस्कान के साथ किया.

राज : (अजीत शर्मा के सामने चेर पर बैठते हुए.) क्या बात है अंकल आप बहुत खुश लगे रहे है.

अजीत शर्मा: हां राज अभी-2 उस बलजीत के बच्चे का फोन आया था. मुझसे माफी माँग रहा था. और कह रहा था. कि उससे ग़लती हो गयी है. आप अपनी ज़मीन वापिस ले लो.

विशाल: देखा ना साले की दुखती रग पर हाथ रखा, तो कैसे तड़प रहा है.

राज : अच्छा अंकल जी अब हम चलते हैं. वापिस गाँव भी जाना है.

अजीत शर्मा: अर्रे भाई आज रात रुक जाओ. आज ही तो आए हो.

राज : नही अंकल जी. वहाँ का काम भी तो देखना है. वैसे भी डॉली यहाँ पर कुछ दिन रहने वाली है.

और राज ने सामने पड़ी टेबल पर रखे हुए फोन का उठाया, और अजीत शर्मा के घर का नंबर. डाइयल किया. और डॉली से बात की, और ये बता दिया कि, वो यहीं से वापिस गाँव की ओर लौट रहे हैं.

उसके बाद राज और विशाल अपने आदमियों को साथ लेकर गाँव की तरफ निकल लिए. राज शाम को अपनी हवेली मे था. वो शायद इसीलिए जल्दबाज़ी मे था, क्योंकि आज हवेली मे निर्मला भी थी..



राज शाम को गाँव पहुँच जाता है. कुछ देर विशाल उसके साथ बैठ कर बातें करता है. और फिर ये बोल कर चला जाता है, कि उससे जब भी ज़रूरत हो बस एक फोन कर दे. विशाल के जाने के बाद राज अपने रूम मे चला गया. हरिया और निर्मला खाना तैयार कर चुकी थी. निर्मला राज के रूम मे आ गयी.

निर्मला: (होंठो पर कामुक मुस्कान लिए हुए) बाबू जी खाना तैयार है. कहें तो खाना लगा दूं.

राज : (निर्मला की तरफ देखते हुए) हां लगा दो.

निर्मला बाहर आकर हरिया के साथ टेबल पर खाना लगाने लगी. जैसे ही खाना टेबल पर लगा. राज रूम से बाहर आ गया. और चेर पर बैठ गया.

राज : हरिया तुम आज कहाँ सो रहे हो.

हरिया: जैसे आप कहें बाबू जी.

राज : तुम्हारी बेटी आई हुई है ना. इसीलिए आज तुम पीछे अपने रूम मे सो जाना.

हरिया: ठीक है बाबू जी.

राज : आज निर्मला यही सो जाएगी.

निर्मला पास खड़ी राज की बातें सुन कर ही गरम हो रही थी. उसे पता था, कि आज राज उसकी चूत के जम कर चुदाई करने वाला है.

हरिया अपना और अपनी बेटी का खाना लेकर पीछे चला गया. रोमा भी पीछे चली गयी. खाना खाने के बाद राज ने हाल के मेन डोर को अंदर से लॉक कर दिया. और निर्मला को अपने रूम मे आने का इशारा करके अंदर चला गया.

थोड़ी देर बाद जब निर्मला रूम मे आई तो, उसका दिल राज को देख कर जोरों से धड़कने लगा. राज सिर्फ़ अंडरवेर मे उसकी तरफ पीठ करके खड़ा था. राज उसकी तरफ पलटा. तो निर्मला ने होंठो पर कामुक मुस्कान लाकर उसकी तरफ देखने लगी. और फिर राज की तरफ आने लगी.

निर्मला: क्या बात है बाबू जी. बड़ी जल्दी मे हो. इतनी जल्दी कपड़े भी उतार दिए.

और निर्मला ने पास आकर राज के लंड को अंडरवेर के ऊपेर से अपनी हथेली मे पकड़ लिया.राज ने भी निर्मला को उसके चुतड़ों से थाम लिया, और धीरे से उसके दोनो चुतड़ों को मसलने लगा.

निर्मला: आहह बाबू जीए. और ज़ोर से दबाइए ना. मुझ आप के हाथों की सख्ती बहुत पसंद है. ज़ोर-2 से दबाइए ना.

राज ने उसके चुतड़ों को उसके साड़ी और पेटिकॉट के ऊपेर से ज़ोर-2 से दबाना चालू कर दिया. निर्मला के मुँह से मस्ती भरी सिसकारियाँ निकलने लगी.
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