Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:10 PM,
#68
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
डॉली ये सोच कर शरम से मरी जा रही थी……कि उसकी गान्ड रवि के आँखों के सामने है….डॉली की साँसें ये सोचते ही और तेज हो गयी….

डॉली: (लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे) प्लीज़ रवि मान जाओ छोड़ दो मुझे ओह्ह्ह्ह पीछे हट जाओ….मे तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ……चले जाओ यहाँ से……..

पर रवि के मन मे तो कुछ और ही था, आज उसने सोच लिया था, कि वो किसी भी कीमत पर पीछे नही हटेगा….उसने गॅलरी मे चारो तरफ देखा…वहाँ पर दीवार के साथ एक टेबल लगा हुआ था…जिस पर एक फ्लवर पॉट रखा हुआ था…वो टेबल उससे सिर्फ़ 4 फुट की दूरी पर था….

रवि ने डॉली को बाहों मे भर लिया….और डॉली की नेक को पीछे से किस करते हुए, उस टेबल के पास ले गया….उसने अपने एक हाथ से फ्लवर पॉट को नीचे रखा……और डॉली को अपनी तरफ घुमा लिया…..डॉली के गाल उतेजना के कारण एक दम लाल सुर्ख हो रखे थे….उसकी मदहोशी से भरी आँखे बहुत ही मुस्किल से खुल पा रही थी….रवि ने डॉली के होंठो की ओर देखते हुए, डॉली को अपनी बाहों मे भर लिया…उसकी नाइटी अभी भी उसकी कमर मे अटकी हुई थी……

रवि के हाथ डॉली के मुलायम चुतड़ों पर आ गये…..और उसने डॉली के चुतड़ों को धीरे-2 मसलते हुए, अपने होंठो को डॉली के होंठो की तरफ बढ़ाना चालू कर दिया. डॉली एक दम से मचल उठी…उसकी चूत से उसका काम रस निकल कर उसकी पैंटी को गीला कर रहा था…..जिसे वो अच्छी से महसूस कर पा रही थी…..

कुछ ही पलों मे रवि ने फिर से अपने होंठो को डॉली के गुलाबी रसीले होंठो पर रख दिया….इस बार डॉली ने बिना विरोध किए, अपने होंठो को खोल लिया, और रवि धीरे-2 डॉली के होंठो को चूसने लगा…..और साथ साथ मे वो डॉली के चुतड़ों की दरार मे अपनी एक उंगली को ऊपेर नीचे करके रगड़ने लगा….डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी……उसने रवि के कंधों को कस के पकड़ लिया…….यहाँ तक डॉली के हाथों के नाख़ून भी रवि के कंधों मे धँस गये……

रवि अपने कंधों मे डॉली के नाख़ून के चुबन को महसूस करके और गरम हो रहा था….ये डॉली की मस्ती मे आने के संकेत थे….तभी अचानक रवि ने डॉली के चुतड़ों को अपने पंजों मे दबोच कर उसे ऊपेर उठा कर टेबल पर बैठा दिया….टेबल 4 फीट लंबा और सिर्फ़ 2 फीट चौड़ा था…. डॉली का दिल अंजाने डर के कारण जोरों से धड़क रहा था….उसके दिमाग़ मे बस यही चल रहा था, कि अब रवि क्या करने वाला है…

फिर रवि ने डॉली की दोनो टाँगों को पकड़ कर डॉली के पैरो को टेबल के ऊपेर रख दिया….जिससे डॉली की पिंडलियाँ, उसकी जाँघो से चिपक गयी….और डॉली पीछे की तरफ लूड़क गयी…पर पीछे दीवार थी…जिसके कारण उसकी पीठ दीवार से सॅट गयी… अब डॉली अपनी आँखे बंद किए हुए, तेज़ी से साँसें लेती हुई, टेबल पर बैठी थी…

नीचे उसकी वीशेप ब्लॅक कलर की पैंटी देख कर रवि का लंड उसके शॉर्ट्स मे झटके खाने लगा…उसकी पैंटी पर गीले पन के निशान देख कर रवि के होंठो पर मुस्कान आ गयी…..डॉली शरम के मारे मरी जा रही थी, उसने अपनी टाँगों को आपस मे सटा लिया… पर अगले ही पल रवि के होंठो पर मुस्कान आ गयी, और उसने डॉली की जाँघो को पकड़ कर खोल दिया…..

डॉली ने अपनी आँखों को एक बार खोला , और रवि की ओर देखते हुए फिर से अपनी आँखों को बंद कर लिया…..

डॉली: ये क्या कर रहे हो रवि……..ऐसे मत देखो…….प्लीज़ मुझ जाने दो…..

