RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
तभी उसे स्टोर रूम का डोर बंद होने की आवाज़ आई…..डॉली ने साहिल की तरफ देखा…साहिल सो रहा था……..वो धीरे से बेड से खड़ी हुई….और बाहर आ गयी… स्टोर रूम का डोर अंदर से लॉक था…. वो डोर के पास आई, और नीचे पंजों के बल बैठ कर के होल से अंदर झाँकने लगी…अंदर काफ़ी अंधैरा था….पर जब थोड़ी देर बार उसकी आँखे अंदर की लाइट के हिसाब से सेट हुई, तो उसे उसकी आँखों के सामने था…उसे देख कर डॉली के रोंगटे खड़े हो गये…अंदर रवि बेड पर लेटा हुआ, तेज़ी से अपने लंड पर डॉली की पैंटी को लपेटे हुए मूठ मार रहा था……
डॉली को अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा था….एक पल के लिए डॉली की आँखे भी रवि के 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड पर जम गयी…रवि के लंड के गुलाबी सुपाडे को देख कर उसके दिल की धड़कन तेज हो गयी……पर अगले ही पल उसके गाल गुस्से के मारें लाल होकर दहकने लगी…वो उठ कर खड़ी हो गयी…और डोर को नॉक किया…..अंदर रवि ने जल्दी से खड़े हो कर अपने शॉर्ट्स को ऊपेर किया…और पैंटी को बेड के नीचे छुपा कर डोर खोला…….
रवि: (सामने डॉली को देख कर थोड़ा घबराते हुए) क्या हुआ दीदी……
डॉली का गुस्सा और बढ़ गया…..और उसने एक ज़ोर दार थप्पड़ उसकी गाल पर झाड़ दिया….रवि का गाल एक दम से सुन्न हो गया…..वो अपने गाल पर हाथ रख कर डॉली की ओर देखने लगा…….
रवि: (रुआंसी से आवाज़ मे) मैने क्या किया है दीदी…..
डॉली: (एक और थप्पड़ रवि के गाल पर मारते हुए) तुझे शरम नही आती….मुझे दीदी कहते हो……और मेरे बारे मे ग़लत सोचते हो…..
रवि: पर दीदी (इससे पहले कि रवि कुछ और बोलता डॉली ने दो थप्पड़ और उसकी गाल पर मार दिए…जिससे रवि का नीचे वाला होन्ट कट गया….और उससे खून निकलने लगा.)
डॉली: (अपने पैर से बेड के नीचे से पैंटी को निकालते हुए) ये क्या कर रहे थी.. कितनी गंदी सोच है तुम्हारी…..मुझे दीदी कहते हो…..और मेरे बारे मे ग़लत सोचते हो. तुम्हे ज़रा भी डर नही लगा ऐसा करते हुए…अगर भैया को बताया तो वो तुझे मार डालेंगे….शरम आनी चाहिए….
रवि घुटनो के बाल डॉली के पैरों को पकड़ कर बैठ गया…..और रोते हुए उससे माफी माँगने लगा…
रवि: दीदी मुझ माफ़ कर दो……आप बाबू जी को मत बताना……मैं बहक गया था..मुझ माफ़ कर दो…
डॉली बिना कुछ बोले हुए बाहर आ गयी….और अपने रूम मे चली गयी….
डॉली के जाने के बाद रवि वहीं बैठा रोता रहा…..डॉली का गुस्सा सातवे आसमान पर था…..वो अपने रूम मे आकर लेट गयी….उसका दिमाग़ उलझनो से भरा हुआ था…उसे पता नही चला उसे कब नींद आ गयी…..शाम के 5 बजे उसकी सास ने उसे ऊपेर आकर उठाया…..डॉली उठ कर बैठ गयी…
डॉली की सास: बेटा तेरे पापा का फोन आया था…….आज हमे रात को उनके फ्रेंड के बेटे की शादी मे जाना है….वो आते ही होंगे, चलो उठ कर तैयार हो जाओ…
डॉली: नही मम्मी जी आप जाए…….मेरा मन नही है….और तबीयत भी कुछ ठीक नही लग रही….
