Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:10 PM,
#64
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
निर्मला ने अपना हाथ राज के लंड से हटा लिया. और दोनो हाथों से अपने ब्लाउस के बटन खोलने लगी. जैसे-2 निर्मला अपने ब्लाउस के बटन खोल रही थी. राज की आँखों के चमक बढ़ती जा रही थी. निर्मला ने अपने ब्लाउस के सारे बटन खोल कर ब्लाउस एक तरफ फैंक दिया.

अब उसके बड़े-2 आमो जैसे बूब्स उसकी वाइट कलर की ब्रा मे कसे हुए फड़ फडा रहे थे. राज पीछे हट गया. और निर्मला जल्दी से अपनी साड़ी और पेटिकॉट को उतारने लगी. कुछ ही पलों मे निर्मला सिर्फ़ वाइट कलर की पैंटी और ब्रा मे राज के सामने खड़ी थी.


राज का लंड निर्मला के गुदाज बदन को देख कर अंडरवेर मे झटके खाने लगा. और वो अपने लंड को अंडरवेर के ऊपेर से मसलने लगा.

राज : (अपने लंड को मसलते हुए) अब जल्दी से इन्हे भी उतार दे. चल जल्दी कर.

राज का इशारा ब्रा और पैंटी की तरफ था. राज का उतावला पन देख कर, निर्मला के होंठो के होंठो पर कामुक सी मुस्कान फैल गयी. और अपने हाथों को अपनी पीठ के पीछे ले गई. और अपनी ब्रा के हुक्स को खोलने लगी.

जैसे ही निर्मला ने अपनी ब्रा को उतारा. उसकी चुचियाँ उछल कर बाहर आ गयी. जिसके निपल्स देख कर राज के मुँह मे पानी आ गया. और वो निर्मला के करीब जाने लगा.

राज से रहा नही गया, और उसने आगे बढ़ कर निर्मला की पीठ पर अपनी बाहों को कस लिया. और अपने हाथों को उसके चुतड़ों की तरफ बढ़ाने लगा. निर्मला के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. और वो राज से चिपक गयी.

निर्मला की चुचियाँ राज की नंगी चैस्ट मे रगड़ खा रही थी. उसकी चुचियाँ के निपल्स की रगड़ अपनी चैस्ट पर महसूस करके, राज का लंड और तन गया.

राज निर्मला की पैंटी को दोनो साइड से पकड़ कर, उसके चुतड़ों से नीचे सरका दिया. और उसके चुतड़ों को दोनो हाथों मे पकड़ कर कसकस के दबाने लगा. निर्मला मस्ती के सागर मे गोते खा रही थी.

राज ने उसे बेड पर पटक दिया. और किसी भूखे जानवर की तरह उसके ऊपेर आ कर उसकी चुचियों को मसल्ने लगा.

निर्मला: अहह बाबू जी धीरे ओह्ह्ह जान निकाल दीए ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह बाबू जी धीरे ओह्ह्ह्ह.

राज: साली तुझे मेरे हाथों की सखती बहुत पसंद है ना. ये ले, देख आज तेरे बदन को कैसे मसलता हूँ.

राज ने निर्मला की लेफ्ट चुचि को मुँह मे लेकर सक करना चालू कर दिया. निर्मला की आँखे मस्ती मे बंद होने लगी. राज किसी भूखे बच्चे की तरहा उसकी चुचियों को बारी-2 चूस रहा था. और निर्मला उसके नीचे लेटी हुई कसमसा रही थी.

निर्मला: बाबू जीईए अह्ह्ह्ह और ज़ोर से चूसो अहह बहुत अच्छा लग रहा है. हान्णन्न् पी जाओ मेरी चुचियाँ का सारा रस ओह मॅजा आ गया.

निर्मला की पैंटी उसकी जाँघो मे फसी हुई थी, उसकी चूत के फाँकें राज का लंड लेने के लिए फडक रही थी. राज का लंड भी पूरी तरहा फूल कर निर्मला की नाभि पर रगड़ खा रहा था. अचानक से राज घुटनो के बल बैठ गया. और उसकी पैंटी को दोनो तरफ से पकड़ कर खैंचते हुए, उतारने लगा.