रवि के होंठो पर सिर्फ़ मुस्कान ही आई, पर उसने डॉली की बात का कोई जवाब नही दिया. फिर रवि ने अपने घुटनो को थोड़ा से मोड़ लिया, और डॉली की चूत के सामने आ गया.. डॉली आने वाले पलों के बारे मे सोच कर घबरा रही थी…….वो ना चाहते हुए भी रवि को रोक नही पा रही थी…..

फिर रवि ने डॉली की वीशेप पैंटी के आगे हुए गीले पन को देखते हुए, उसकी तरफ अपने होंठो को बढ़ाना चालू कर दिया…..डॉली रवि की गरम साँसों को अपनी जाँघो की जडो और चूत के आस पास महसूस करके एक दम से मचल उठी, उसने अपनी गुलाब की फंख़्ुड़ियों जैसे होंठो को अपने दाँतों मे भींच लिया. उसकी चुचियाँ उसके तेज सांस लेने के कारण ऊपेर नीचे हो रही थी….

रवि ने तिरछी नज़रों से डॉली के फेस की ओर देखा….उस हसीना का चेहरा बिकुल लाल सुर्ख हो कर दहक रहा था….रवि के होंठो की मुस्कान हर पल बढ़ती जा रही थी. उसने डॉली की ओर देखते हुए, अपने होंठो को डॉली की चूत पर पैंटी के ऊपेर से रख दिया. जैसे ही रवि के होन्ट डॉली की पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत पर लगे…डॉली एक दम सिसिया उठी, और उसने अपने दोनो हाथों से टेबल को कस के पकड़ लिया….

डॉली: ओह अहह उंगग्गग रवि क्या कर रहे हूऊओ. बस बससस्स करो ओह्ह्ह्ह क्यों तडपा रहे हो . छोड़ दो मुझे आह सीईईईईईई सीईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.

पर रवि को तो उसकी मन माँगी मुराद मिल गयी थी….वो डॉली की चूत की फांकों को पैंटी के ऊपेर से अपने होंठो मे भर कर ज़ोर-2 से चूसने लगा…डॉली की चूत से निकले हुए काम रस, जो कि उसकी पैंटी पर लगा हुआ था. रवि के मुँह मे उसका स्वाद घुल गया…जिससे रवि की आँखों मे अजीब सा नशा छा गया…..जैसे उसने कोई नशीली चीज़ चख ली हो….डॉली का पूरा बदन उतेजना के मारें कांप रहा था…

डॉली के बदन मे मस्ती की लहर चढ़ने लगी….वो अब काफ़ी गरम हो चुकी थी. फिर रवि ने अचानक से डॉली की वीशेप पैंटी को आगे से अपने हाथ से हटा दिया… सामने डॉली की गोरी फूली हुई चूत के होन्ट उसके काम रस से लबलबा रहे त…उसकी चूत का छेद उतेज्ना के कारण सिकुड और फैल रहा था…रवि को अपनी आँखों पर विश्वास नही हो रहा था……कि डॉली की गोरी चूत और उसकी चूत का गुलाबी रस से भरा छेद उसकी आँखों के सामने है…

रवि की आँखों की चमक और बढ़ गयी थी….रवि अपने आप को रोक ना सका, और उसने अपने होंठो को डॉली की चूत की फांकों पर लगा दिया….डॉली ज़ोर ज़ोर से सिसियाने लगी.. वो अपने दोनो हाथों से अपने बालों को पकड़ कर नोचने लगी…उसकी सिसकारियाँ पूरे घर मे गूंजने लगी…………

डॉली: अहह रवि ये क्या ओह उंह सीयी सीईईईईईईईईईई अहह उन्घ्ह्ह्ह उंघह बस करो ओह्ह्ह अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईई रवीीईईईईईई

डॉली अब लगभग चीखते हुए सिसकारियाँ भर रही थी…..उसकी आवाज़ मे मदहोशी और वासना घुली हुई थी….उसका पूरा बदन झटके खा रहा था….धीरे धीरे उसके दोनो हाथ रवि के सर पर आ गये….और वो रवि के सर को पीछे की ओर धकेलने लगी….रवि ने डॉली की चूत को चाटते हुए, अपनी शॉर्ट्स को घुटनो तक सरका दिया…..और फिर एक दम से खड़ा हो गया…

रवि के लंड के नसें एक दम फूली हुई थी…..और उसका लंड अकड़ कर झटके खा रहा था…रवि ने अपने लंड के सुपाडे को एक दम से डॉली की चूत के छेद पर लगा दिया.. जैसे ही रवि के लंड का गरम सुपाडा डॉली की चूत के छेद पर लगा….डॉली के बदन मे करेंट सा दौड़ गया…..

अचानक उसे अपनी हालत का अहसास हुआ….वो एक दम से घबरा गयी….उसने अपनी वासना से भरी हुई आँखों को बड़ी मुस्किल से खोला, और रवि की ओर देखते हुए, काँपती आवाज़ मे बोली…..

