Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:10 PM,
#66
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
डॉली के आँखे गुस्से से भरी हुई थी. जैसे ही रवि खड़ा हुआ, डॉली ने एक जोरदार तमाचा उसके मुँह पर दे मारा.

डॉली: तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मेरे साथ ऐसे हरकत करने की.

इससे पहले कि रवि कुछ बोल पाता. उसके गाल पर एक के बाद एक दो थप्पड और झाड़ दिए. रवि का गाल लाल हो गया. वो एक टक डॉली को देखे जा रहा था.

डॉली: मुझे पता होता कि, तुम पर मेरे समझाने का भी कोई असर नही होगा, तो मे सुबह ही तुम्हे यहाँ से निकलवा देती. जाओ दफ़ा हो जाओ यहाँ से.

रवि: (अपने गाल पर आए हुए आँसुओं को सॉफ करते हुए) पर दीदी इसमे मेरा कोई कसूर नही है. मे आप से सच मे प्यार करता हूँ.

डॉली: बंद करो अपनी बकवास, और दफ़ा हो जाओ यहाँ से.

रवि: मे सच कह रहा हूँ दीदी.

डॉली: (गुस्से से) तुम्हे पता भी है प्यार का क्या मतलब होता है. तुम्हारे पास तो इतनी अकल भी नही है कि, मे तुम्हे समझा सकूँ. तुम्हे ये भी नही दिखाई देता. कि मे किसी की विधवा हूँ, एक बच्चे की माँ हूँ. शरम आनी चाहिए.

रवि: दीदी मे आप जैसी बड़ी-2 बातें करना नही जानता. पर मे सच मे आप से प्यार करता हूँ.

डॉली: मे तुम्हारी कोई बात नही सुनना चाहती..जाओ बाहर जाओ. मुझे तुम्हारी शकल नही देखनी है.

रवि रोता हुआ रूम से बाहर आ गया. डॉली ने अंदर से डोर लॉक किया, और अपने सर को पकड़ कर बेड पर बैठ गयी.

डॉली: (अपने आप से) ओह भगवान ये क्या हो रहा है.. मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा.

डॉली बेड पर लेट गयी. और सोने की कॉसिश करने लगी. पर नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी.

डॉली सोने की नाकाम कॉसिश कर रही थी. पर वो सो नही पा रही थी. रात के 11 बज रहे थे. पर नींद अभी भी उसकी आँखों से कोसो दूर थी. तभी उसके कानो मे हल्की-2 रोने के आवाज़ पड़ी. डॉली एक दम से उठ कर बैठ गयी.. रोने की आवाज़ रवि की थी, डॉली ने अपना ध्यान दूसरी तरफ लगाने की कॉसिश की, पर वो अपने आप को रोकनही पाई , और बेड से धीरे से उठ कर डोर की तरफ जाने लगी. उसका एक दिल कर रहा था, कि वो रवि को उसके हाल पर छोड़ दे, वो अपनी इस हालत के लिए खुद ज़िम्मेदार है. और दूसरा दिल कर रहा था, कि उसे बाहर जाना चाहिए…

पर आख़िर कार डॉली अपने दिल के आगे हार गयी, और उसने धीरे से डोर खोला. जैसे ही उसने डोर खोला तो, वो एक दम से घबरा गयी. क्योंकि रवि बाहर गॅली मे बैठा हुआ था. और धीरे-2 सूबक रहा था. डॉली धीरे-2 रवि की तरफ बढ़ी, रवि डॉली की ओर देखने लगा….

डॉली: (परेशानी से भरी आवाज़ मे) क्यों रवि मुझे क्यों परेशान कर रहे हो..

रवि: दीदी मे आपको परेशान नही करना चाहता…मे तो बस आप से प्यार करता हूँ.

डॉली: (रवि की ओर पास आते हुए) नही रवि जो तुम सोच रहे हो, वो ठीक नही है. अपनी ज़िद्द छोड़ दो….

जब डॉली रवि के पास पहुँची, तो वो रवि का फेस देख कर एक दम से हैरान रह गये. उसके होंठो से खून बह कर उसकी चिन पर जमा हुआ था. ये देखते ही, डॉली का कोमल दिल एक दम से पिघल गया. और वो उसके बाद उसके पास बैठ गयी….

डॉली: तुम अपनी दीदी को बहुत प्यार करते हो ना.

रवि: हां डिड मे आप से बहुत प्यार करता हूँ….मे आपके बिना एक पल भी नही रह सकता….मे सच कह रहा हूँ……..

डॉली: फिर मेरी एक बात मनोगे…

रवि: हां दीदी बोलो…..मे आप की हर बात मानूँगा…..

डॉली: (एक लंबी साँस लेते हुए) देखो रवि मे अपने पति से बहुत प्यार करती थी, और आज भी करती हूँ…..उनकी जगह मेरे दिल मे और कोई नही ले सकता…..उसके इसके किसी और के बारे मे सोच भी नही सकती….तुम समझ रहे हो ना मे क्या कह रही हूँ….
रवि: हां दीदी मे समझ रहा हूँ……पर मे……

डॉली: (रवि को बीच मे टोकते हुए) देखो रवि तुम्हारे दिल पर मेरा कोई ज़ोर नही है. इसीलिए मे तुम्हे और तुम्हारे दिल को मेरे बारे मे सोचने से रोक नही सकती…अब तुम मेरे बारे मे क्या सोचते हो, वो तुम जानते हो, पर रवि मे तुम्हारी साथ ऐसा रिश्ता नही रख सकती….