निर्मला की चूत मे पहले से आग लगी हुई थी. वो तो बस राज के लंड को अपनी चूत मे जल्दी से जल्दी महसूस करने के लिए मचल रही थी. उसने भी अपनी गान्ड को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया. जिससे राज ने आसानी से निर्मला के पैंटी को निकाल कर एक तरफ फैंक दिया. और खुद के अंडरवेर को भी उतार दिया.

निर्मला की चूत मे राज का फनफनाता लंड देख कर और पानी आने लगा. और वो अपने होंठो को दाँतों मे भींच कर बड़ी ही कामुकता के साथ राज के लंड को वासना भरी नज़रों से देखने लगी.

निर्मला: आह बाबू जी आप का लंड कैसे लोहे की रॉड जैसे खड़ा है. अब जल्दी से अपना लौडा मेरी भोसड़ी मे घुस्सा दो ना. देखो ना मेरी चूत कैसे अपनी लार टपका रही है, आप के लंड को देख कर.

राज ने निर्मला की टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा दिया. और उसकी जाँघो को दोनो तरफ फैला दिया. निर्मला अपने हाथों को अपनी चूत पर ले गयी. और अपनी चूत की फांकों को पूरी तरहा फैला दिया.

निर्मला की चूत का छेद उसके कामरस से लबालबा रहा था. उसकी चूत का चेड कभी फैल और कभी सिकुड रहा था. निर्मला की चूत का गुलाबी भीगा हुआ छेद देख कर, राज का लंड और झटके खाने लगा.

निर्मला: (अपनी चूत के गीले छेद को राज को दिखाते हुए) आहह देखो ना बाबू जी आप का लंड लेने के लिए कैसे मेरी चूत लार टपका रही है. अब इसकी रगड़ रगड़ कर चुदाई कर दो.

राज ने अपने लंड के सुपाडे को निर्मला की चूत के छेद पर टिका दिया. जैसे ही निर्मला की चूत के छेद पर राज का मोटा गरम सुपाडा लगा. निर्मला की आँखे मस्ती मे बंद हो गयी. उसने अपने हाथों से अपनी चूत की फकॉं को छोड़ दिया. और चूत की फाके राज के लंड के सुपाडे पर कसने लगी.

निर्मला: अह्ह्ह्ह बाबू जीई अब डाल भी दो मेरी चूत मे आग दहक रही ही. ओह बाबू जीई चोदो मुझे.

राज ने अपने हाथों से निर्मला की जाँघो को घुटनो के पास से पकड़ कर उसके जाँघो को उसके पेट से सटा दिया. और अपनी कमर को पूरी रफ़्तार से आगे की तरफ धकेला. लंड का सुपाडा निर्मला की चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया. निर्मला की आँखे बंद हो गयी. उसके होंठो पर मुस्कान फैल गयी.

निर्मला: उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईई बाबू जी बहुत मोटा लंड है आपका ओह्ह्ह बहुत अच्छा लग रहा है, ऐसे ज़ोर जोर्र्र से धक्के मारो ना. ओह्ह ओह

राज निर्मला की बातें सुन कर जोश मे आ गया, और तेज़ी से अपनी कमर हिलाते हुए. अपने लंड को निर्मला की चूत मे अंदर और अंदर करने लगा. निर्मला अपनी चूत की दीवारों पर राज के मुन्सल लंड के मोटे सुपाडे की रगड़ को महसूस करके और मस्त हो गयी. और वो अहह सीईईईईई उंह जैसे मादक सिसकारियाँ भरने लगी.

राज का लंड निर्मला की चूत से निकल रहे पानी से गीला होकर फॅक-2 की आवाज़ करते हुए अंदर बाहर हो रहा था. निर्मला ने भी मस्ती मे आकर अपने चुतड़ों को ऊपेर की तरफ उछाल-2 कर अपनी चूत को राज के लंड पर पटकना चालू कर दिया. दोनो की जाँघो के जडे आपस मे टकरा कर ठप-2 की आवाज़ कर रही थी.

निर्मला: (तेज़ी से अपनी जाँघो को फैला कर ऊपेर की तरफ अपनी चूत को उछालते हुए) हाअ हाां बाबू जी ओह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह और ज़ोर से चोदो ओह फाड़ दो मेरी चूत को उम्ह्ह सीयी ओह्ह्ह्ह बाबू जी मेरी चूत पानी छोड़ने वाली है. भर दो मेरी चूत को अपने वीर्य से ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.