डॉली के साँस: ठीक है बेटा….मैं नौकर से कह देती हूँ, कि वो तुम्हारे और रवि के लिए खाना बना दे…..अच्छा मे नीचे जाकर तैयार होती हूँ…तू भी नीचे आजा चाइ तो पी ले…..
डॉली: ठीक है मम्मी जी….आप चलें मैं आती हूँ…..
डॉली की साँस नीचे चली गयी…डॉली उठ कर बाथरूम मे गयी…और हाथ मुँह धोने लगी….उसके दिमाग़ मे अभी भी दोपहर की घटना ही घूम रही थी..उसकी आँखों के सामने बार-2 रवि का फेस आ रहा था…..उसके होंठो से कितना खून निकल रहा था…मेने कुछ ज़्यादा ही सख्ती दिखा दी…मुझ उसे समझाना चाहिए था….आख़िर उसकी उम्र ही क्या है….और वो तो बेचारा बिना माँ बाप के पला है…अगर उसके माँ बाप जिंदा होते तो, वो ऐसा बिल्कुल भी नही करता…….आख़िर उसे इस उम्र मे सीधी राह दिखाने वाला भी तो कोई नही है…..
ये सब सोचते हुए डॉली साहिल को उठा कर नीचे आ गयी…नीचे उसका ससुर अजीत शर्मा आ चुका था…..और वो अपनी वाइफ का वेट कर रहा था……डॉली को देख कर वो बोला.
अजीत शर्मा: क्या हुआ बेटा आप तैयार नही हुए..
डॉली: नही पापा मे नही जा रही…..मेरी तबीयत ठीक नही है….आप मम्मा को साथ लेकर चले जाओ….
अजीत शर्मा: ठीक है बेटा…..पर अपना ख़याल रखना……
इतने मे डॉली की सास भी बाहर आ गयी…..और तैयार हो चुकी थी.
अजीत शर्मा: बेटा अब हम निकलते हैं….कल सुबह वापिस आएँगे….अपना ख़याल रखना….
डॉली: ठीक पापा जी…
डॉली के सास ससुर वापिस चले गये…..धीरे धीरे रात हो गयी…..नौकर खाना बना चुका था…उसने खाने को टेबल पर लगा दिया….और खुद अपने घर चला गया… डॉली के मन मे अशांति फैली हुई थी…रवि दोपहर से स्टोर रूम से बाहर नही निकला था…….खाना खाने के बाद डॉली ने एक प्लेट मे खाना डाला, और ऊपेर आ गयी…और स्टोर रूम का डोर नॉक किया…पर डोर खुला था…इसीलिए डोर खुल गया…
डॉली ने अंदर देखा….रवि ठीक उसी जगह बैठा हुआ था…..यहाँ पर डॉली ने दोपहर को उसको छोड़ा था….वो अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे बैठा हुआ था. और उसने अपने सर को अपनी टाँगों मे छुपा कर रखा हुआ था… डॉली अंदर आ गयी….और बेड पर खाने की प्लेट रख कर नीचे पैरों के बल बैठ गयी…. और रवि के बालों मे अपने हाथ फेरते हुए बोली……
डॉली: रवि खाना खा लो……..
ये सुनते ही रवि ज़ोर ज़ोर से रोने लगा…..और डॉली से माफी माँगने लगा…डॉली उसे चुप करने के लिए बोल रही थी….पर रवि रोए जा रहा था….
रवि: दीदी मुझ माफ़ कर दो……मुझसे ग़लती हो गयी……आप बाबू जी को मत बताना…
डॉली: अच्छा नही बताउन्गी……पहले चुप करो, और खाना खा लो….फिर बाद मे बात करते हैं….
रवि: (अपने आँसू पोंछते हुए) दीदी आप ने मुझ माफ़ कर दिया ना….
डॉली: हां….चल अब उठ कर खाना खा ले…..
रवि उठ कर बेड पर बैठ गया, और खाना खाने लगा…डॉली उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए रूम से बाहर जाने लगी…
डॉली: रवि तुम मेरे रूम मे खाना खाने के बाद आना….मुझे तुम से कुछ बात करनी है….
रवि ने खाना खाते हुआ हां मे सर हिला दिया……..और डॉली अपने रूम मे चली गयी….रवि खाना खा कर नीचे चला गया…क्योंकि बाथरूम के लिए उसे नीचे बने बाथरूम मे ही जाना पड़ता था….जब वो नीचे आया तो, घर मे सन्नाटा पसरा हुआ था…..रवि वापिस ऊपर आ गया…और डॉली के रूम का डोर नॉक किया….