रवि उठ कर खड़ा हो गया, और अपनी आँखों से आँसू सॉफ करने लगा….डॉली भी खड़ी हो गयी. वो रवि के चहरे की भावनाओ को पढ़ने के कॉसिश कर रही थी… वो सोच रही थी, कि शायद उसकी बात रवि के समझ मे आ गयी है….डॉली ने रवि को कंधों से पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया, और उसके होंठो पर लगे हुए खून को अपने हाथ की उंगलियों से सॉफ करने लगी……

रवि: (डॉली की नरम उंगलियों को अपने होंठों पर महसूस करके) दीदी मैं आप से एक बात कहना चाहता हूँ, आप मना तो नही करोगी.

डॉली: (ये सोचते हुए कि, शायद रवि को उसकी बात समझ मे आ गयी है) हां बोलो.

रवि: (अपने गले का थूक मुस्किल से गटकते हुए) दीदी वो मे आप को एक बार किस करना चाहता हूँ….

डॉली रवि की बात सुन कर एक दम से हैरान हो गयी….वो पीछे की और हट गयी…इससे पहले कि डॉली बोलने के लिए अपना मुँह खोलती……..रवि फिर से बोल उठा….

रवि: दीदी प्लीज़ मना मत करना…..मे आपको बहुत प्यार करता हूँ….प्लीज़ एक बार इसके बाद मे आप से बहुत दूर चला जाउन्गा…….

डॉली चुप चाप बुत की तरह खड़ी थी. डॉली को कोई जवाब देता ना देख रवि उसकी तरफ बढ़ने लगा…जैसे जैसे रवि डॉली की तरफ बढ़ रहा था, डॉली की धड़कन तेज हो रही थी…..

वो नज़रें झुका कर खड़ी थी, और बीच -2 मे रवि की ओर देख रही थी….उसके हाथ पैर अंजाने डर के कारण कांप रहे थी….वो सोच समझ नही पा रही थी, कि वो जो करने जा रही है, ग़लत है या ठीक…..पर डॉली के पास इतना सोचने का टाइम नही था.. रवि उसके बिल्कुल पास आ चुका था…उसने डॉली की कमर के दोनो ओर अपने हाथ रख लिए…पतली सी नाइटी के ऊपेर से रवि के हाथों को अपनी कमर पर महसूस करके, डॉली के बदन मे कपकपि दौड़ गयी….और आने वाले पलों के बारे मे सोच कर उसके दिल ने धड़कना बंद कर दिया….

डॉली को ऐसे बिना कोई विरोध के खड़ा देख कर रवि की हिम्मत बढ़ने लगी. पर उसका हाल डॉली से भी बुरा था…उसने कभी कल्पना भी नही की थी, कि डॉली जैसे बहुत ही खूबसूरत और भरे हुए बदन की मालकिन उसके सामने ऐसे खड़ी हो गी…अपने सामने खड़ी उस कमनीय जैसी खूबसूरत औरत को देख कर उसके हाथ पावं भी कांप रहे त… उसके दिल की धड़कने भी तेज चल रही थी….

रवि डॉली को उसकी कमर से थामे हुए, धीरे -2 उसे अपनी तरफ सरकाने लगा. उन दोनो के बदन का फाँसला हर पल कम हो रहा था….जैसे -2 दोनो के जिस्म नज़दीक आ रहे थे.. डॉली की आँखे धीरे-2 बंद होती जा रही थी…आख़िर कार रवि ने हिम्मत करके डॉली को अपनी बाहों मे भर कर अपने से चिपका लिया….डॉली उसकी बाहों मे कसमसा गयी… रवि डॉली की ओर देखने लगा…..

डॉली ने अपनी आँखे बंद कर रखी थी…उसके होन्ट ठहरथरा रहे थे…जिसे देख कर रवि की आँखों मे चमक आ गयी…वो अपनी किस्मत पर बड़ा इतरा रहा था….आख़िर कार वो आज डॉली के गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठो का रस पान करने वाला था.. रवि ने डॉली की ओर देखते हुए, उसके थरथरा रहे गुलाबी रसीले होंठो की तरफ अपने होंठो को बढ़ाना चालू कर दिया….

डॉली अपने फेस और होंठो पर रवि की साँसों को महसूस करके मचल उठी….पर अगले ही पल उसके दिमाग़ मे ये आ गया कि, वो रवि को किस से आगे नही बढ़ने देगी. चाहे कुछ भी हो जाए….वो अपनी मान मर्यादा नही तोड़े गी….

रवि ने एक बार फिर से डॉली की ओर देखा…..और अपने होंठो को डॉली के नाज़ुक होंठो पर रख दिया….डॉली एक दम से कसमसा गयी…..रवि ने डॉली को अपनी बाहों मे और कस लिया….और धीरे -2 डॉली के होंठो को चूसने लगा…..डॉली अपने होंठो को बंद किए हुए थी…पर रवि जी भर के डॉली के होंठो को रस पीना चाहता था….इसीलिए उसने सिर्फ़ डॉली के नीचे वाले होंठ को अपने दोनो होंठो मे भींच लिया…जिसे डॉली के दोनो होंठो मे थोड़ा सा गॅप बन गया….और मोका देखते हुए, रवि ने डॉली के नीचे वाले होंठ को अपने दोनो होंठो मे ले लिया….और ज़ोर -2 चूसने लगा….ना चाहते हुए भी डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी…
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RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश - by sexstories - 12-20-2019, 01:10 PM

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