राज के तबडतोड़ धक्कों से निर्मला का पूरा बदन हिल रहा था. उसका बदन अकडने लगा. और उसने बेड शीत को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उछालना चालू कर दिया. और फिर उसका बदन झटके खाने लगा. और उसकी चूत से गरम पानी की नदी बह निकली. राज भी उसके पीछे -2 झड गया. और उसके ऊपेर लूड़क गया.


दूसरी तरफ डॉली के ससुराल मे अगले दिन.

दोपहर का वक़्त था. घर का नौकर वापिस जा चुका था. अब वो शाम को वापिस आने वाला था. डॉली की सास अपने रूम मे सो रही थी. डॉली ऊपेर अपने रूम मे सो रही थी. रवि को डॉली के साथ वाला छोटा सा स्टोर रूम रहने के लिए दिया गया था. स्टोर रूम मे काफ़ी पुराना समान पड़ा हुआ था, और एक बेड लगा हुआ था. जिसपर रवि बैठा हुआ तेज़ी से अपने लंड को अपने हाथ से हिला रहा था. वो चूत ना मिलने के कारण थोड़ा परेशान था. तभी उसके डोर पर नॉक हुआ, रवि एक दम से घबरा गया.

रवि: ( अपने शॉर्ट्स को ऊपेर करते हुए) कॉन ही.

डॉली: रवि मुझे नहाना है. तुम ज़रा मेरे रूम मे आकर साहिल के पास बैठ जाओ.

रवि: (डोर खोल कर) चलें दीदी……

और रवि डॉली के पीछे उसके रूम मे आ गया. साहिल बेड पर बैठा हुआ, अपने खिलोनो से खैल रहा था. रवि बेड पर बैठ गया, और डॉली एक नाइटी लेकर बाथरूम मे जाने लगी. रूम मे अंधेरा था. पर जैसे ही डॉली ने बाथरूम का डोर खोला. और अंदर जल रही लाइट से डॉली की नाइटी जो उसने पहनी हुई थी. उसके अंदर का बदन नाइटी मे सॉफ दिखाई देने लगा….डॉली ने अंदर कुछ नही पहना हुआ था. उसका साँचे मे ढला बदन नाइटी के अंदर से रवि के ऊपेर कहर ढा रहा था. डॉली बाथरूम मे घुस्स गयी.

बाहर रवि का लंड उसके शॉर्ट्स मे लोहे की रोड की तरह खड़ा झटके खा रहा था. रवि अपने लंड को शॉर्ट के ऊपेर से सहलाने लगा. जैसे ही रवि के कानो मे पानी गिरने की आवाज़ पड़ी…उसकी दिल की धड़कन तेज हो गयी, और वो ना चाहते हुए भी, बाथरूम के डोर के पास आकर खड़ा हो गया….अंदर से डॉली के गुनगुनाने की आवाज़ आ रही थी. रवि अपने पर काबू ना रख सका, और घुटनो के बल नीचे बैठ कर के होल से अंदर झाँकने लगा……

जैसे ही उसकी नज़रें डॉली पर पड़ी, उसके दिल ने धड़कना बंद कर दिया. उसकी नज़रों के सामने डॉली का दूधिया बदन था. डॉली की पीठ डोर की तरफ थी. रवि की आँखे उसके बदन के हर हिस्से को नाप रही थी…..एक दम गोरी चिकनी पीठ और नीचे पतली कमर देख कर रवि का लंड झटके खाने लगा….जब डॉली अपने बदन को अपने हाथों से रगड़ती, तो उसके दोनो चूतड़ मटकने लगते…जिसे देख रवि मस्ती के सागर मे डूबता जा रहा था….शवर के नीचे खड़े-2 डॉली डोर की तरफ पलट गयी….रवि की आँखों के सामने एक मेच्यूर और दुनियाँ की सबसे हसीन औरत के बूब्स थे…..