अंदर से डॉली ने उठ कर डोर खोला…..और बाहर आ गयी…..और रवि को इशारे से अंदर आने के लिए कहा….क्योंकि साहिल सो रहा था….दोनो अंदर आ गये…डॉली बेड पर बैठ गयी….और रवि उसके सामने किसी मुजरिम की तरह खड़ा था….
डॉली: (थोड़ी देर चुप रहने के बाद) देखो रवि तुम जो अपने साथ कर रहे हो, वो ठीक नही है….तुम्हे पता भी है, ऐसी ग़लत हरकतों से इंसान के ऊपेर कितना बुरा असर पड़ता है…
रवि: पर दीदी मे बहक गया था……कल जब आप…..
और रवि बोलते-2 रुक गया…
डॉली: हां बतो रवि क्या कहना चाहते हो…..
रवि: (घबराते हुए) दीदी आप गुस्सा करोगी……
डॉली: देखो रवि सुबह मुझे तुम्हारे साथ ऐसे पेश नही आना चाहिए था…उसके लिए मे तुम्हे सॉरी कहती हूँ…मुझ पता है कि तुम बिना माँ बाप के पले हो…और इसीलिए मे तुम्हे हर तरहा मदद करूँगी….
रवि: दीदी मे इसीलिए बहक गया था, कि कल मैने आप को नहाते हुए देख था…मैं अपने आप पर काबू नही रख सका….मुझ माफ़ कर दो दीदी…..
रवि की बात सुन कर डॉली के फेस का रंग उड़ गया….वो एक टक रवि को देखे जा रही थी..उसका मुँह रवि की बातों को सुन कर खुला का खुला रह गया…..
डॉली: (चोन्क्ते हुए) क्या कह रहे हो…..
रवि: (घबराते हुए) दीदी मैं सच बोल रहा हूँ……..पर मुझसे ग़लती हो गयी है..मुझ माफ़ कर दो..( ये कहते हुए रवि की आँखों मे फिर से आँसू आ गये.)
डॉली: अच्छा-2 चुप करो नही तो साहिल उठ जाएगा….आओ इधर आओ…
डॉली ने रवि का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर अपने साथ बैठा लिया….और उसके आँसू पोंछते हुए उसे चुप कराने लगी….पर रवि चुप नही हो रहा था…..
डॉली: अब चुप करो रवि…..मैने तुम्हे माफ़ कर दिया है……पर मेरी एक बात को ध्यान से सुनो….ये चीज़ें अपने दिमाग़ से निकाल दो….(डॉली की बात सुन कर रवि ना मे सर हिलाने लगा. जिसे देख कर डॉली और कन्फ्यूज़ हो गयी)
डॉली: क्या कहना चाहते हो…….
रवि: दीदी मैं चाह कर भी…आपको अपने दिमाग़ से निकाल नही सकता…….मुझ माफ़ कर दो…..आप का फेस हर टाइम मेरी आँखों और दिमाग़ मे छाया रहता है….
डॉली: ये क्या कह रहे हो रवि तुम्हे ये सब नही सोचना चाहिए…तुम्हारी उम्र ही क्या है…..मेरे बारे मे ऐसा सोचना बंद कर दो…..जब तुम्हारी उम्र हो गी..तुम्हे मुझसे भी खूबसूरत पत्नी मिल जाएगी….
रवि: (रोते हुए) नही दीदी मैं आप को नही भूल सकता….मैं क्या करूँ…..मुझे खुद समझ मे नही आ रहा…..