डॉली: रवि प्लीज़ तुम्हे मेरी कसम है……बस करो…अब और नही…..

रवि ने डॉली की बात सुनते ही, अपने लंड के सुपाडे को डॉली की चूत के छेद से हटा लिया….और डॉली की ओर देखते हुए, मुस्कुराते हुए बोला.

रवि: चलो जैसे आप कहें. पर आप को भी मेरी एक बात माननी होगी…..

डॉली: (काँपती हुई आवाज़ मे. अब डॉली के पास रवि की बात को मानने के अलावा और कोई चारा भी नही था) हां बोलो….मे तुम्हारी हर बात मानूँगी….

रवि: (डॉली को अपनी बाहों मे भर कर टेबल से नीचे उतारते हुए) दीदी मे तुम्हे जी भर कर प्यार करना चाहता हूँ…..जब तक तुम नही कहोगी…मे तुम्हारी चूत मे अपना लंड नही घुसाउन्गा….बोलो मुझ प्यार करने से तो नही रोकोगी…

डॉली के पास अब कोई चारा नही था….वो रवि के मुँह से लंड और चूत जैसे शब्द सुन कर एक दम से शरमा गयी….उसने अपने सर को झुका लिया….और हां मे सर हिला दिया…..

ये देखते ही रवि के होंठो पर जीत की ख़ुसी की मुस्कान फैल गयी…उसने डॉली को अपनी बाहों मे भर लिया, और उसके होंठो पर अपने होन्ट रख दिए…डॉली को अपनी चूत के रस से भीगे हुए, रवि के होन्ट बड़े अजीब से लग रहे थे…..पर ना चाहते हुए भी उसे रवि का साथ देना पड़ रहा था….रवि जी भर कर डॉली के दोनो होंठो को बारी-2 चूस रहा था…और डॉली रवि की बाहों मे कस्मसाये जा रही थी….

रवि डॉली का हाथ पकड़ कर उसे स्टोर रूम मे ले गया…..और डॉली को बेड पर धक्का दे दिया…..डॉली बेड पर गिर पड़ी….उसकी टाँगें बेड के नीचे लटक रही थी. डॉली रवि को हैरत से भरी नज़रों से देख रही थी…जो लड़का कल तक उसकी गुलामी करता था. आज उसके साथ कैसे पेश आ रहा है…..

रवि ने डॉली की टाँगों को उठा कर घुटनो से मोड़ दिया….जिससे डॉली की नाइटी सरक कर उसकी कमर मे आ गयी….और फिर उसने डॉली की ब्लॅक कलर की वीशेप पैंटी को दोनो साइड से पकड़ कर एक झटके से खैंच दिया….कुछ ही पलों मे डॉली की पैंटी उसकी टाँगों से निकल कर फर्श पर पड़ी थी….डॉली ने अपनी आँखों को बंद कर लिया…रवि की आँखों के सामने डॉली की चूत का छेद फडफडा रहा था….जो उसके काम रस से भीग कर चमक रहा था….

रवि पैरो के बल नीचे बैठ गया….और अपने हाथों से डॉली की चूत की फांकों को फैला कर उसकी चूत की एक फाँक को अपने मुँह मे भर लिया…डॉली एक दम से मचल उठी….उसका पूरा बदन झटके खाने लगा….

डॉली: अहह उन्घ्ह्ह्ह उंघह सीईईईईईई ओह बसस्स बसस्सस्स करो ओह उईमा उफ़फ्फ़ उफफफफफ्फ़ अहह…..

डॉली की मस्ती और वासना से भरी सिसकारियाँ रवि के जोश को और बढ़ा रही थी… रवि ने अपने होंठो मे डॉली की चूत की एक फाँक को पूरा भरा हुआ था…रवि अपने होंठो का दबाव उसकी फाँक पे डालता हुआ, धीरे -2 फाँक को खैंचने लगा….डॉली की चूत के होन्ट रवि के होंठो से रगड़ खाते हुए, धीरे -2 बाहर आ रहे थे…जिसके कारण डॉली वासना के सागर मे डूबी जा रही थी…..उसकी सिसकाराया अब चीखो मे बदल गयी थी….और वो अहह ओह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईई नही रवीिइ ओह बस करूऊ अहह ऐसे मस्ती से भरी हुई सिसकारियाँ निकाल रही थी..

जैसे ही डॉली की चूत की फाँक खैंचते हुए, रवि के होंठो से बाहर आई…डॉली एक दम से सिहर गयी……उसने अपने खुले हुए बालों को कस के पकड़ लिया….और तेज़ी से अपना सर इधर उधर हिलाने लगी….

डॉली: बस बस करो रवि…….बस करो……
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