रवि को अपना थूक अपने गले के नीचे गटकना मुस्किल हो गया. वो तेज़ी से अपने लंड को अपने शॉर्ट्स के ऊपेर से मसलने लगा…..डॉली की 36 साइज़ की चुचियाँ एक दम कसी हुई और गुदाज थी…उसके निपल्स एक दम तने हुए थी……और ऊपेर की तरफ झाँक रहे थी….नीचे डॉली की मसल जाँघो के बीच छुपी हुई चूत की फांकों की लकीर देखते ही, रवि के लंड ने उसके शॉर्ट्स मे वीर्य की धार छोड़ दी….रवि वहीं बैठा हाँफने लगा,…..कुछ देर बाद वो बेड पर आकर बैठ गया….और डॉली के बाहर आने का इंतजार करने लगा……

थोड़ी देर बाद डॉली बाथरूम से बाहर आई….उसने दूसरी नाइटी पहनी हुई थी….जैसे ही रवि उठ कर बाहर जाने लगा….डॉली ने उसे पीछे से आवाज़ लगाई. रवि वहीं रुक गया….उसका दिल डर के मारे धड़कना भूल गया……..कहीं डॉली दीदी को पता तो नही चल गया......

डॉली: रवि अभी थोड़ी देर और बैठो ……मे नीचे से दूध की बॉटल ले आउ…नही तो साहिल फिर से परेशान करेगा……..

डॉली नीचे चली गयी…डॉली के जाने के बाद रवि बाथरूम मे घुस गया, और पेशाब करने लगा…..तभी उसकी नज़र डॉली की वाइट कलर की वीशेप पैंटी पर पड़ी… नज़ाने रवि मे कहाँ से हिम्मत आ गयी….उसने पैंटी को उठकर अपनी शॉर्ट्स की एलास्टिक मे दबा लिया….और तेज़ी से बाहर आकर साथवाले स्टोर रूम मे पैंटी को रख कर वापिस डॉली के रूम मे आकर बैठ गया…..थोड़ी देर बाद जब डॉली ऊपेर वापिस आई…तो रवि बिना कुछ बोले वापिस अपने स्टोर रूम मे चला गया…..

रात का टाइम था…..सब लोग बैठ कर खाना खा रहे थे….पर रवि स्टोर रूम को अंदर से बंद करके डॉली की पैंटी को अपने लंड पर कस्के मूठ मार रहा था…उसके दिमाग़ मे डॉली का गोरा बदन घूम रहा था….वो सुबह 2 बार मूठ मार चुका था…और अपना सारा वीर्य डॉली की पैंटी मे उडेल चुका था….डॉली की पैंटी रवि के वीर्य से पूरी तरहा सनी हुई थी….रवि तेज़ी से अपने लंड को हिला रहा था….तभी उसके डोर पर नॉक हुआ, और बाहर से डॉली की आवाज़ आए…….

डॉली की आवाज़ सुनते ही उसके हाथ पैर डर के मारे काँपने लगी….उसने जल्दी से पैंटी को बेड के नीचे फैंक दिया, और उठ कर शॉर्ट्स को पहन कर डोर खोला….सामने डॉली खड़ी थी.

डॉली: क्या बात है रवि तुम्हारी साँस इतनी क्यों चढ़ि हुई है….तबीयत तो ठीक है ना.

रवि: जी वो दीदी जी बिल्कुल ठीक हूँ……

डॉली: जा फिर नीचे जाकर खाना खा ले…..रात बहुत हो चुकी है.

डॉली वापिस चली गयी……रवि अपने हाथ धो कर नीचे खाना खाने के लिए चला गया….


खाना खाने के बाद रवि फिर से अपने रूम मे आ गया….उसका दिल डॉली की ससुराल मे बिल्कुल भी नही लग रहा था….वो मन मे सोचने लगा कि, अगर वो गाँव मे होता तो, पूनम उसकी बाहों मे होती, और वो उसकी जवानी का रस पान कर रहा होता. अगर पूनम के साथ कुछ करने का मोका ना भी मिलता तो, रज़िया तो उसके हाथ मे है ही. वो कभी भी अपने लंड को उसकी चूत मे डाल कर अपने लंड को शांत कर सकता था.

पर अब वो यहाँ कैसे अपने लंड को शांत कर सकता था…इसीलिए वो अपने उस छोटे से स्टोर रूम मे बेड पर बैठा हुआ, अपने लंड पर डॉली की वीशेप पैंटी को कसे हुए मूठ मार रहा था…..और उसके दिमाग़ मे डॉली का गोरा बदन घूम रहा था…उसने रात भर दो बार मूठ मारी……और थकान के कारण उसे कब नींद आई…उसे पता नही चला………

अगली सुबह……..