डॉली रवि को चुप करा रही थी…..दोनो एक दूसरे के बिल्कुल पास बैठे हुए थे.. डॉली का दिल रवि के आँसू और उसके कटे हुए होन्ट को देख कर पिघलने लगा….उसे अहसास तक नही हुआ, कि कब रवि का एक हाथ उसकी कमर पर आ गया….रवि जानता था कि, घर मे और कोई नही है….रूम मे आने से पहले से उसने ये तय कर लिया था…कि आज वो हर हाल मे डॉली को पा कर रहे गा……चाहे उसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े…अगर बात बिगड़ गयी….तो वो घर से भाग कर कहीं दूर चला जाएगा…..पर वो अपनी किस्मत को आज़माने से नही चुके गा………
रवि अब अपने आँसुओ का सहारा लेते हुए, डॉली के पास और पास आता चला जा रहा था…डॉली को इस बात का बिल्कुल भी अंदेशा नही था, कि रवि के मन मे क्या चल रहा है. डॉली रवि के बालों मे अपनी उंगलियों से सहलाते हुए, रवि को चुप करा रही थी. रवि का एक हाथ डॉली की कमर पर धीरे-2 ऊपेर नीचे हो रहा था. आख़िर कार रवि ने रोते हुए, अपने फेस को डॉली के गले पर लगा दिया. डॉली को एक पल के लिए थोड़ा अजीब लगा, पर अगले ही पल डॉली ये सोच कर चुप रह गये, कि रवि की मानसिक हालत ठीक नही है.
रवि: (रोते हुए) मुझ माफ़ कर दो दीदी, मैं अपने दिमाग़ से आप की छवि को नही निकाल पा रहा हूँ..ऐसा क्यों है दीदी…
इस दौरान रवि के होंठ डॉली की नेक से कुछ इंच दूर पहुँच चुके थे. जिसे डॉली नज़र अंदाज़ कर रही थी.
डॉली: मैं जानती हूँ रवि ये इतना आसान नही होगा. पर तुम्हे सबर से काम लेना चाहिए. धीरे- 2 सब ठीक हो जाएगा.
रवि के हाथ का दबाव डॉली की कमर पर धीरे -2 बढ़ता जा रहा था. डॉली को जब महसूस हुआ, तो उसके दिल की धड़कन एक दम से तेज हो गयी. उसने जैसे ही रवि को पीछे हटाना चाहा, रवि ने अपने होंठो को डॉली की नेक पर लगा दिया. डॉली के बदन मे मानो करेंट की लहर दौड़ गयी. उसका पूरा बदन थरथराने लगा. एक पल के लिए वासना के नशे मे उसकी आँखे बंद हो गयी. पर अगले ही पल उसने अपने आप को बहकने से रोकने के लिए, रवि को पीछे की ओर धकेलना चालू कर दिया.
पर रवि अब पीछे नही हटाना चाहता था, इसीलिए उसने डॉली को अपनी दोनो बाहों मे भर लिया. और अपने होंठो से डॉली की नेक के हर हिस्से को किस करने लगा. डॉली एक दम से मचल उठी. उसकी साँसें तेज हो गयी.
डॉली: ( मदहोशी से भरी लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे) ओह्ह्ह्ह ये क्या क्या कर रहे हो रवि, पीछे हटो..छोड़ो मुझे..
पर रवि तो जैसे डॉली की बात को सुन ही नही रहा था. वो पागलों की तरहा डॉली की नेक पर किस करता हुआ, अपने हाथों से डॉली की पीठ को धीरे-2 सहला रहा था. डॉली का बदन ढीला पढ़ने लगा. उसकी आँखे भी बंद होने लगी. वो बड़ी मुस्किल से अपनी आँखों को खोल कर रखे हुए थी. फिर अचानक से डॉली की आँखे बंद हो गयी. वो एक दम से शांत हो गयी. जिसे देख रवि का हॉंसला बढ़ गया, और उसने डॉली के होंठो की तरफ अपने होंठो को बढ़ाना चालू कर दिया. रवि अपनी आँखों से डॉली के थरथरा रहे होंठो को देख कर और उतेज़ित हो गया.
और उसने अपने होंठो को डॉली के काँप रहे होंठो पर रख दिया. डॉली ने अपने होंठो को आपस मे भींच लिया. और रवि के कंधों पर अपने दोनो हाथों को रख कर रवि को पूरी ताक़त से पीछे की ओर धकेला. रवि बेड से नीचे जा गिरा. डॉली ने अपनी आँखे खोली. और बेड से उठ कर खड़ी हो गयी. रवि एक दम से हैरान रह गया. उसे अपना प्लान मिट्टी मे मिलता हुआ नज़र आ रहा था. उसके फेस का रंग एक दम से उड़ गया.
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