रवि सो रहा था…….तभी बाहर से डॉली ने डोर को नॉक करना शुरू कर दिया….जैसे ही रवि नींद से जगा उसे अपनी हालत का अंदाज़ा हुआ…वो बेड पर एक दम नंगा लेटा हुआ था…और डॉली की पैंटी उसकी टाँगों के बीच मे पड़ी हुई थी…जो उसके वीर्य से एक दम सनी हुई थी…वो डॉली की आवाज़ सुन कर एक दम से हड़बड़ा गया. और जल्दी से उठ कर अपना शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनने लगा…..कपड़े पहनने के बाद उसने डॉली की पैंटी को फिर से बेड के नीचे फैंक दिया…….और डोर खोला…

बाहर डॉली साहिल को गोद मे उठाए खड़ी थी….साहिल रो रहा था….शायद भूख के कारण…रवि डॉली की ओर देखते हुए बोला….

रवि: क्या हुआ दीदी क्या बात है…..

डॉली: देखो ना रवि साहिल भूक के कारण रो रहा है…घर मे दूध भी ख़तम है….जाओ बाज़ार से दूध ले आओ….(डॉली ने रवि की तरफ हाथ मे पकड़े हुए पैसे बढ़ा दिए….रवि ने पैसे लिए और तेज़ी से नीचे चला गया)

डॉली साहिल को चुप कराने के लिए बाहर गॅलरी मे टहलने लगी…इधर उधर घूमते हुए उसकी नज़र स्टोर रूम मे पड़े बॅट पर पड़ी…..ये बॅट डॉली के पति का था….उसे क्रिकेट खेलने का बहुत शॉंक था……..डॉली अपने आप को रोक ना पे…और स्टोर रूम के अंदर जाने लगी…अभी वो बॅट की तरफ बढ़ ही रही थी…कि उसके पैर मे कोई चीज़ अटक गये….स्टोर रूम मे अंधैरा था….जब डॉली ने उसे अपने पैर से निकाल कर ऊपेर उठाया…..तो उसकी आँखें फटी-2 रह गयी….

डॉली: ये क्या ये तो मेरी पैंटी है…पर ये ये यहाँ कैसे आई……

डॉली को कुछ समझ मे नही आ रहा था…वो पैंटी को उठा कर बाहर ले आई…और बाहर आकर देखने लगी….उसके चहरे का रंग एक दम से उड़ गया…..उसकी पैंटी रवि के वीर्य से सनी हुई थी….उसकी पैंटी पर रवि के कम के निशान पड़े हुए थे…जो अब तक सुख चुके थे…डॉली के गुस्से का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया….उसे कुछ समझ मे नही आ रहा था, कि आख़िर ये हो क्या रहा है…..डॉली ने पैंटी को वहीं वापिस फैंक दिया…..और साहिल को लेकर अपने रूम मे आ गयी……

अपने रूम मे आने के बाद उसने साहिल को बेड पर लेटा दिया…..और खुद बाथरूम मे जाकर अपने हाथ को धोने लगी….उसे रवि से बहुत घिन आ रही थी…हाथ धोने के बाद वो बेड पर आकर बैठ गयी , और साहिल को उठा लिया…..डॉली के कुछ ही दिनो पहले दूध आना बंद हुआ था..इसीलिए वो अब साहिल को अपना दूध नही पिला पा रही थी…थोड़ी देर बाद रवि उसके रूम मे आ गया….उसके हाथ मे दूध की बॉटल थी…

रवि: दीदी ये लो……मे दूध ले आया….

डॉली ने उसकी तरफ देखे बिना उसके हाथ से दूध की बॉटल ली….और रवि बाहर चला गया….रवि के जाने के बाद डॉली साहिल को दूध पिलाने लगी…

दोपहर को जब सब लोग खाना खा चुके थे…..तो डॉली ऊपेर अपने रूम मे आ गयी…उसकी सास नीचे अपने रूम मे सो रही थी…घर मे जो नौकर काम करता था….वो वापिस जा चुका था…और घर मे रवि डॉली और उसकी सास ही थी… डॉली का दिल बहुत बेचैन था…वो बार-2 अपने मन मे यही सोच रही थी, कि आख़िर रवि की हिम्मत कैसे हुई, ऐसी हरकत करने की…..क्या वो भैया को नही जानता…वो उसे जिंदा ज़मीन मे गाढ देंगे……
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RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश - by sexstories - 12-20-2019, 01:10 PM

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